लखनऊ: राज्यसभा सांसद अमर सिंह के निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव होना है. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट के लिए लिए सैयद जफर इस्लाम को प्रत्याशी घोषित किया है. बीजेपी नेतृत्व ने मुस्लिम समुदाय से आने वाले जफर इस्लाम को प्रत्याशी घोषित करके सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के अपने नारे को आगे बढ़ाने का काम किया है. बीजेपी ने मुस्लिम चेहरे पर विश्वास जताते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजने के लिए उम्मीदवार घोषित किया है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बुधवार को सैयद जफर इस्लाम को उम्मीदवार घोषित किया.
राज्यसभा सांसद अमर सिंह के निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव 11 सितंबर को प्रस्तावित है. इस राज्यसभा सीट का कार्यकाल जुलाई 2022 तक निर्धारित है. अमर सिंह के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होगा. इसको लेकर निर्वाचन आयोग ने पिछले दिनों नोटिफिकेशन भी जारी किया था, जिसके बाद बुधवार देर रात बीजेपी नेतृत्व ने सैयद जफर इस्लाम को उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. वर्तमान में सैयद जफर इस्लाम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता का दायित्व संभाल रहे हैं. मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनवाने में वह महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर चुके हैं. इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में शामिल कराने में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
पीएम नरेंद्र मोदी से प्रभावित सैयद जफर इस्लाम एक बैंक के प्रतिनिधि के रूप में काम करते रहे हैं. वह नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से प्रभावित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया था. सूत्र बताते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में शामिल कराने और मध्य प्रदेश की सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को लेकर सैयद जफर इस्लाम को पार्टी ने इनाम दिया है और उन्हें राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है.
दरअसल, पूर्व में बीजेपी के ऊपर आरोप लगते रहे हैं कि वह मुस्लिमों के साथ भेदभाव करती है और राजनीति में उन्हें भागीदारी नहीं देती है, ऐसी स्थिति में भाजपा ने विरोधियों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि राज्यसभा जैसे उच्च सदन के लिए पार्टी ने एक मुसलमान को उम्मीदवार घोषित किया है. यही कारण है कि बीजेपी ने उन्हें उपचुनाव का उम्मीदवार घोषित करते हुए राजनीतिक रूप से एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है.
माना जा रहा है कि भाजपा अपने विधायकों की संख्या के आधार पर इस सीट पर आसानी से जफर इस्लाम को चुनाव जिता सकती है. यह स्थिति भी बन सकती है कि कोई दूसरा दल अपना उम्मीदवार घोषित ही न करे और सैयद जफर इस्लाम निर्विरोध राज्यसभा उपचुनाव में विजयी हो जाएं. पिछले दिनों ऐसा देखने में आया था जब समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे बेनी प्रसाद वर्मा के निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर जब चुनाव हुआ तो भाजपा ने जयप्रकाश निषाद को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. इस उपचुनाव में जयप्रकाश निषाद निर्विरोध राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे.