लखनऊ : यूपी में राजभवन की ओर से सभी यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और कर्मचारियों की बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. राज्यपाल की ओर से जारी आदेश के अनुसार समीक्षा बैठकों और राजभवन में आगंतुकों से विभिन्न मुलाकातों के दौरान यह तथ्य संज्ञान में आया कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मी सही समय से उपस्थित नहीं होते. अपने कार्यालय दायित्वों का निर्वहन भी नहीं करते हैं. बायोमीट्रिक अटेंडेंस व्यवस्था को 30 मई तक अनिवार्य रूप से लागू किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, राजभवन के इस आदेश को लेकर शिक्षकों और कर्मचारियों में नाराजगी है.
संघ के महासचिव डॉ. राजेन्द्र वर्मा ने कहा कि शिक्षकों का कार्य नैतिक मूल्यों पर आधारित है. शिक्षक अपनी जिम्मेदारी समझते हैं. ब्यूरोक्रेटिक सेटअप के तहत लगाम लगाने के लिए इस तरह की व्यवस्थाएं कर रहे हैं जो गलत है. विश्वविद्यालय का शिक्षक सिर्फ पढ़ता नहीं है बल्कि शोध भी करवाता है. 24 घंटे वह मानसिक रूप से शोध और शिक्षण में लगा रहता है. लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लुटा) की तरफ से विरोध की घोषणा की गई है.
राजभवन ने यहां तक लिखा है कि राज्य विश्वविद्यालयों के कुछ शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक कार्मिक तो सुबह आ जाते हैं और दोपहर तक घर चले जाते हैं. कतिपय राज्य विश्वविद्यालयों में तो ओवर टाइम देने की भी बात संज्ञान में आई है जो कि सही नहीं है. विश्वविद्यालय में समय से आना, निर्धारित कार्यालय अवधि में अपने दायित्वों का निर्वहन करना तथा विभिन्न रेगुलेटरी अथॉरिटीज द्वारा निर्धारित कार्य पद्धति तथा समय सारिणी का पालन करना सभी के लिए जरूरी है. यह सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान में उपस्थिति पंजिका की व्यवस्था लागू है. वेतन भी उक्त पंजिका में दर्ज उपस्थिति के आधार पर दिया जाता है.
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1. उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में सभी प्रकार के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कार्मिकों की उपस्थिति बायोमीट्रिक प्रणाली से अनिवार्य रूप से दर्ज कराई जाए.
2. इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर में पर्याप्त संख्या में पर्याप्त सार्वजनिक स्थलों पर उपस्थिति अंकित करने के लिए बायोमीट्रिक उपकरण ( जिसमें कि चेहरा और अंगूठा दोनों ही पहचानने की क्षमता हो ) स्थापित कराए जाए.
3. यह व्यवस्था ऐसी बनायी जाए कि सबकी उपस्थिति एक केंद्रीकृत स्थल (सेंट्रल सर्वर) पर उपलब्ध हो जाए.
4. सभी शैक्षणिक एवं गैरशैक्षणिक कार्मिकों का वेतन भी इसी बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली पर आधारित होगा. इसके लिए बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली को पे-मास्टर/वेतन भुगतान पद्धति से भी लिंक कराया जाए.
5. इसके लिए खुले बाजार में बहुत सारे generalized साफ्टवेयर उपलब्ध हैं जो कि compatible उपकरणों के साथ स्थापित किए जा सकते हैं.
6. समस्त बायोमीट्रिक उपकरणों की समुचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा यह भी सुनिश्चित किया जाए यह सभी उपकरण तथा साफ्टवेयर ठीक ढंग से संचालित हो रहे हैं. इसके लिए इनका दिन प्रतिदिन के आधार पर नियमित रूप से रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए.
7. यह व्यवस्था विश्वविद्यालय में विलंबतम 30 मई, 2022 तक अनिवार्य रूप से स्थापित और संचालित करा दी जाये ताकि जून, 2022 का वेतन भुगतान इसी प्रणाली से आरंभ हो तथा आगे अनवरत चलता रहे.
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