लखनऊः बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ ने एक दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. ये कार्यक्रम महिलाओं की आधारभूत सुविधाओं की समिति 'उन्नत भारत अभियान, जेंडर चैंपियन समिति और एनसीसी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया. ये प्रशिक्षण कार्यक्रम 'कोरोना कॉल और आत्मनिर्भर भारत' में महिलाओं की भूमिका विषय पर यूनिवर्सिटी के गोद लिये गये 5 गांव औरावा, चकौली, मीरानपुर, रामचौरा और दादूपुर की महिलाओं के लिए सरोजिनी नगर ब्लॉक लखनऊ में सोमवार को आयोजित किया गया. कार्यक्रम में गांव की महिला किसान बड़ी संख्या में जुटी और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में क्या प्रयास कर सकती हैं. इसके बारे में जानकारी भी ली.
कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम
डॉक्टर आर एस वर्मा ने कोकोपीट के माध्यम से बीज के अंकुरण की प्रक्रिया के बारे में महिलाओं को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस तरह से कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है. इसके साथ ही व्यवसाय की दृष्टि से महिलाओं को मौसमी फल सब्जियों और फूलों की खेती के लिए प्रेरित किया. उनके तैयार किये गये उत्पाद के विक्रय में सहयोग प्रदान करने का भी आश्वासन दिया. खेती और उससे तैयार दूसरे उत्पादों को व्यापार में संभावनाओं के बारे में जानकारी दी और इसके साथ ही आगे इस दिशा में प्रशिक्षण और सहयोग के लिए संपर्क करने की सलाह दी. ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा. जिसमें हम जैविक खेती का प्रशिक्षण देंगे. इस दौरान जैविक उर्वरक बनाने की तकनीक भी सिखाएंगे. महिलाओं को खेती के लिए जैविक उर्वरक उपलब्ध कराने की बात कही. प्रोफेसर नवीन अरोड़ा के सहयोगी डॉक्टर जितेंद्र और मिस मेनका ने महिलाओं को जैविक उर्वरकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा, जिसमें न सिर्फ सूचना प्रौद्योगिकी और खेती से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जायेगा. बल्कि योग और मेडिकल कैंप लगाया जायेगा. इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के तैयार उत्पाद को यूनिवर्सिटी के सहयोग से बाजार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.
डॉक्टर रचना गंगवार ने महिलाओं को बताया कि क्यों सूचना प्रौद्योगिकी की जानकारी होना हम सभी के लिए आवश्यक है. इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए भी प्रेरित किया. आर्थिक स्वावलंबन के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि इस देश की आधी आबादी महिलाओं की है. ये आधी आबादी आगे आकर व्यवसाय और रोजगार के क्षेत्र में खुद को स्थापित करेगी, तभी देश का विकास होगा. इसके साथ ही महिलाओं की स्थिति में भी सुधार होगा.