लखनऊ: चंद महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी की अति महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यकारिणी गुरुवार को घोषित की गई. इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उत्तर प्रदेश का सबसे अहम स्थान है, क्योंकि सबसे ऊंचे स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश से हैं. इनके अलावा आठ अन्य नेता भी जो कि उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए हैं, उनको राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गई है.
इनको भी मिला स्थान
उत्तर प्रदेश से न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मंत्री दारा सिंह चौहान, मुख्तार अब्बास नकवी, संजीव बालियान, संतोष गंगवार और साध्वी निरंजन ज्योति और सांसद अनिल जैन को भी यूपी से राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया है.
देश के 80 सदस्य उत्तर प्रदेश से 11 शामिल
पूरे देश में राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भारतीय जनता पार्टी ने 80 सदस्य शामिल किए हैं, इनमें से सर्वाधिक 11 सदस्य उत्तर प्रदेश से लिए गए, जिनमें से 3 उच्च स्तरीय पदों पर उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व होगा, जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मार्गदर्शक मंडल के सदस्य मुरली मनोहर जोशी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे. उत्तर प्रदेश को अधिक वजन देने का सीधा असर 2022 में होने वाले चुनाव पर भी देखने को मिलेगा.
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कार्यकारिणी में भी सोशल इंजीनियरिंग की झलक
इस कार्यकारिणी में उत्तर प्रदेश के जो सदस्य चुने गए हैं, उनमें दलित, ब्राह्मण, जाट, कुर्मी, महिला, क्षत्रिय, पिछड़ा वर्ग और मुसलमान सभी को स्थान दिया गया है. जिसके जरिए भाजपा मतदाताओं के बीच सोशल इंजीनियरिंग का बड़ा संदेश देना चाहती है.
विपक्ष के सुर में सुर मिला रहे वरुण गांधी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नहीं मिली जगह
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लगातार पार्टी के खिलाफ तीखे तेवर दिखा रहे पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी और उनकी मां सांसद मेनका गांधी को जगह नहीं मिली है. दोनों ही भारतीय जनता पार्टी में लंबे समय से जुड़े हुए हैं और पहले उच्च स्तरीय पदों पर रह चुके हैं. वरुण गांधी किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर कांड तक भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व को चुनौती देते रहे हैं. सोशल मीडिया और अपने लिखे पत्रों के माध्यम से वह विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए नजर आए. ऐसे में वरुण और मेनका को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह न देकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने एक बड़ा संदेश दिया है. जिसमें वरुण गांधी को आगे होने वाले बड़े एक्शनों के लिए भी तैयार रहने की मौन सलाह शामिल है.