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वरुण गांधी ने भाजपा से और बढ़ाई दूरी, भाजपा भी ले सकती है कड़ा फैसला

लखीमपुर में किसान आंदोलन के दौरान थार जीप से कुचल कर किसानों की मौत के बाद से वरुण गांधी के तेवर भाजपा के प्रति कुछ ज्यादा ही तल्ख हैं. भाजपा को लेकर उनके बयानों में तल्खी अब बढ़ती जा रही है. फिलवक्त सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर बायो से भारतीय जनता पार्टी का उल्लेख हटा दिया है. ऐसे में भाजपा का क्या स्टैंड होगा यह समय के गर्भ में है.

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Published : Dec 26, 2022, 2:41 PM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के प्रति लंबे समय से बगावती तेवर (rebellious attitude of varun gandhi) अपना रहे पीलीभीत से सत्ताधारी दल के सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर बायो से भारतीय जनता पार्टी का उल्लेख हटा दिया है. जैसे-जैसे 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वरुण गांधी की यह बगावत बढ़ती जा रही है. समय-समय पर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ उसी तरह से मुद्दे उठाते रहते हैं जैसे विपक्षी उठाता है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के प्रति उनके बगावती तेवर नए नहीं हैं. अब इंतजार इस बात का है कि भारतीय जनता पार्टी वरुण को लेकर निकट भविष्य में क्या फैसला करेगी. माना जा रहा है कि निकट भविष्य में वरुण गांधी भाजपा के विरोध में बनने वाले किसी महागठबंधन के प्रमुख नेता के तौर पर शामिल किए जा सकते हैं.

वरुण गांधी पीलीभीत लोकसभा सांसद (Varun Gandhi Pilibhit Lok Sabha MP) हैं. वे लगातार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल करते रहे हैं, लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद लगातार वरुण गांधी बगावती तेवर अपनाते रहे हैं. लखीमपुर में किसान आंदोलन के दौरान थार जीप से कुचलकर किसानों की मौत के बाद वरुण गांधी ने भाजपा सरकार के खिलाफ बोला था. इसके बाद में मंडी में धान की फसल का भीगना, बेरोजगारी को लेकर सरकार पर वरुण गांधी ने आवाज उठाई थी. इसके अलावा ऐसे सारे मुद्दों पर वरुण गांधी लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमलावर रहे. इसका परिणाम रहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive of BJP) से ना केवल वरुण गांधी को बाहर कर दिया था, बल्कि उनकी मां और सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी (MP Maneka Gandhi) को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं दी गई.

भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि वरुण गांधी अब भाजपा के लिए ना के बराबर हैं. उनको भारतीय जनता पार्टी कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहती. प्रतिक्रिया देने से भी बड़े नेता हो जाएंगे. इतने भारतीय जनता पार्टी धीरे-धीरे उनको भाजपा में कम कर रही है. आने वाले समय में भाजपा सुल्तानपुर और पीलीभीत दोनों सीटों से वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी का टिकट काटेगी. इसके बाद यहां से नया प्रत्याशी तय किए जाएंगे. इसके बाद में वरुण गांधी अपना नया रास्ता तय कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि वरुण गांधी वर्ष 2024 में भाजपा विरोधी गठबंधन के अहम हिस्सा हो सकते हैं.

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के प्रति लंबे समय से बगावती तेवर (rebellious attitude of varun gandhi) अपना रहे पीलीभीत से सत्ताधारी दल के सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर बायो से भारतीय जनता पार्टी का उल्लेख हटा दिया है. जैसे-जैसे 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वरुण गांधी की यह बगावत बढ़ती जा रही है. समय-समय पर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ उसी तरह से मुद्दे उठाते रहते हैं जैसे विपक्षी उठाता है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के प्रति उनके बगावती तेवर नए नहीं हैं. अब इंतजार इस बात का है कि भारतीय जनता पार्टी वरुण को लेकर निकट भविष्य में क्या फैसला करेगी. माना जा रहा है कि निकट भविष्य में वरुण गांधी भाजपा के विरोध में बनने वाले किसी महागठबंधन के प्रमुख नेता के तौर पर शामिल किए जा सकते हैं.

वरुण गांधी पीलीभीत लोकसभा सांसद (Varun Gandhi Pilibhit Lok Sabha MP) हैं. वे लगातार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल करते रहे हैं, लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद लगातार वरुण गांधी बगावती तेवर अपनाते रहे हैं. लखीमपुर में किसान आंदोलन के दौरान थार जीप से कुचलकर किसानों की मौत के बाद वरुण गांधी ने भाजपा सरकार के खिलाफ बोला था. इसके बाद में मंडी में धान की फसल का भीगना, बेरोजगारी को लेकर सरकार पर वरुण गांधी ने आवाज उठाई थी. इसके अलावा ऐसे सारे मुद्दों पर वरुण गांधी लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमलावर रहे. इसका परिणाम रहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive of BJP) से ना केवल वरुण गांधी को बाहर कर दिया था, बल्कि उनकी मां और सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी (MP Maneka Gandhi) को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं दी गई.

भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि वरुण गांधी अब भाजपा के लिए ना के बराबर हैं. उनको भारतीय जनता पार्टी कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहती. प्रतिक्रिया देने से भी बड़े नेता हो जाएंगे. इतने भारतीय जनता पार्टी धीरे-धीरे उनको भाजपा में कम कर रही है. आने वाले समय में भाजपा सुल्तानपुर और पीलीभीत दोनों सीटों से वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी का टिकट काटेगी. इसके बाद यहां से नया प्रत्याशी तय किए जाएंगे. इसके बाद में वरुण गांधी अपना नया रास्ता तय कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि वरुण गांधी वर्ष 2024 में भाजपा विरोधी गठबंधन के अहम हिस्सा हो सकते हैं.

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