लखनऊः वाराणसी में ज्ञानवापी विवाद के बीच लखनऊ को लक्ष्मणपुरी नाम देने और टीले वाली मस्जिद को लक्ष्मण टीले के तौर पर परिवर्तित करने की लेकर कवायद का आगाज हो गया है. हिंदू महासभा और बीजेपी दोनों ही इस मामले में आगे बढ़ रहे हैं. हिंदू महासभा टीले वाली मस्जिद को लक्ष्मण टीले में परिवर्तित करने की मांग को लेकर 22 मई को पूरे शहर में एक यात्रा निकलेगी. दूसरी ओर बीजेपी लखनऊ के नाम बदलने को लेकर अग्रसर नजर आ रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ आने पर उनके स्वागत में किये गये ट्वीट में लखनऊ को लक्ष्मण नगरी भी लिखा था. जबकि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी लखनऊ को लक्ष्मणपुरी नाम देने की मांग की गई थी. जिसका बीजेपी लगातार समर्थन कर रही है. दूसरी ओर ऐतिहासिक दावे भी कहीं न कहीं लखनऊ में लक्ष्मणनगरी होने के दावे की पुष्टि करते हैं. जबकि मुस्लिम पक्ष उसको सिरे से नकार रहा है.
दिवंगत इतिहासकार योगेश प्रवीन ने अपनी किताब लखनऊ नामा के प्रश्न 35 पर रूमी दरवाजे के संदर्भ में इतिहासकार दोबारा लेखन संस्थान के अध्यक्ष पुरुषोत्तम नागेश ओक की पुस्तक लखऊ के इमामबाड़ा हिंदू राज महल का हवाला देते हुए लिखा है कि इसे राम द्वार कहा जाता था. राम द्वार शिविर में दरवाजे की उत्पत्ति मानी जाती है, वो लिखते हैं कि एक बार भी दरवाजे के नीचे पाइपलाइन बिछाते समय भी पत्थर की एक ऐसी शादी मिली थी, जिस पर स्पष्ट थे तहशीर को बाहर निकालने की चेष्टा की जाने लगी. इसके बाद मालूम हुआ कि पत्थर पर तहशीर टिका हुआ है. इसलिए उसका निकाला जाना उचित नहीं समझा गया. इसके पीछे पड़े इसी रूमी गेट से कुछ दूरी पर टीले वाली मस्जिद है, जहां लक्ष्मण जी का स्थान माना जाता है.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपनी पुस्तक अनकहा लखनऊ में जिक्र किया है कि जहां टीले वाली मस्जिद है, वहां कभी लक्ष्मण जी का स्थान हुआ करता था. लाल जी टंडन के साथ लंबे समय तक सहयोगी रहे वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि लखनऊ के रेवेन्यू रिकॉर्ड के हवाले से पूर्व साहित्यकार अमृतलाल नागर ने लक्ष्मण टीला के संबंध में अनेक बातें कही हैं. जिनका उल्लेख लालजी टंडन ने अपनी पुस्तक अनकहा लखनऊ में किया था. यहां की परंपरा भी राम से जुड़ी हुई है. नवाब फैजाबाद से लखनऊ आये थे. उनका मार्ग ही अयोध्या से आता है और ये तथ्य लंबे समय से प्रमाणित है कि लखनऊ लक्ष्मण की नगरी है.
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दूसरी ओर हिंदू महासभा इस मामले में सीधे-सीधे टकराव के मूड में है. हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने कहा कि वो 22 मई को एक यात्रा निकाल रहे हैं. 1090 चौराहा से हम लक्ष्मण टीला मुक्ति यात्रा निकालेंगे. जिसके जरिये हम लखनऊ की नजता में जागरूकता पैदा करेंगे. इस मामले में टीले वाली मस्जिद के शाही इमाम मौलाना फजलुर मन्नान का बयान है कि उन्होंने इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की है. कहा है कि इस यात्रा को हर हाल में कन्वेंशन सेंटर चौक के पास रोक लिया जाये अन्यथा टकराव हो सकता है.