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यूपी की 9 राज्यसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन में भाजपा बिठा रही समीकरण

यूपी की 10 राज्यसभा की सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर भाजपा उम्मीदवारों के चयन में जुट गई है. भाजपा राजनीतिक और सामाजिक समीकरण के आधार पर उम्मीदवारों के चयन में विचार कर रही है, जिससे 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सभी वर्गों को यह संदेश जा सके कि पार्टी सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है. इसमें भाजपा के खाते में 9 सीटें आने वाली हैं जबकि 1 सीट पर सपा का प्रत्याशी होगा.

उम्मीदवारों के चयन में जुटी भाजपा
उम्मीदवारों के चयन में जुटी भाजपा
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Published : Oct 20, 2020, 4:33 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा की रिक्त सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों के चयन में जुट गई है. 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी यूपी की रिक्त इन राज्यसभा सीटों पर जातीय और सामाजिक समीकरण देखते हुए उम्मीदवारों का चयन करने के बारे में विचार कर रही है, जिससे विधानसभा चुनाव से पहले सभी वर्गों को यह संदेश दिया जा सके कि भारतीय जनता पार्टी सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है और सबको राजनीतिक भागीदारी का मौका भी देती है.

उम्मीदवारों के चयन में जुटी भाजपा
राज्यसभा जाने के लिए दावेदारों ने तेज की भागदौड़
25 नवंबर को राज्यसभा की यूपी से 10 सीटें खाली हो रही हैं. इनमें से 9 सीटें भारतीय जनता पार्टी को विधायकों की संख्या बल के आधार पर मिलना तय है. एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाएगी. ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में विशेष ध्यान दे रही है.
RSS से लेकर भाजपा हाईकमान तक जुगाड़ जारी
वहीं, दूसरी तरफ राज्यसभा जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं की तरफ से दावेदारी पेश कर दी गई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व तक दौड़-भाग की जा रही है और अपने पक्ष में लामबंदी भी कराई जा रही है, जिससे राज्यसभा जाने का रास्ता तैयार हो सके.
ये लोग जा सकते हैं यूपी से राज्यसभा
भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से वर्तमान राज्यसभा सदस्य अरुण सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को दोबारा राज्यसभा भेजा जाना लगभग तय माना जा रहा है. समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले नरेश अग्रवाल, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, राम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विनय कटियार को भी राज्यसभा भेजे जाने पर केंद्रीय नेतृत्व फैसला कर सकता है.
राज्य के बाहर के नेता भी जा सकते हैं राज्यसभा
बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी जिस प्रकार से दूसरे राज्यों के नेताओं को उत्तर प्रदेश राज्यसभा भेजती रही है. अब जब यूपी में 9 सीटें बीजेपी को मिल रही हैं तो कुछ नेता उत्तर प्रदेश के तो कुछ अन्य राज्यों के नेताओं को यूपी के रास्ते राज्यसभा भेजे जाने पर भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व फैसला कर सकता है. इनमें भी और जातीय समीकरण के साथ ही सामाजिक समीकरणों पर भी ध्यान देते हुए पार्टी प्रत्याशी चयन पर अंतिम फैसला करेगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा की रिक्त सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों के चयन में जुट गई है. 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी यूपी की रिक्त इन राज्यसभा सीटों पर जातीय और सामाजिक समीकरण देखते हुए उम्मीदवारों का चयन करने के बारे में विचार कर रही है, जिससे विधानसभा चुनाव से पहले सभी वर्गों को यह संदेश दिया जा सके कि भारतीय जनता पार्टी सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है और सबको राजनीतिक भागीदारी का मौका भी देती है.

उम्मीदवारों के चयन में जुटी भाजपा
राज्यसभा जाने के लिए दावेदारों ने तेज की भागदौड़
25 नवंबर को राज्यसभा की यूपी से 10 सीटें खाली हो रही हैं. इनमें से 9 सीटें भारतीय जनता पार्टी को विधायकों की संख्या बल के आधार पर मिलना तय है. एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाएगी. ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में विशेष ध्यान दे रही है.
RSS से लेकर भाजपा हाईकमान तक जुगाड़ जारी
वहीं, दूसरी तरफ राज्यसभा जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं की तरफ से दावेदारी पेश कर दी गई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व तक दौड़-भाग की जा रही है और अपने पक्ष में लामबंदी भी कराई जा रही है, जिससे राज्यसभा जाने का रास्ता तैयार हो सके.
ये लोग जा सकते हैं यूपी से राज्यसभा
भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से वर्तमान राज्यसभा सदस्य अरुण सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को दोबारा राज्यसभा भेजा जाना लगभग तय माना जा रहा है. समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले नरेश अग्रवाल, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, राम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विनय कटियार को भी राज्यसभा भेजे जाने पर केंद्रीय नेतृत्व फैसला कर सकता है.
राज्य के बाहर के नेता भी जा सकते हैं राज्यसभा
बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी जिस प्रकार से दूसरे राज्यों के नेताओं को उत्तर प्रदेश राज्यसभा भेजती रही है. अब जब यूपी में 9 सीटें बीजेपी को मिल रही हैं तो कुछ नेता उत्तर प्रदेश के तो कुछ अन्य राज्यों के नेताओं को यूपी के रास्ते राज्यसभा भेजे जाने पर भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व फैसला कर सकता है. इनमें भी और जातीय समीकरण के साथ ही सामाजिक समीकरणों पर भी ध्यान देते हुए पार्टी प्रत्याशी चयन पर अंतिम फैसला करेगी.
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