लखनऊ : समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके गढ़ मैनपुरी में भारतीय जनता पार्टी डिंपल यादव के खिलाफ मजबूत दावेदार उतारने पर जोर दे रही है. जिससे समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव की विरासत की सियासत को समाप्त कर सके. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी बेहतरीन रणनीति बनाने पर ध्यान दे रही है. एक दमदार उम्मीदवार को लेकर पार्टी के शीर्ष स्तर पर मंथन हो रहा है. भाजपा की कोशिश है जिस प्रकार उसने आजमगढ़, रामपुर, कन्नौज जैसे समाजवादी पार्टी के गढ़ पर कब्जा जमा लिया है वैसे ही मैनपुरी में भी सपा की किलेबंदी को ध्वस्त कर दिया जाए.
भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी के गढ़ मैनपुरी में मजबूती से चुनाव लड़ने को लेकर पूरी रणनीति बनाने का काम कर रही है. बीजेपी नेतृत्व के निर्देश पर मैनपुरी जीतने की पूरी फुलप्रूफ प्लानिंग तैयार की जा रही है. पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में शाक्य बिरादरी से किसी मजबूत दावेदार को उम्मीदवार बनाए जाने पर मंथन किया गया है और जल्द ही उम्मीदवार घोषित किया जाएगा.
सूत्र बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी शाक्य बिरादरी से आने वाले प्रेम सिंह शाक्य, ममतेश शाक्य को चुनाव मैदान में उतार सकती है. रघुराज सिंह का भी नाम चर्चा में है. वहीं सूत्रों का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी मैनपुरी में ममतेश शाक्य को डिंपल यादव के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी मान रही है. बीजेपी यूपी की तरफ से कोर कमेटी की बैठक के बाद उपचुनाव के उम्मीदवारों के नाम का एक पैनल बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जा रहा है, जल्द ही तीनों उपचुनाव के प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिए जाएंगे.
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में विरासत की सियासत को पूरी तरह से समाप्त करने की रणनीति बना चुकी है. कांग्रेस पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही कमल खिलाने का काम किया है. अब जब मुलायम सिंह यादव की परंपरागत सीट और समाजवादी पार्टी का किला कहा जाने वाला मैनपुरी का उप चुनाव हो रहा है तो भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव को पूरी तरह से अपने पक्ष में करने की फुलप्रूफ प्लानिंग कर रही है. इसको लेकर पार्टी के तमाम बड़े नेताओं को वहां पर चुनाव प्रचार सहित अन्य तरह की जिम्मेदारी दी जा रही है. भले ही मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी में होने वाले उपचुनाव में लोगों की सहानुभूति डिंपल यादव के साथ हो, लेकिन बीजेपी इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को हराने की रणनीति बना रही है. इसीलिए यहां यादव बिरादरी के बाद शाक्य बिरादरी के उम्मीदवार को उतारने की तैयारी हो रही है. जिससे बीजेपी गैर यादव, ओबीसी, अनुसूचित जाति के मतदाताओं के सहारे चुनाव में जीत दर्ज कर सके. देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय जनता पार्टी मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी में जीत दर्ज करने में सफल हो पाती है या नहीं.
खास बात यह है कि 2019 का लोकसभा चुनाव जब हुआ तो उस समय बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था. कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारा था. तब मुलायम सिंह यादव ने करीब 90 हजार वोट के आस-पास चुनाव जीतने में सफलता पाई थी, लेकिन इस बार बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन नहीं है. ऐसे में दलित वोट को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए बीजेपी नेतृत्व काफी तैयारी कर रहा है और पार्टी अगर सफल रही तो समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव की चुनावी राह काफी मुश्किलों वाली हो सकती है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में गढ़ की राजनीति को ध्वस्त कर दिया है. समाजवादी पार्टी जिसको अपना गढ़ मानती थी आजमगढ़, रामपुर, कन्नौज, फिरोजाबाद एक-एक करके सारे गढ़ों को ध्वस्त कर दिया है. कांग्रेस पार्टी के अभेद्य दुर्ग अमेठी को भी बीजेपी ने ध्वस्त कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं की एक मजबूत श्रृंखला वाली सेना खड़ी की है. जिसके सामने कोई गढ़ और कोई दुर्ग अभेद्य नहीं बचा है. भारतीय जनता पार्टी मैनपुरी के चुनाव में जिसे सपा अपना गढ़ मानने की गलती कर रही है उसकी गलतफहमी दूर कर देगी. ठीक वैसे ही डिंपल यादव पराजित होंगी, जैसे 2009 के फिरोजाबाद उपचुनाव में समाजवादी पार्टी चुनाव हारी थीं. अब मैनपुरी में नेताजी के निधन के बाद उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से चुनाव जीतने जा रही है. भारतीय जनता पार्टी का कमल खिलने जा रहा है. समाजवादी पार्टी की करारी शिकस्त होगी.
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