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BJP में इस्तीफों का दौर जारी, विधायक मुकेश वर्मा ने छोड़ी पार्टी - स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा

भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. शिकोहाबाद फिरोजाबाद से विधायक हैं. मुकेश वर्मा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से इस्तीफा पत्र शेयर क इस्तीफे की घोषणा की है.

बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा
बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा
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Published : Jan 13, 2022, 11:12 AM IST

Updated : Jan 13, 2022, 2:30 PM IST

लखनऊ: भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. शिकोहाबाद फिरोजाबाद से विधायक हैं. मुकेश वर्मा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से इस्तीफा पत्र शेयर क इस्तीफे की घोषणा की है.

यूपी में चुनावी बिगुल बजने के बाद से ही बीजेपी में इस्तीफों का दौर जारी हो गया है. मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान समेत 5 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब बीजेपी के एक और विधायक ने पार्टी छोड़ दी है.

फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद सीट से बीजेपी विधायक डॉ. मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. 11 जनवरी को लिखा गया इस्तीफा पत्र आज मुकेश वर्मा ने अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर करते हुए कहा है कि 'भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई व दलित, पिछड़ों किसानों व बेरोजगारों की उपेक्षा की गई. इस कारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. साथ ही विधायक मुकेश वर्मा ने अपना समर्थन स्वामी प्रसाद मौर्य को दिया है.

जानकारी देते विधायक मुकेश वर्मा.

दरअसल, मुकेश वर्मा जिस सीट से बीजेपी विधायक है. उस सीट से कभी मुलायम सिंह यादव भी चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचे थे. माना जा रहा है कि मुकेश वर्मा समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके हैं और 14 जनवरी को सपा ज्वाइन कर सकते हैं.

पत्र.
पत्र.

निषाद वोट बैंक में हो सकती है सेंधमारी

साल 2017 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद सीट से विधायक चुने गए डॉ. मुकेश वर्मा ने भाजपा को राम राम बोल दिया. पेशे से डॉक्टर मुकेश वर्मा निषाद जाति से आते है. साल 2012 में भी इन्होंने बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सपा प्रत्याशी ओमप्रकाश वर्मा से यह चुनाव हार गए थे. साल 2017 में इन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की और बीजेपी के टिकट पर ही यह चुनाव जीते.

दरअसल, यह क्षेत्र निषाद और यादव बाहुल्य होने के कारण यहां दोनों जातियां चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती है. जातिगत आंकड़ों के हिसाब से यहां वोटरों की तादाद साढ़े तीन लाख के लगभग है. जिनमें से 1 लाख यादव और 50-60 हजार वोटर निषाद है.

मुकेश वर्मा के पार्टी छोड़ने से ऐसा माना जा सकता है कि बीजेपी के निषाद वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि मुकेश वर्मा किस दल में जाएंगे, लेकिन उन्होंने अपने पत्र में जिस तरह से स्वामी प्रसाद मौर्य में आस्था जताई है. उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि मुकेश वर्मा सपा ज्वाइन कर सकते हैं.

इसे भी पढे़ं- लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान, कहा- जब लोहा गरम हुआ, तब मैंने मारा हथौड़ा

लखनऊ: भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. शिकोहाबाद फिरोजाबाद से विधायक हैं. मुकेश वर्मा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से इस्तीफा पत्र शेयर क इस्तीफे की घोषणा की है.

यूपी में चुनावी बिगुल बजने के बाद से ही बीजेपी में इस्तीफों का दौर जारी हो गया है. मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान समेत 5 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब बीजेपी के एक और विधायक ने पार्टी छोड़ दी है.

फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद सीट से बीजेपी विधायक डॉ. मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. 11 जनवरी को लिखा गया इस्तीफा पत्र आज मुकेश वर्मा ने अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर करते हुए कहा है कि 'भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई व दलित, पिछड़ों किसानों व बेरोजगारों की उपेक्षा की गई. इस कारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. साथ ही विधायक मुकेश वर्मा ने अपना समर्थन स्वामी प्रसाद मौर्य को दिया है.

जानकारी देते विधायक मुकेश वर्मा.

दरअसल, मुकेश वर्मा जिस सीट से बीजेपी विधायक है. उस सीट से कभी मुलायम सिंह यादव भी चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचे थे. माना जा रहा है कि मुकेश वर्मा समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके हैं और 14 जनवरी को सपा ज्वाइन कर सकते हैं.

पत्र.
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निषाद वोट बैंक में हो सकती है सेंधमारी

साल 2017 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद सीट से विधायक चुने गए डॉ. मुकेश वर्मा ने भाजपा को राम राम बोल दिया. पेशे से डॉक्टर मुकेश वर्मा निषाद जाति से आते है. साल 2012 में भी इन्होंने बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सपा प्रत्याशी ओमप्रकाश वर्मा से यह चुनाव हार गए थे. साल 2017 में इन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की और बीजेपी के टिकट पर ही यह चुनाव जीते.

दरअसल, यह क्षेत्र निषाद और यादव बाहुल्य होने के कारण यहां दोनों जातियां चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती है. जातिगत आंकड़ों के हिसाब से यहां वोटरों की तादाद साढ़े तीन लाख के लगभग है. जिनमें से 1 लाख यादव और 50-60 हजार वोटर निषाद है.

मुकेश वर्मा के पार्टी छोड़ने से ऐसा माना जा सकता है कि बीजेपी के निषाद वोट बैंक में सेंधमारी हो सकती है. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि मुकेश वर्मा किस दल में जाएंगे, लेकिन उन्होंने अपने पत्र में जिस तरह से स्वामी प्रसाद मौर्य में आस्था जताई है. उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि मुकेश वर्मा सपा ज्वाइन कर सकते हैं.

इसे भी पढे़ं- लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान, कहा- जब लोहा गरम हुआ, तब मैंने मारा हथौड़ा

Last Updated : Jan 13, 2022, 2:30 PM IST
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