लखनऊः उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जुमे की नमाज से पहले यूपी की मस्ज़िदों के मुत्तावलियो को सख्त हिदायत दी है. शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के मुत्तावल्ली और ज़िम्मेदार लोगो को आदेश दिया है कि मस्जिदों में नमाज के अलावा जलसे के लिए किसी भी तरीके की भीड़ न जमा की जाए. बोर्ड ने कहा है कि पांच वक्त की नमाज या फिर जुमे के ख़ुत्बे में ऐसी तक़रीर न हो जिससे आपसी सौहार्द्र खराब होने का अंदेशा हो.
पिछले जुमे को उत्तर प्रदेश के कई शहरों में नमाज के बाद बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे. प्रयागराज में पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं थीं. इस पर सरकार और पुलिस प्रशासन ने कई लोगों को प्रदेश भर से गिरफ्तार किया. इस बार इसकी पुनरावृत्ति न हो इसे लेकर यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड काफी संजीदा है. इससे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी टीले वाली मस्जिद के पेश इमाम और मुत्तावल्ली को हटा कर उनकी तक़रीर और बेवजह भीड़ जमा करने पर रोक लगा दी थी.
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने की ये अपील
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने पिछले जुमे की नमाज़ के बाद हुई अलोकतांत्रिक हरकतों की निंदा करते हुए कहा है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो इसके लिए हमें ख़ास खयाल रखना होगा.अपील करता हूं कि किसी भी प्रकार का विरोध लोकतांत्रिक एवं शांतिपूर्ण तरीक़े से होना चाहिए. किसी भी प्रकार की कोई भी अमानवीय हरकत काफ़ी दिनों के लिए एक परेशानी का सबब बन सकती है. इस्लाम में किसी की भी ग़लती पर उसे माफ कर देने का बहुत बड़ा मर्तबा है और ग़लती करने वाले ने माफी मांग कर अपने बयान को वापस ले लिया है तो फिर अब विरोध का कोई औचित्य भी नहीं बनता. कहा कि हम सबने नमाज़ में क्या पढ़ा कोई नहीं पूछेगा लेकिन नमाज़ पढ़ने के बाद हमारा बर्ताव कैसा है यह सब देखेंगे. रोज़ा रखें कोई नहीं जानेगा लेकिन रोज़ा के वक्त हमारा व्यवहार कैसा है़ यह सब देखेंगे. हम हज करें कोई नहीं पूछेगा लेकिन हज के बाद हम कैसे रहते हैं कितना सच बोलते हैं, हम कैसी जिंदगी जी रहे हैं यह सब देखेंगे. कोई हमारी मज़हबी किताबों को आकर नहीं पढ़ेगा कि अल्लाह और उसके रसूल ने क्या कहा और उन किताबों में क्या लिखा है? दूसरे मज़हब के लोग बस हमारे अखलाक, नीयत और क़िरदार को देखेंगे और समझ जाएंगे कि अल्लाह और उसके रसूल ने क्या कहा और उन मज़हबी किताबों को पढ़कर हमने क्या सीखा है.
सहारनपुर में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की अपील
सहारनपुर में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने शांति और सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की है. जामा मस्जिद प्रबंधक समिति ने भी जुमे की नमाज अपने मोहल्ले की मस्जिदों में पढ़ने का आह्वान किया है. प्रबंधक मौलवी फरीद, सचिव मसूद बदर ने बयान जारी कर कहा कि इस शुक्रवार को सभी लोग अपने घरों के पास की मस्जिदों में नमाज अदा करें. मुसलमान भाई कोई भी ऐसा काम न करें जिससे शहर की शांति भंग हो. वहीं, जामा मस्जिद के इमाम मुफ़्ती कारी अरशद गोरा ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों से बचें. पिछले जुमे को हुई हिंसा ने सभी को झकझोर दिया है. अमन और शांति की हिफाजत करना हम सबकी जिम्मेदारी है. मुसलमान भाई कोई भी ऐसा काम ना करें जो कानून के खिलाफ हो और उनको जेल जाना पड़े. कहा कि जामा मस्जिद के बजाए अपने मोहल्ले की मस्जिद में नमाज पढ़ें. एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि महानगर सहारनपुर में तीन कंपनियां RAF, तीन कंपनियां PAC समेत भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है. कानून का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा.
आगरा में शांति की अपील
आगरा में जुमे की नमाज से पहले इस्लामी लोकल एजेंसी के चेयरमैन जाहिद कुरैशी ने पंफ्लेट बांटकर लोगों को जागरूक किया. पंफ्लेट के जरिए सभी से गुजारिश की गई कि आगरा का माहौल न बिगड़ने दें. आवाम को गुमराह करने वाले असामाजिक तत्वों से सावधान रहें क्योंकि ऐसे लोग शासन और प्रशासन के अधिकारियों को अपना चेहरा दिखाने के लिए आपको आग में झोंकने का काम करते आए हैं. अपील की गई है कि 17 जून को जुमे की नमाज शांति से अदा कर घर को चले जाएं. किसी की भी बातों में न आएं. वहीं, उत्तर प्रदेश मुस्लिम महा पंचायत के सरपंच नदीम नूर ने भी वीडियो जारी कर जुमे की नमाज शांति से पढ़ने की अपील की. कहा कि असामाजिक तत्व देश का माहौल खराब करना चाहते हैं, ऐसे लोगों से बचकर रहें.
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