लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को भले ही अभी वक्त हो, लेकिन सूबे की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी अभी से ही अपनी तैयारियों में जुट गई है, ताकि किसी तरह से अधिक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की जा सके. इधर, पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा अबकी उन सीटों पर अधिक फोकस किए हुए हैं, जहां उसे पिछली बार पराजय का मुंह देखना पड़ा था. यही कारण है कि पार्टी हारी सीटों को जीतने के लिए अभी से ही मैदान में डट गई है. साथ ही योजनाबद्ध तरीके से प्रचार को जमीनी एजेंडे तैयार किए जा रहे हैं.
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दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM YOGI ADITYANATH) और सूबे के भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मतदाताओं तक पहुंचने को चिन्हित निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा शुरू किया है. इसके अलावे उन क्षेत्रों में व्याप्त समस्याओं के निराकरण को एक विशेष टीम को लगाया गया है, जो त्वरित प्रयास से समस्याओं के निदान को सक्रिय है. पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही पार्टी के अन्य बड़े नेताओं को उन सीटों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है, जहां भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में पराजय का मुंह देखना पड़ा था.
गौर हो कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को करीब 80 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब पार्टी सभी वजहों की समीक्षा के बाद हारी सीटों को जीतने को अभी से ही मैदान में डट गई है और प्लानिंग के अनुरुप आलानेताओं को चिन्हित विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार को भेजा जा रहा है. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह लगातार चिन्हित विधानसभा क्षेत्रों के लोगों के संपर्क में बने हुए हैं. इसके अलावे सभी को राज्य व केंद्र की योजनाओं से अवगत कराने को विशेष कार्य योजना के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं को लगाया गया है, जो घर-घर जाकर सभी को योगी सरकार के जनहित में लिए गए निर्णयों से अवगत करा रहे हैं.
भाजपा प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सूबे के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने उन विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करना शुरू कर दिया है, जहां वे पिछले चुनाव में हारे थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई कई विकास और कल्याणकारी पहलों के बारे में लोगों को समझाने को सार्वजनिक रैलियां व बैठकें भी करेंगे. हालांकि, कुशीनगर में ऐसा ही एक कार्यक्रम आयोजित भी किया जा चुका है. भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि पार्टी को लगता है कि जिन सीटों पर कम वोटों के अंतर से पार्टी को पराजय का मुंह देखना पड़ा है, वहां थोड़ी मेहनत कर जीत दर्ज की जा सकती है.
लेकिन विपक्ष की सक्रियता सूबे की योगी सरकार के लिए कई मोर्चे पर चुनौती बन सकती है, क्योंकि अगर पश्चिम उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का भीम सेना के मुखिया चंद्रशेखर के साथ गठजोड़ होता है तो फिर पश्चिम उत्तर प्रदेश के 165 सीटों पर नुकसान की गुंजाइश बन सकती है. इधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपने सियासी रूख में परिवर्तन किया है. मायावती दलित मतदाताओं के साथ ही अब ब्राह्मणों को साधने में जुटी हैं, ताकि सूबे में गिरी पार्टी की साख और जनाधार को एक बार फिर से मजबूत की जा सके.