लखनऊ: पांच अगस्त को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंच सकते हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है. जहां एक ओर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए तैयारियां जोरों पर हैं तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश पुलिस भी इस कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर तैयारियों में जुट गया है. अधिकारियों का कहना है कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न कराया जाएगा.
तैयारियों में जुटा पुलिस विभाग
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन ऐतिहासिक होने वाला है, क्योंकि लंबे विवाद के बाद राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है. ऐसे में राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी पुलिस विभाग सतर्क है. जहां एक ओर सुरक्षा एजेंसियां व इंटेलिजेंस राम मंदिर निर्माण को लेकर सतर्क हैं तो वहीं कार्यक्रम के दौरान किसी तरह की अव्यवस्था न होने पाए, इस बात को ध्यान में रखते हुए अभी से पुलिस विभाग तैयारियों में जुट गया है.
सीमित लोग ही होंगे शामिल
5 अगस्त को अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन में उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने दो चुनौतियां होंगी. जहां एक ओर भूमि पूजन में सुरक्षा-व्यवस्था को पुख्ता रखना है तो वहीं भूमि पूजन में पहुंचने वाले लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की जिम्मेदारी भी लखनऊ पुलिस के कंधों पर होगी. हालांकि, सामान्य दिनों की अपेक्षा कोविड-19 संक्रमण के दौरान भूमि पूजन में सीमित संख्या के लोगों को ही कार्यक्रम में शामिल होने दिया जाएगा.
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आलाधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक राजनीतिक मुद्दा रहा है. ऐसे में राम मंदिर निर्माण में कई राजनीतिक पार्टियों के नेता भी पहुंच सकते हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी पुलिस के कंधों पर होगी. कार्यक्रम को सुरक्षित बनाना, राजनेताओं को सुरक्षा देना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना सहित तमाम चुनौतियों को लेकर पुलिस विभाग अभी से सक्रिय हो गया है. भूमि पूजन कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को दी गई है.