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स्थानांतरण पर रोक लगने से नाराज महिला शिक्षकों ने गोद में बच्चों को लेकर दिया धरना

बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जून में करीब 16 हजार से अधिक शिक्षकों का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण किया था. इस कड़ी में स्थानांतरण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने की बात कह कर 6800 शिक्षकों की कार्यमुक्त करने पर रोक लगा दी गई. इनमें बड़ी संख्या में महिला शिक्षक शामिल हैं.

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Published : Aug 7, 2023, 7:38 PM IST

महिला शिक्षकों ने गोद में बच्चों को लेकर दिया धरना. देखें खबर

लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का स्थानांतरण होने के बाद भी उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है. इसको लेकर बीते कई दिनों से महिला शिक्षकों द्वारा बेसिक शिक्षा निदेशालय पर कुछ कुछ दिनों के गेट पर लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. पर इसके बाद भी उनकी मांगों पर विभाग की ओर से कोई विचार नहीं हो रहा है. बीते शुक्रवार को भी अपने स्थानांतरण आदेश के बाद कार्यमुक्त करने की मांग को लेकर सही सरकार ने निदेशालय के बाद प्रदर्शन किया था. अधिकारियों ने सोमवार तक उन्हें कार्यमुक्त करने का आदेश जारी करने का आश्वासन दिया था. सोमवार को भी जब शिक्षिकाओं को उनका कार्य मुक्त का आदेश नहीं मिला तो वह एक बार फिर से भेज शिक्षा निदेशालय का घेराव कर बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.


निदेशालय के बाहर छोटे-छोटे बच्चों के साथ दे रही धरना

प्रदर्शन कर रहीं शिक्षिकाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ शिक्षा निदेशालय पर धरना देने पहुंचीं हैं. प्रदर्शन कर रहीं कई महिला शिक्षकों के साथ में एक साल से भी छोटे बच्चे भी हैं. शिक्षिकाओं का कहना है कि इस उमस से भरी गर्मी में अपने कार्मिक के आदेश को लेकर लगातार विभाग के चक्कर काट रही हैं. इसके बावजूद विभाग की ओर से उनके मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. प्रदर्शन कर रही महिला शिक्षिकों का कहना है कि 69000 शिक्षक भर्ती वाली शिक्षिकाओं के स्थानांतरण के बाद कार्यमुक्ति पर रोक लगा दी गई है. मामला कोर्ट में भी नहीं है फिर भी पेंच फंसाया जा रहा है. अब जब तक उनकी सुनवाई नहीं होगी. तब तक अपने बच्चों को लेकर धरना देती रहेंगी.

बता दें, बेसिक शिक्षा परिषद में शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 6800 शिक्षकों का मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण उनके कार्यमुक्त करने के आदेश पर रोक लगा दी गई है. शिक्षिकाओं का कहना है कि इस आदेश की आड़ में कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी उनका मामला कोर्ट में नहीं होने के बाद भी उनको जिले में ज्वाइन करने के लिए कार्यमुक्त नहीं कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी, जानिए अन्य जिलों का हाल

महिला शिक्षकों ने गोद में बच्चों को लेकर दिया धरना. देखें खबर

लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का स्थानांतरण होने के बाद भी उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है. इसको लेकर बीते कई दिनों से महिला शिक्षकों द्वारा बेसिक शिक्षा निदेशालय पर कुछ कुछ दिनों के गेट पर लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. पर इसके बाद भी उनकी मांगों पर विभाग की ओर से कोई विचार नहीं हो रहा है. बीते शुक्रवार को भी अपने स्थानांतरण आदेश के बाद कार्यमुक्त करने की मांग को लेकर सही सरकार ने निदेशालय के बाद प्रदर्शन किया था. अधिकारियों ने सोमवार तक उन्हें कार्यमुक्त करने का आदेश जारी करने का आश्वासन दिया था. सोमवार को भी जब शिक्षिकाओं को उनका कार्य मुक्त का आदेश नहीं मिला तो वह एक बार फिर से भेज शिक्षा निदेशालय का घेराव कर बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.


निदेशालय के बाहर छोटे-छोटे बच्चों के साथ दे रही धरना

प्रदर्शन कर रहीं शिक्षिकाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ शिक्षा निदेशालय पर धरना देने पहुंचीं हैं. प्रदर्शन कर रहीं कई महिला शिक्षकों के साथ में एक साल से भी छोटे बच्चे भी हैं. शिक्षिकाओं का कहना है कि इस उमस से भरी गर्मी में अपने कार्मिक के आदेश को लेकर लगातार विभाग के चक्कर काट रही हैं. इसके बावजूद विभाग की ओर से उनके मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. प्रदर्शन कर रही महिला शिक्षिकों का कहना है कि 69000 शिक्षक भर्ती वाली शिक्षिकाओं के स्थानांतरण के बाद कार्यमुक्ति पर रोक लगा दी गई है. मामला कोर्ट में भी नहीं है फिर भी पेंच फंसाया जा रहा है. अब जब तक उनकी सुनवाई नहीं होगी. तब तक अपने बच्चों को लेकर धरना देती रहेंगी.

बता दें, बेसिक शिक्षा परिषद में शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 6800 शिक्षकों का मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण उनके कार्यमुक्त करने के आदेश पर रोक लगा दी गई है. शिक्षिकाओं का कहना है कि इस आदेश की आड़ में कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी उनका मामला कोर्ट में नहीं होने के बाद भी उनको जिले में ज्वाइन करने के लिए कार्यमुक्त नहीं कर रहे हैं.

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