हैदराबाद: उत्तर प्रदेश की सियासी समर में एंट्री से पहले विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी को यह लग रहा था कि भाजपा सूबे में उनकी पार्टी के साथ गठजोड़ कर लेगी. पर ऐसा संभव नहीं हो सका और यही कारण है कि अब उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी है. हालांकि, सहनी यूपी में भाजपा का कुछ बिगाड़ने की स्थिति में नहीं हैं, बावजूद इसके पार्टी उनकी चेतावनी को हल्के में नहीं ले सकती है. क्योंकि बिहार में सहानी के चार विधायक चौकी के पाये की तरह हैं, जो अगर अलग होते हैं तो फिर बिहार में भाजपा सत्ता के चौराहे पर आ खड़ी होगी. दरअसल, वीआईपी के मुखिया को यूपी में वीआईपी ट्रीटमेंट की आस थी और उन्हें ऐसा लग रहा था कि थोड़ी *ना नकुर* के बाद भाजपा उनसे गठबंधन को तैयार हो जाएगी.
लेकिन यूपी में वीआईपी संग भाजपा का गठबंधन नहीं होता देख सहनी भड़क गए हैं. उन्होंने लगे हाथ भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा- "कमजोर हैं, लेकिन मजबूर नहीं." यही कारण है कि अब जल्द ही यूपी विधानसभा चुनाव में हो रही सियासत की धमक बिहार में भी देखने को मिलने लगी है. बिहार की कुछ सियासी पार्टियां अपने विस्तार को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाह रही है. जिसमें बिहार के सत्तारूढ़ दल में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी भी शामिल हैं.
खैर, सहनी उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन भाजपा ने यहां उन्हें पत्ता ही नहीं दिया. इससे वे खासा नाराज हैं. भाजपा ने सूबे में मुकेश सहनी को दरकिनार करते हुए संजय निषाद की निषाद पार्टी से गठबंधन कर लिया. ऐसे में मुकेश सहनी पूरी तरह से भड़क गए और यूपी का गुस्सा बिहार में निकालने की बात कह रहे हैं. सहनी बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हैं और इनके चार विधायक का समर्थन एनडीए सरकार को है.
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वहीं, मुकेश सहनी ने इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि जरूरत पड़ने पर बिहार में वह अपना रंग दिखा देंगे. इधर, सहनी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर हैं. वह कई महीनों से यूपी दौरे पर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. यहां तक कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में 165 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है. यूपी में मुकेश सहनी की जाति यानी कि निषाद जाति का 15 फीसद वोट बैंक है, लेकिन हकीकत यह भी है कि यहां उनकी पार्टी का कोई आधार नहीं है.
वहीं, मुकेश सहनी के तेवर पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा- "यूपी भाजपा का संगठन अलग है और बिहार भाजपा का संगठन अलग है. वहां के संगठन को यदि गठबंधन की जरूरत होगी तो गठबंधन करेंगे, नहीं तो यूपी भाजपा ने कई पार्टियों से गठबंधन किया हुआ है. अपना दल, निषाद पार्टी जैसे दलों से गठबंधन करके समीकरण के मुताबिक चुनाव लड़ा जा रहा है. बिहार में जिन पार्टियों से गठबंधन है वो वहां के विकास के लिए है. यहां के गठबंधन को वहां के चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए."
कौन है सन ऑफ मल्लाह ?
19 साल की उम्र में मुकेश सहनी घर से भागकर मुंबई की फिल्मी दुनिया में किस्मत आजमाने के लिए निकल पड़े थे. मुंबई में शुरुआत में मुकेश ने एक सेल्समैन की नौकरी भी की. इसी दौरान मुकेश के दिमाग में फिल्मों, टीवी सीरियल्स और शो के सेट बनाने के बिजनेस का आइडिया आया. मुकेश ने जमकर मेहनत की और उन्हें सफलता भी मिली. मुकेश के लिए सबसे बड़ा मौका उस वक्त आया जब नितिन देसाई ने उनको 'देवदास' का सेट बनाने का काम दिया. शुरुआती कामयाबी के बाद उन्होंने मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई. अपनी मेहनत के दम पर मुकेश ने महज कुछ ही समय में खूब नाम और पैसे कमाए.
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