लखनऊ : पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर बाइकर्स गैंग के आतंक के संबंध में एक फेसबुक पोस्ट के बाद उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) हरकत में आ गई है. एक्सप्रेस वे पर पड़ने वाले सभी जिलों के पुलिस कप्तान और कमिश्नर को पत्र लिखकर ऐसे बाइकर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की सलाह दी गई है. इसके अलावा यूपीडा ने अपना तंत्र भी मजबूत करने की बात कही है.
यूपीडा के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर तथाकथित बाइकर्स स्टंटबाजों के ग्रुप को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट प्रकाशित की गई थी. प्रकरण को गंभीरता से लेते मुख्यकार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर यूपीडा ने लखनऊ से गाज़ीपुर तक पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से संबंधित सभी जिलों के पुलिस कमिश्नर /वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा है. ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाया जाएगा. इस मामले में शिकायतकर्ता सौरभ चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया के जरिए मामला संज्ञान में लाया था.
बलिया के सौरभ चतुर्वेदी की पोस्ट के अनुसार मैं और मेरे बैंक के सहकर्मी साथी नितिन सिंह, कुमार अभिनीत, नीरज शुक्ला और अभिषेक पांडेय लखनऊ से वाया पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से लौट रहे थे. रास्ते में एक पेट्रोल पंप से निकलने के बाद कार से लगभग सटाकर एक बाइक ने ओवरटेक किया. 120 की स्पीड से चलती हुई कार को कोई बाइक से ओवरटेक करे तो अचंभित होना स्वाभाविक है. बाइकसवार के हाथ में कुछ लम्बा सा था जिसे उसने कार के शीशे पर मारने का प्रयास किया. अचानक हुए इस वाकये से मेरी कार थोड़ी अनियंत्रित हो गई, लेकिन मैंने संभाला और गाड़ी रोक दी. इसके बाद बाइकसवार भी आगे लगभग 100 फ़ीट की दूरी पर रुक गया. वह रेसर बाइक थी, उसने लाल रंग का हेलमेट पहना था और आंखों पर नाइटविजन चश्मा पहना हुआ था. इसके अतिरिक्त उसने पूरे शरीर पर सेफ्टी गार्ड्स पहने हुए थे.
सौरभ के मुताबिक वह स्टंटपर्सन के साथ ही कोई पेशेवर अपराधी था. करीब दो मिनट तक कोई मूवमेंट नहीं हुई. इसी बीच पीछे से एक और बाइक आई. यह बाइकसवार सामान्य कपड़ों में था, लेक़िन चेहरा बांधे हुए था. हमें लगा कि लूटने का प्रयास होगा, लेकिन दूसरा बाइकसवार भी उसके पास जाकर खड़ा हो गया. हम किसी निर्णय पर पहुंचते इसके पहले दो और बाइक सवार आ गए. एक बाइकर ने उन्हें कुछ इशारे से निर्देश दिए और वो हमारी तरफ घूमने लगे. उन्हें अपनी ओर आता देख खतरे का एहसास हुआ तो मैंने अपने गाड़ी बढ़ा दी. हम तेजी से आगे निकल गए, लेकिन उन्होंने हमारा पीछा किया. हालांकि बीच रास्ते में एक ट्रक के ओवरटेक करने के बाद उन सबने हमारा पीछा छोड़ दिया.
इसके बाद UPEIDA के गश्ती वाहन के अंदर बैठे कर्मचारियों को पूरी घटना बताई गई तो उन्होंने बताया कि बाइक से छिनैती के प्रयास की यह एक सप्ताह के भीतर की दूसरी घटना है. हमने उनसे शिकायत दर्ज करने को कहा तो कहा गया कि संबंधित क्षेत्र उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आता है और हमें 254 किलोमीटर पर जाकर शिकायत करने की सलाह दी. हालांकि UPEIDA के लोगों ने विनम्रता से बात की, लेकिन लिखित शिकायत लेने में कोई रुचि नहीं दिखाई. इस दौरान उन्होंने फोन से कई जगह बात की.
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