लखनऊः पिछले कई सालो से नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में भालुओं की कमी थी, जिसे पूरी करने में जू प्रशासन भी प्रयास कर रहा था. शुक्रवार को प्राणी उद्यान का प्रयास सफल हुआ. शुक्रवार की सुबह बालासाहेब ठाकरे गोरेवाड़ा अन्तर्राष्ट्रीय प्राणि उद्यान, नागपुर से एक नर तथा एक मादा भालू को लखनऊ प्राणि उद्यान लाया गया. इन देसी भालुओं को प्राणि उद्यान के भालू बाड़े में रखा गया है. इस जोड़े में नर का नाम राॅकी है. उसकी आयु लगभग 06 वर्ष है. वहीं, मादा का नाम जूली है. उसकी आयु लगभग सात साल है.
इससे पूर्व प्राणि उद्यान में एक नर देसी भालू पिंटू है. वर्तमान में प्राणि उद्यान में देसी भालुओं की कुल संख्या तीन हो गई है. इनमें दो नर और एक मादा भालू शामिल है. वन्य जीव विनिमय के तहत नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान से स्वैम्प डियर, हाॅग डियर, ब्लू यैलो मकाउ, पेंटेड स्टाॅर्क एवं सारस क्रेन बालासाहेब ठाकरे गोरेवाड़ा अंतरराष्ट्रीय प्राणि उद्यान, नागपुर को दिए जाएंगे.
निदेशक अदिति शर्मा ने बताया कि नागपुर प्राणी उद्यान को वन्यजीव दिए जाने की तैयारी की जा रही है, जल्द ही उन्हें वन्यजीव सौप दिए जाएंगे. वहीं देसी भालू के आने से जू में जानवरों की संख्या बढ़ेगी. भालू बहुत ही रोचक वन्यजीव है. इसे सभी देखना पसंद करते है. इसी तरह हम और वन्यजीव भी लाने का प्रयास कर रहे हैं. लखनऊ प्राणि उद्यान में अभी और नए मेहमान ले जाएंगे. वहीं, डॉक्टर उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि हमारे पास मादा भालू नहीं थी, जिसकी वजह से भालुओं का कुनबा नहीं बढ़ पा रहा था. अब इस जोड़ी से हम भालुओं का कुनबा बढ़ाने का प्रयास करेंगे. धीरे-धीरे और वन्यजीव का भी कुनबा बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा.
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