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चुनाव से पहले बदलेंगे पार्टी के तेवर, अयोध्या भूमि मुद्दे पर करारा जवाब देगी बीजेपी

bjp core committee meeting
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Published : Jun 21, 2021, 6:47 PM IST

Updated : Jun 21, 2021, 10:40 PM IST

18:41 June 21

बीजेपी ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. पार्टी के आला नेता सोमवार को पूरे दिन हर उस मुद्दे को लेकर रणनीति बनाते रहे, जो चुनाव में नतीजों को प्रभावित कर सकती है. बैठकों के दौर में अयोध्या में भूमि विवाद, जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव, एमएलसी के मनोनयन समेत संगठन के पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया.

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह सोमवार देर शाम तक लखनऊ में बैठकों में व्यस्त रहे. देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर हुई कोर कमेटी की बैठक में नेताओं ने भविष्य की रणनीति पर मंथन किया. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी मौजूद रहे.

आरएसएस नेताओं के साथ मीटिंग में छाया अयोध्या भूमि विवाद का मुद्दा

राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष और यूपी प्रभारी राधामोहन सिंह ने सबसे पहले पार्टी मुख्यालय पर स्वतंत्रदेव सिंह और सुनील बंसल के साथ मुलाकात की. इसके बाद भाजपा के चारों नेता निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचे. वहां संघ के नेताओं के साथ मुलाकात हुई. बताया जा रहा है कि संघ के नेताओं के साथ हुई बैठक में अयोध्या प्रकरण को लेकर भी चर्चा की गई है. संघ और भाजपा, कोई नहीं चाहते कि अयोध्या का जमीन विवाद प्रकरण आगे और खिंचे. पार्टी के जानकारों का मानना है कि श्रीराम मंदिर ट्रस्ट से भाजपा और उत्तर प्रदेश सरकार का सीधे कोई कनेक्शन नहीं है. बावजूद इसके विपक्ष भाजपा और सरकार को ही घेर रहा है. इस मीटिंग में विपक्ष को मजबूत तथ्यों के साथ जवाब देने का फैसला किया गया. बैठक में शामिल नेताओं ने माना कि इस प्रकरण के लंबा खिंचने से समाज में गलत संदेश जा रहा है. इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है.

60-65 जिला पंचायत अध्यक्ष पद जीतने के लिए बनी रणनीति 

कोर कमेटी की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई. भाजपा ने प्रदेश में 60 से 65 जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. पार्टी नेतृत्व चाहता है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों की सीटें भाजपा के पक्ष में लाई जाएं ताकि जनता के बीच एक अच्छा संदेश दिया जा सके. इस जीत से पार्टी को 2022 के चुनाव में लाभ मिलेगा. पिछले दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कह भी चुके हैं कि भारतीय जनता पार्टी अधिकतम सीटें जीतने जा रही है. चुनाव होने पर समाजवादी पार्टी को पता चल जाएगा.

कौन होंगे नए एमएलसी, कोर कमेटी में हुई चर्चा 

भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बहुमत से दूर है. बहुमत हासिल करने के लिए पार्टी को 19 सीटों की जरूरत है. विधान परिषद में भाजपा के 32 सदस्य हैं. परिषद की चार सीटें पांच जुलाई को रिक्त हो रही हैं. जुलाई में समाजवादी पार्टी की लीलावती कुशवाहा, एसआरएस यादव, रामवृक्ष सिंह यादव और जितेंद्र यादव का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. ये सभी सीटों के लिए राज्यपाल की ओर से नए सदस्य मनोनीत किए जाएंगे. कोर कमेटी की बैठक में विधान परिषद में जाने वाले दावेदारों के नाम पर भी चर्चा हुई. इसके अलावा बैठक में अगस्त में रिक्त हो रही निकाय की सीटों के बारे में बातचीत हुई. 

18:41 June 21

बीजेपी ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. पार्टी के आला नेता सोमवार को पूरे दिन हर उस मुद्दे को लेकर रणनीति बनाते रहे, जो चुनाव में नतीजों को प्रभावित कर सकती है. बैठकों के दौर में अयोध्या में भूमि विवाद, जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव, एमएलसी के मनोनयन समेत संगठन के पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया.

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह सोमवार देर शाम तक लखनऊ में बैठकों में व्यस्त रहे. देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर हुई कोर कमेटी की बैठक में नेताओं ने भविष्य की रणनीति पर मंथन किया. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी मौजूद रहे.

आरएसएस नेताओं के साथ मीटिंग में छाया अयोध्या भूमि विवाद का मुद्दा

राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष और यूपी प्रभारी राधामोहन सिंह ने सबसे पहले पार्टी मुख्यालय पर स्वतंत्रदेव सिंह और सुनील बंसल के साथ मुलाकात की. इसके बाद भाजपा के चारों नेता निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचे. वहां संघ के नेताओं के साथ मुलाकात हुई. बताया जा रहा है कि संघ के नेताओं के साथ हुई बैठक में अयोध्या प्रकरण को लेकर भी चर्चा की गई है. संघ और भाजपा, कोई नहीं चाहते कि अयोध्या का जमीन विवाद प्रकरण आगे और खिंचे. पार्टी के जानकारों का मानना है कि श्रीराम मंदिर ट्रस्ट से भाजपा और उत्तर प्रदेश सरकार का सीधे कोई कनेक्शन नहीं है. बावजूद इसके विपक्ष भाजपा और सरकार को ही घेर रहा है. इस मीटिंग में विपक्ष को मजबूत तथ्यों के साथ जवाब देने का फैसला किया गया. बैठक में शामिल नेताओं ने माना कि इस प्रकरण के लंबा खिंचने से समाज में गलत संदेश जा रहा है. इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है.

60-65 जिला पंचायत अध्यक्ष पद जीतने के लिए बनी रणनीति 

कोर कमेटी की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई. भाजपा ने प्रदेश में 60 से 65 जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. पार्टी नेतृत्व चाहता है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों की सीटें भाजपा के पक्ष में लाई जाएं ताकि जनता के बीच एक अच्छा संदेश दिया जा सके. इस जीत से पार्टी को 2022 के चुनाव में लाभ मिलेगा. पिछले दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कह भी चुके हैं कि भारतीय जनता पार्टी अधिकतम सीटें जीतने जा रही है. चुनाव होने पर समाजवादी पार्टी को पता चल जाएगा.

कौन होंगे नए एमएलसी, कोर कमेटी में हुई चर्चा 

भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बहुमत से दूर है. बहुमत हासिल करने के लिए पार्टी को 19 सीटों की जरूरत है. विधान परिषद में भाजपा के 32 सदस्य हैं. परिषद की चार सीटें पांच जुलाई को रिक्त हो रही हैं. जुलाई में समाजवादी पार्टी की लीलावती कुशवाहा, एसआरएस यादव, रामवृक्ष सिंह यादव और जितेंद्र यादव का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. ये सभी सीटों के लिए राज्यपाल की ओर से नए सदस्य मनोनीत किए जाएंगे. कोर कमेटी की बैठक में विधान परिषद में जाने वाले दावेदारों के नाम पर भी चर्चा हुई. इसके अलावा बैठक में अगस्त में रिक्त हो रही निकाय की सीटों के बारे में बातचीत हुई. 

Last Updated : Jun 21, 2021, 10:40 PM IST
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