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नीरज शेखर को उनकी ही सीट से राज्यसभा भेज भाजपा ने शुरु की नई परंपरा !

भारतीय जनता पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को उनकी रिक्त सीट से ही राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. नीरज शेखर सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे. इसके लिए उन्होंने राज्यसभा सदस्य से भी इस्तीफा दिया था.

भाजपा से नीरज शेखर को राज्यसभा भेजने की तैयारी.
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Published : Aug 10, 2019, 2:58 PM IST

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी में एक नई तरह की परंपरा शुरू हुई है. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और समाजवादी पार्टी छोड़ भाजपा में आने वाले नीरज शेखर के रूप में इसकी मिसाल देखने को मिली. नीरज शेखर ने सपा के राज्यसभा सदस्य से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी का दामन थामा था. अब पार्टी ने उन्हें उनकी ही रिक्त हुई सीट से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि दूसरी पार्टियों से आने वाले नेताओं को भाजपा इसी तर्ज पर राज्यसभा भेज सकती है.

भाजपा से नीरज शेखर को राज्यसभा भेजने की तैयारी.
पार्टी के अंदर क्या है स्थिति

इससे पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया तो समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्यों ने बीजेपी में अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया, लेकिन वह विधान परिषद का मामला था. अब राज्यसभा में भी इसी प्रकार की परंपरा शुरू करने की बात शुरू हो गई है. पार्टी के अंदर यह सवाल उठ रहे हैं कि जो लोग सपा छोड़ पार्टी से जुड़ रहे हैं क्या उन्हें भी उनकी ही रिक्त सीट पर राज्यसभा भेजा जाएगा. इसके जबाव में पार्टी पदाधिकारियों का तर्क है कि जब उन नेताओं ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी छोड़ दी है तो बीजेपी की तरफ से भेजने में कोई दिक्कत नहीं है.

इस फैसले पर पार्टी के अंदर दबे स्वर में चिंता जताई जा रही है. पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि भाजपा की ताकत को देखते हुए सभी दलों से लोग पार्टी में शामिल होना चाह रहे हैं. इसके लिए राज्यसभा से भी इस्तीफे दिए जा रहे हैं. ऐसे में इन लोगों को राज्यसभा भेजना ठीक नहीं है.

नीरज शेखर राज्यसभा के सांसद थे. उन्होंने सदन की सदस्यता छोड़ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें उनकी ही सीट से राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है.
-मनीष शुक्ला, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी में एक नई तरह की परंपरा शुरू हुई है. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और समाजवादी पार्टी छोड़ भाजपा में आने वाले नीरज शेखर के रूप में इसकी मिसाल देखने को मिली. नीरज शेखर ने सपा के राज्यसभा सदस्य से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी का दामन थामा था. अब पार्टी ने उन्हें उनकी ही रिक्त हुई सीट से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि दूसरी पार्टियों से आने वाले नेताओं को भाजपा इसी तर्ज पर राज्यसभा भेज सकती है.

भाजपा से नीरज शेखर को राज्यसभा भेजने की तैयारी.
पार्टी के अंदर क्या है स्थिति

इससे पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया तो समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्यों ने बीजेपी में अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया, लेकिन वह विधान परिषद का मामला था. अब राज्यसभा में भी इसी प्रकार की परंपरा शुरू करने की बात शुरू हो गई है. पार्टी के अंदर यह सवाल उठ रहे हैं कि जो लोग सपा छोड़ पार्टी से जुड़ रहे हैं क्या उन्हें भी उनकी ही रिक्त सीट पर राज्यसभा भेजा जाएगा. इसके जबाव में पार्टी पदाधिकारियों का तर्क है कि जब उन नेताओं ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी छोड़ दी है तो बीजेपी की तरफ से भेजने में कोई दिक्कत नहीं है.

इस फैसले पर पार्टी के अंदर दबे स्वर में चिंता जताई जा रही है. पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि भाजपा की ताकत को देखते हुए सभी दलों से लोग पार्टी में शामिल होना चाह रहे हैं. इसके लिए राज्यसभा से भी इस्तीफे दिए जा रहे हैं. ऐसे में इन लोगों को राज्यसभा भेजना ठीक नहीं है.

नीरज शेखर राज्यसभा के सांसद थे. उन्होंने सदन की सदस्यता छोड़ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें उनकी ही सीट से राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है.
-मनीष शुक्ला, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी में एक नई तरह की परंपरा पार्टी के अंदर शुरू की है यह परंपरा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे समाजवादी पार्टी को छोड़कर आने वाले नीरज शेखर को लेकर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य से इस्तीफा देते हैं और बीजेपी के सदस्य करते हैं बीजेपी उन्हें उनकी ही रिक्त सीट पर राज्यसभा भेजने का फैसला करती है यह फैसला हो यह परंपरा पार्टी में में चर्चा का विषय बना हुआ है।


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इससे पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया तो समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्यों ने बीजेपी में अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया लेकिन वह विधान परिषद का मामला था अब राज्यसभा में भी इसी प्रकार की परंपरा शुरू करने की बात शुरू हो गई है।
पार्टी के अंदर लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि और जो लोग समाजवादी पार्टी छोड़कर पार्टी से जुड़ रहे हैं क्या उन्हें भी उनकी ही रिक्त सीट पर पार्टी राज्यसभा भेजेगी वहीं कुछ और लोगों का कहना है कि जब वो अपनी सदस्यता से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी छोड़ दी है तो बीजेपी की तरफ से भेजने में कोई दिक्कत नहीं है हालांकि इसके बावजूद कुछ लोग यह भी कहते हैं कि हर जगह बीजेपी की सरकार है तो तमाम सारे लोग पार्टी में आना चाह रहे हैं और अपनी सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं ऐसे लोगों को भेजना ठीक नहीं है लेकिन बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को राज्यसभा भेजकर यह दिखा दिया कि वह कुछ भी कर सकती है।


बाईट
मनीष शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
नीरज शेखर राज्यसभा के सांसद थे उन्होंने अपनी और बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की भाजपा केंद्रीय नेतृत्व उन्हें उनकी ही सीट पर राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है बीजेपी उसका स्वागत करते हैं।



Conclusion:समाजवादी पार्टी से पिछले दिनों सुरेंद्र नागर ने भी राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष संजय सेठ ने भी इस्तीफा दे दिया और बीजेपी का दामन थाम लिया ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारतीय जनता पार्टी संजय सेठ को उनकी ही रिक्त सीट पर राज्यसभा भेजने का फ़ैसला करेगी।
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