लखनऊ : यूपी के डिग्री कॉलेज में बायोमीट्रिक अटेंडेंस का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. विशेष तौर पर एडेड डिग्री कॉलेज के प्राचार्य स्थाई कर्मचारियों के साथ ही सेल्फ फाइनेंस के टीचरों पर भी बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य बढ़कर नियम थोप रहे हैं. आलम यह है कि राजधानी में बायोमीट्रिक अटेंडेंस को जरूरी बात कर कई डिग्री कॉलेज सेल फाइनेंस शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं. कालीचरण डिग्री कॉलेज, केकेवी डिग्री कॉलेज समेत कई डिग्री कॉलेज सुमित कई कॉलेजों में सेल्फ फाइनेंस टीचरों को परेशान करना शुरू कर दिया गया है तो वहीं केसी कॉलेज में 6 जनवरी से बायोमीट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य किया गया है. हालांकि सेल्फ फाइनेंस टीचरों के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था न तो प्रदेश सरकार के नियम में है और न ही अभी किसी विश्वविद्यालय ने इसे लागू करने की कार्रवाई शुरू की है फिर भी एडेड कॉलेज में प्राचार्य नए नियम बनाने में लगे हुए हैं.
एडेड कॉलेज में बायोमीट्रिक अटेंस : राजधानी में करीब 19 एडेड कॉलेज ने अब बायोमीट्रिक अटेंडेंस का दबाव बढ़ता जा रहा है. अब तक शिया डिग्री कॉलेज, कालीचरण डिग्री कॉलेज, कृष्णा देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज समेत कुछ कॉलेजों ने अपने यहाँ व्यवस्था लागू कर दिया. सबसे मजेदार मामला सेल्फ फाइनेंस टीचरों का है, जिन्हें रखने की पहली शर्त यही है कि सेल्फ फाइनेंस के कुछ क्लासेस ही उन्हें लेनी हैं. उसके लिए उन्हें अधिकतम 21 हजार 600 का भुगतान किया जाता है. स्थाई होने की चाहत में ऐसे कई सेल्फ फाइनेंस टीचर 50 पार हो चुके हैं. एक्सपीरियंस के चलते विश्वविद्यालय में गेस्ट लेक्चरर के रूप में मौका मिला हुआ है.
जानकारी के अनुसार केकेसी पीजी कॉलेज में 6 जनवरी 2024 से बायोमीट्रिक उपस्थिति की कवायद शुरू होनी है. इसके लिए टीचरों के अंगूठे के नमूने लिए जा रहे हैं. प्राचार्य के निर्देश पर सेल्फ फाइनेंस टीचरों को भी बायोमीट्रिक के अंतर्गत लाने के लिए उनके भी अंगूठा के नमूने लिए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि 6 जनवरी से उन्हें सप्ताह में 40 घंटे रोकने का आदेश लागू करने की कवायद है. क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के आदेश पर डिग्री कॉलेज के उन स्थाई शिक्षकों के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था कर रहा है. जिनका वेतन भुगतान प्रदेश सरकार के एडेड कॉलेज में 80 हजार रुपये से लेकर करीब दो लख रुपये तक का वेतन भुगतान करती है. 21 हजार 600 वेतन पाने वाले शिक्षकों को अभी इस दायरे में लाने का नियम नहीं है, लेकिन इसके बाद भी कुछ डिग्री कॉलेज अपने मनमानी पर उतारू है. जिसको लेकर डिग्री कॉलेज में पढ़ा रहे सेल्फ फाइनेंस विषय के शिक्षक काफी परेशान है. इस मामले पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी सुधीर चौहान का कहना है कि राजकीय और सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज में जिन परमानेंट शिक्षकों का वेतन हम पास करते हैं हम उनके लिए ही बायोमीट्रिक अटेंडेंस लागू करने की बात कह रहे हैं. सेल फाइनेंस शिक्षकों के बारे में मैनेजमेंट अपने हिसाब से निर्णय ले सकती है हमारे आदेश से उनका कोई लेना-देना नहीं है.
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