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इन 10 सीटों पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर, जानिए कौनसी हैं ये विधानसभा और कौन हैं यहां से उम्मीदवार - उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तर प्रदेश की 10 प्रमुख सीटे हैं जहां भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट के अलावा पश्चिम से लेकर पूर्व तक आठ अन्य अहम सीटें हैं जहां भारतीय जनता पार्टी अगर नहीं जीती तो पूरे संगठन नेतृत्व पर बड़े सवाल उठेंगे.

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10 सीटों पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर
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Published : Mar 9, 2022, 3:03 PM IST

लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तर प्रदेश की 10 प्रमुख सीटें हैं जहां भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट के अलावा पश्चिम से लेकर पूर्व तक आठ अन्य अहम सीटें हैं जहां भारतीय जनता पार्टी अगर नहीं जीती तो पूरे संगठन नेतृत्व पर बड़े सवाल उठेंगे.

गोरखपुर शहर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से उम्मीदवार हैं. पहली बार भाजपा की ओर से विधायकी का चुनाव लड़ रहे हैं. 1998 से लगातार गोरखपुर से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ से पहले डॉ. राधा मोहन जायसवाल 2017 में भारतीय जनता पार्टी से विधायक थे. उनकी जगह इस बार मुख्यमंत्री योगी मैदान में उतरे हैं. सपा से उनके विरोध में शुभावती शुक्ला मैदान में हैं.

सिराथू: कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर समाजवादी पार्टी से पल्लवी पटेल मैदान में हैं. पल्लवी पटेल भाजपा गठबंधन में शामिल अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की बहन हैं. बताया जा रहा है कि पटेल मजबूती से चुनाव लड़ रही हैं.

अयोध्या: आंदोलन का केंद्र रही राम जन्मभूमि अयोध्या की सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है. इस सीट पर भाजपा से वर्तमान विधायक वेद प्रकाश गुप्ता उम्मीदवार हैं. समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री पवन पांडेय यहां पर भाजपा का सामना कर रहे हैं.

रायबरेली सदर: रायबरेली सदर से भाजपा की प्रत्याशी अदिति सिंह हैं. अदिति सिंह कांग्रेस से भाजपा में आईं हैं. वो यहां 2017 में जोरदार जीत दर्ज कर चुकी हैं. तीन महीने पहले ही वो भाजपा में शामिल हुई हैं. यहां समाजवादी से आरपी यादव मैदान में हैं.

करहल: करहल विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उम्मीदवार हैं. भारतीय जनता पार्टी की इस सीट पर अपनी प्रतिष्ठा बचानी होगी. यहां से केंद्रीय मंत्री एस पी बघेल को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है जो कि अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- मतगणना के बाद बसपा में बदलाव के संकेत, नेशनल कोऑर्डिनेटर रामजीलाल से हुई शुरुआत

सरोजनी नगर: लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से भाजपा प्रत्याशी ईडी से नौकरी छोड़कर आए राजेश्वर सिंह हैं. राजेश्वर सिंह के खिलाफ सपा से पूर्व मंत्री प्रो. अभिषेक मिश्र उम्मीदवार हैं. यहां से राज्य मंत्री स्वाति सिंह का टिकट काटा गया है. भाजपा के लिए यह सीट बहुत अहम है.

कन्नौज सदर: कन्नौज सदर सीट से भाजपा के प्रत्याशी पुलिस की नौकरी छोड़कर भाजपा में आए असीम अरुण हैं. असीम अरुण को इस सीट पर उतारकर भाजपा ने सपा के सामने चुनौती खड़ी की है.

नोएडा: नोएडा सीट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह उम्मीदवार हैं. उनके खिलाफ अहम उम्मीदवार कांग्रेस की पंखुड़ी पाठक हैं. नोएडा से पंकज सिंह ही वर्तमान विधायक हैं. उन पर यह सीट बचाने की जिम्मेदारी है.

थाना भवन: शामली जिले की थाना भवन सीट पर भाजपा के राज्य मंत्री सुरेश राणा चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी सीट पर कांटे की टक्कर बताई जा रही है. सुरेश राणा ने यहां फर्जी वोटिंग की शिकायत चुनाव आयोग से की थी. यहां से गठबंधन से अशरफ अली उम्मीदवार हैं.

बलिया सदर: बलिया सदर सीट से भाजपा के उम्मीदवार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह हैं. उनके खिलाफ सपा से पूर्व मंत्री नारद राय उम्मीदवार हैं. यह सीट भी काफी अहम मानी जा रही है.

लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तर प्रदेश की 10 प्रमुख सीटें हैं जहां भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट के अलावा पश्चिम से लेकर पूर्व तक आठ अन्य अहम सीटें हैं जहां भारतीय जनता पार्टी अगर नहीं जीती तो पूरे संगठन नेतृत्व पर बड़े सवाल उठेंगे.

गोरखपुर शहर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से उम्मीदवार हैं. पहली बार भाजपा की ओर से विधायकी का चुनाव लड़ रहे हैं. 1998 से लगातार गोरखपुर से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ से पहले डॉ. राधा मोहन जायसवाल 2017 में भारतीय जनता पार्टी से विधायक थे. उनकी जगह इस बार मुख्यमंत्री योगी मैदान में उतरे हैं. सपा से उनके विरोध में शुभावती शुक्ला मैदान में हैं.

सिराथू: कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव मैदान में उतारा है. इस सीट पर समाजवादी पार्टी से पल्लवी पटेल मैदान में हैं. पल्लवी पटेल भाजपा गठबंधन में शामिल अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की बहन हैं. बताया जा रहा है कि पटेल मजबूती से चुनाव लड़ रही हैं.

अयोध्या: आंदोलन का केंद्र रही राम जन्मभूमि अयोध्या की सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है. इस सीट पर भाजपा से वर्तमान विधायक वेद प्रकाश गुप्ता उम्मीदवार हैं. समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री पवन पांडेय यहां पर भाजपा का सामना कर रहे हैं.

रायबरेली सदर: रायबरेली सदर से भाजपा की प्रत्याशी अदिति सिंह हैं. अदिति सिंह कांग्रेस से भाजपा में आईं हैं. वो यहां 2017 में जोरदार जीत दर्ज कर चुकी हैं. तीन महीने पहले ही वो भाजपा में शामिल हुई हैं. यहां समाजवादी से आरपी यादव मैदान में हैं.

करहल: करहल विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उम्मीदवार हैं. भारतीय जनता पार्टी की इस सीट पर अपनी प्रतिष्ठा बचानी होगी. यहां से केंद्रीय मंत्री एस पी बघेल को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है जो कि अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.

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सरोजनी नगर: लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से भाजपा प्रत्याशी ईडी से नौकरी छोड़कर आए राजेश्वर सिंह हैं. राजेश्वर सिंह के खिलाफ सपा से पूर्व मंत्री प्रो. अभिषेक मिश्र उम्मीदवार हैं. यहां से राज्य मंत्री स्वाति सिंह का टिकट काटा गया है. भाजपा के लिए यह सीट बहुत अहम है.

कन्नौज सदर: कन्नौज सदर सीट से भाजपा के प्रत्याशी पुलिस की नौकरी छोड़कर भाजपा में आए असीम अरुण हैं. असीम अरुण को इस सीट पर उतारकर भाजपा ने सपा के सामने चुनौती खड़ी की है.

नोएडा: नोएडा सीट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह उम्मीदवार हैं. उनके खिलाफ अहम उम्मीदवार कांग्रेस की पंखुड़ी पाठक हैं. नोएडा से पंकज सिंह ही वर्तमान विधायक हैं. उन पर यह सीट बचाने की जिम्मेदारी है.

थाना भवन: शामली जिले की थाना भवन सीट पर भाजपा के राज्य मंत्री सुरेश राणा चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी सीट पर कांटे की टक्कर बताई जा रही है. सुरेश राणा ने यहां फर्जी वोटिंग की शिकायत चुनाव आयोग से की थी. यहां से गठबंधन से अशरफ अली उम्मीदवार हैं.

बलिया सदर: बलिया सदर सीट से भाजपा के उम्मीदवार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह हैं. उनके खिलाफ सपा से पूर्व मंत्री नारद राय उम्मीदवार हैं. यह सीट भी काफी अहम मानी जा रही है.

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