लखनऊ: बाबा भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय अब शिक्षा के साथ-साथ व्यवहार और सामाजिक न्याय की जानकारी के लिए विद्यार्थियों की पाठशाला चलाने जा रहा है. कोरोना महामारी के चलते ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से विद्यार्थियों को समाज से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. विधि संकाय के डॉ. एसके चड्ढा के संयोजन में चल रही पाठशाला के दौरान समाज में भूमिका और कर्तव्य की जानकारी दी जा रही है.
संयोजक सदस्य डॉ. अनीस अहमद ने बताया कि शिक्षा मानसिक विकास के साथ ही अधिकारों को समझने के लिए भी होती है. उन्होंने बताया कि बाबा भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति संजय सिंह के दिशा-निर्देशन में परिषद को पर्यावरण अनुकूल बनाने के साथ ही विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकारों से भी जोड़ा जा रहा है.
विश्वविद्यालय एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर प्रतियोगिताएं आयोजित कर जानकारी विद्यार्थियों को दी जा रही है. वहीं भूगर्भ जल के स्तर में लगातार हो रही गिरावट को लेकर भी विद्यार्थियों की भूमिका पर मंथन किया जा रहा है. अनीस अहमद ने बताया कि इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जिसका उल्लंघन करने पर 2 से लेकर 20 लाख तक का जुर्माना भी है.
बीबीएयू के विद्यार्थी अब पढ़ेंगे सामाजिक न्याय की पाठशाला - बीबीएयू में सामाजिक न्याय पाठशाला
कोरोना महामारी के चलते ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से विद्यार्थियों को समाज से जोड़ा जा रहा है. बाबा भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में चल रही पाठशाला के दौरान समाज में भूमिका और कर्तव्य की जानकारी भी दी जा रही है.
लखनऊ: बाबा भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय अब शिक्षा के साथ-साथ व्यवहार और सामाजिक न्याय की जानकारी के लिए विद्यार्थियों की पाठशाला चलाने जा रहा है. कोरोना महामारी के चलते ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से विद्यार्थियों को समाज से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. विधि संकाय के डॉ. एसके चड्ढा के संयोजन में चल रही पाठशाला के दौरान समाज में भूमिका और कर्तव्य की जानकारी दी जा रही है.
संयोजक सदस्य डॉ. अनीस अहमद ने बताया कि शिक्षा मानसिक विकास के साथ ही अधिकारों को समझने के लिए भी होती है. उन्होंने बताया कि बाबा भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति संजय सिंह के दिशा-निर्देशन में परिषद को पर्यावरण अनुकूल बनाने के साथ ही विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकारों से भी जोड़ा जा रहा है.
विश्वविद्यालय एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर प्रतियोगिताएं आयोजित कर जानकारी विद्यार्थियों को दी जा रही है. वहीं भूगर्भ जल के स्तर में लगातार हो रही गिरावट को लेकर भी विद्यार्थियों की भूमिका पर मंथन किया जा रहा है. अनीस अहमद ने बताया कि इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जिसका उल्लंघन करने पर 2 से लेकर 20 लाख तक का जुर्माना भी है.