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लोकसभा चुनाव: क्या सीएम योगी यूपी में ले आयेंगे बीजेपी के अच्छे दिन

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Published : May 17, 2019, 6:05 PM IST

19 मई को सातवें और आखिरी चरण के लिए वोटिंग के साथ ही लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी. 23 मई को आने वाले चुनाव परिणाम पर सबकी नजर टिकी हैं. भाजपा अपने दम पर सत्ता में वापसी का दावा कर रही है. देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में भाजपा अपने पुराने करिश्माई प्रदर्शन को दोहराने की बात कह रही है. इसे देखते हुए खुद सीएम योगी पार्टी की सफलता के लिए जी जान से जुटे हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो).

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान ही शेष है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा को यूपी में ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलाने के लिए ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं की हैं. इस लिहाज से पीएम मोदी के साथ-साथ सीएम योगी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. भाजपा का दावा है कि इस बार भी 2014 के करिश्माई प्रदर्शन को दोहराया जाएगा.

सीएम योगी यूपी में दिलाएंगे भाजपा को बड़ी जीत !
कैसा रहा सीएम योगी का चुनावी दौरा
  • राज्य की सभी संसदीय सीटों पर सीएम योगी ने की जनसभाएं.
  • इनमें से कुछ सीटों पर मुख्यमंत्री ने एक से अधिक दौरे किए.
  • गोरखपुर, बनारस और लखनऊ में उनके कई चुनावी कार्यक्रम हुए हैं.
  • गोरखपुर और पूर्वांचल में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
  • पार्टी नेतृत्व ने सीएम योगी के देश भर में कार्यक्रम लगाए.

बीजेपी के सामने इस बार सपा-बसपा का गठबंधन है और यह गठबंधन बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहा है. ऐसे में बीजेपी और खासकर योगी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. लिहाजा, बनारस और गोरखपुर में तो योगी दिन-रात एक किए हुए हैं. यहां वह खुद ही चुनाव की रणनीति बना रहे हैं. इसके साथ ही सीएम योगी ने प्रदेश की हर सीट पर स्टार प्रचारक की तरह नहीं बल्कि सांगठनिक रणनीतिकार के तौर पर काम किया है.

यूपी में इस बार बीजेपी 74 प्लस सीटें जीतेगी इसलिए उनकी छवि घटने -बढ़ने की कोई बात ही नहीं है. भाजपा प्रदेश और देश में शानदार प्रदर्शन करेगी और अपने दम पर सरकार बनाएगी. यूपी में सीएम योगी और पीएम मोदी के कामकाज के बल पर गठबंधन मुकाबले से बाहर हो गया है.
-डॉ मनोज मिश्रा, प्रवक्ता- यूपी बीजेपी

लोकसभा चुनाव से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर नकारात्मक असर तो कतई नहीं पड़ेगा अगर बीजेपी उत्तर प्रदेश में बेहतर परिणाम लाती है तो यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पक्ष में होगा लेकिन अगर बीजेपी हारती है तो इसका ठीकरा प्रधानमंत्री मोदी पर होगा क्योंकि यह राज्य नहीं केंद्र का चुनाव है इसलिए हार की जिम्मेदारी भी केंद्रीय नेतृत्व की होती है. इस चुनाव में जनता केंद्र सरकार के कामकाज का आंकलन करके वोट करेगी.
-दिलीप अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान ही शेष है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा को यूपी में ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलाने के लिए ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं की हैं. इस लिहाज से पीएम मोदी के साथ-साथ सीएम योगी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. भाजपा का दावा है कि इस बार भी 2014 के करिश्माई प्रदर्शन को दोहराया जाएगा.

सीएम योगी यूपी में दिलाएंगे भाजपा को बड़ी जीत !
कैसा रहा सीएम योगी का चुनावी दौरा
  • राज्य की सभी संसदीय सीटों पर सीएम योगी ने की जनसभाएं.
  • इनमें से कुछ सीटों पर मुख्यमंत्री ने एक से अधिक दौरे किए.
  • गोरखपुर, बनारस और लखनऊ में उनके कई चुनावी कार्यक्रम हुए हैं.
  • गोरखपुर और पूर्वांचल में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
  • पार्टी नेतृत्व ने सीएम योगी के देश भर में कार्यक्रम लगाए.

बीजेपी के सामने इस बार सपा-बसपा का गठबंधन है और यह गठबंधन बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहा है. ऐसे में बीजेपी और खासकर योगी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. लिहाजा, बनारस और गोरखपुर में तो योगी दिन-रात एक किए हुए हैं. यहां वह खुद ही चुनाव की रणनीति बना रहे हैं. इसके साथ ही सीएम योगी ने प्रदेश की हर सीट पर स्टार प्रचारक की तरह नहीं बल्कि सांगठनिक रणनीतिकार के तौर पर काम किया है.

यूपी में इस बार बीजेपी 74 प्लस सीटें जीतेगी इसलिए उनकी छवि घटने -बढ़ने की कोई बात ही नहीं है. भाजपा प्रदेश और देश में शानदार प्रदर्शन करेगी और अपने दम पर सरकार बनाएगी. यूपी में सीएम योगी और पीएम मोदी के कामकाज के बल पर गठबंधन मुकाबले से बाहर हो गया है.
-डॉ मनोज मिश्रा, प्रवक्ता- यूपी बीजेपी

लोकसभा चुनाव से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर नकारात्मक असर तो कतई नहीं पड़ेगा अगर बीजेपी उत्तर प्रदेश में बेहतर परिणाम लाती है तो यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पक्ष में होगा लेकिन अगर बीजेपी हारती है तो इसका ठीकरा प्रधानमंत्री मोदी पर होगा क्योंकि यह राज्य नहीं केंद्र का चुनाव है इसलिए हार की जिम्मेदारी भी केंद्रीय नेतृत्व की होती है. इस चुनाव में जनता केंद्र सरकार के कामकाज का आंकलन करके वोट करेगी.
-दिलीप अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक

Intro:लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण ही शेष बचा है। लेकिन जिस तरह से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी से भारतीय जनता पार्टी को ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलाने के लिए ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं की हैं उससे पीएम मोदी के साथ योगी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। हालांकि भाजपा को पूरी उम्मीद है कि इस बार भी 2014 की तरह करिश्माई प्रदर्शन जारी रहेगा। यह तो 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद पता चलेगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा।


Body:अगर मुख्यमंत्री के जनसभाओं की बात की जाए तो उन्होंने सभी संसदीय छेत्रों में पहुंचे हैं। कई ऐसे क्षेत्र भी रहे जहां पर कई बार मुख्यमंत्री के दौरे हुए। गोरखपुर, बनारस और लखनऊ में कई चुनावी कार्यक्रम हुए हैं। योगी ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी नेतृत्व ने योगी के देश भर में कार्यक्रम लगाए। उनकी सभाओं में भीड़ भी खूब जुट रही है। यह चुनाव योगी के लिए काफी अहम माना जा रहा है। इसीलिए गोरखपुर और पूर्वांचल में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा स्वयं दांव पर लगी है। 

बीजेपी के सामने इस बार सपा बसपा का गठबंधन है। गठबंधन बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहा है।
ऐसे में बीजेपी और खासकर योगी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। लिहाजा बनारस और गोरखपुर में तो योगी दिन रात एक किए हुए हैं। यहां की वह खुद ही रणनीति बना रहे हैं। इसके साथ ही योगी प्रदेश की हर सीट पर स्टार प्रचारक की तरह नहीं बल्कि सांगठनिक रणनीतिकार के तौर पर काम किया है। 

हालांकि यह तो 23 मई को ही सामने आएगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत कितनी रंग लाती है या फिर मेहनत पर पानी फिरता है। इस पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मनोज मिश्रा कहते हैं कि यूपी में इस बार बीजेपी 73 प्लस सीटें जीतेगी। इसलिए उनकी छवि घटने बढ़ने की कोई बात ही नहीं है।

राजनीतिक विश्लेषक दिलीप अवस्थी का कहना है कि लोकसभा चुनाव से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर नकारात्मक असर तो कतई नहीं पड़ेगा अगर बीजेपी उत्तर प्रदेश में बेहतर परिणाम लाती है तो यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पक्ष में होगा लेकिन अगर बीजेपी हारती है तो इसका ठीकरा प्रधानमंत्री मोदी पर होगा जो किया लोकसभा चुनाव है। इस चुनाव में जनता केंद्र सरकार के कामकाज का आकलन करके वोट करेगी ना कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज का आकलन होगा।

बाईट-डॉ मनोज मिश्रा, प्रवक्ता, यूपी बीजेपी
बाईट-दिलीप अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक


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