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यूपी में ऑनलाइन हाजिरी प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे शिक्षक, शीतकालीन अवकाश के बाद होगी सख्ती - Online Attendance of Teachers

यूपी सरकार बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी प्रक्रिया पूरी कराने में सफल नहीं हो पा रही है. आलम यह है कि शिक्षकों ने कई तरह के बहाने बना कर दिए गए टैबलेट एक्टिवेट ही नहीं किए हैं. हालांकि शिक्षा महानिदेशक ने शीतकालीन अवकाश के बाद सख्ती की चेतावनी दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 23, 2023, 4:19 PM IST

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के 6 जनपदों में शुरू हुए ऑनलाइन अटेंडेंस प्रक्रिया को विभाग के शिक्षक ही पलीता लगाने में जुटे हुए हैं. विभाग की ओर से बाराबंकी, खीरी, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली और उन्नाव जिले में ऑनलाइन अटेंडेंस की प्रक्रिया पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई थी. इसके इन जिलों में शिक्षकों को वितरित किए गए टैबलेट में से आधे से ज्यादा टैबलेट बंद पड़े हैं. 18 दिसंबर तक महानिदेशक स्कूल शिक्षा को मिले रिपोर्ट के आधार पर केवल 36.5% ही टैबलेट एक्टिवेट हो पाए. इसको लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इन सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए सभी टैबलेट को ऑन करने के साथ ही प्रेरणा एप डाउनलोड करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है गया है कि इस प्रक्रिया में बाधा डालने वाले शिक्षकों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाए.


ऑनलाइन हाजिर नहीं हो रहे शिक्षक.
ऑनलाइन हाजिर नहीं हो रहे शिक्षक.



63.5% टैबलेट अभी तक ऑन ही नहीं : बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से ऑनलाइन फेस रिकॉग्निशन आधारित उपस्थित शुरू करने के लिए इन 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था शुरू की गई थी. इसके लिए इन सभी 6 जिलों में 28 हजार 314 टेबलेट वितरित किए गए थे 18 दिसंबर तक इनमें से केवल 10 हजार 328 टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजे गए रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी तक 63.5% टैबलेट तो शिक्षकों ने ऑन ही नहीं किया है. इसका सबसे बड़ा कारण शिक्षक को द्वारा मोबाइल सिम को लेकर है.

महानिदेशक शिक्षा का कड़ा फरमान.
महानिदेशक शिक्षा का कड़ा फरमान.

इंटरनेट और सिम की व्यवस्था नहीं : बेसिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि विभाग ने टैबलेट तो शिक्षकों को मुहैया करा दिया, पर इसके लिए इंटरनेट और सिम की व्यवस्था नहीं किया है विभाग में सभी शिक्षकों को टैबलेट में अपने आईडी से सिम खरीद कर उसे एक्टिवेट करने के निर्देश दिए हैं जबकि यह टैबलेट स्कूल के कामों में प्रयोग होना है ऐसे में अगर शिक्षक अपने आईडी से सिम खरीदना है और उसका ट्रांसफर हो जाता है तो उसके आईडी पर खरीदे गए सिम का मिसयूज हो सकता है जिसको लेकर शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं. इन सभी जिलों से बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तरफ से भेजे गए रिपोर्ट में महानिदेशक स्कूल शिक्षा को यही बताया गया है कि शिक्षकों के विरोध के कारण सारे टैबलेट्स एक्टिवेट नहीं हो पा रहे हैं.

यूपी पलक प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी.
यूपी पलक प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी.

बाराबंकी में सबसे कम 8% ही टैबलेट एक्टिवेट : महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजे गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे कम बाराबंकी में 8% टैबलेट ही एक्टिवेट हो पाए हैं. सबसे अधिक टैबलेट हरदोई में 60% एक्टिवेट हुए हैं. रायबरेली में 50% उन्नाव में 40% और खीरी और सीतापुर में 30-30% टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. बाराबंकी जिले को 4180 टैबलेट अलॉट किए गए थे, जिसमें से मात्र 334 टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. खीरी जनपद को 5023 टैबलेट दिए गए थे, जिसमें 1560 टैबलेट, हरदोई में 5212 टैबलेट दिए गए थे जिसमें से 3127 टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. वही सीतापुर में 5765 टैबलेट में से 1730 टैबलेट, रायबरेली में 3762 टैबलेट में से 1881 टैबलेट और उन्नाव में 4372 टेबलेट से 1749 टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. इन सभी जनपदों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में कुल 28 हजार 314 टैबलेट बांटे थे.

यह भी पढ़ें : नई शिक्षा नीति से मैकाले की शिक्षा नीति का प्रभाव होगा समाप्त: डिप्टी सीएम

यूपी में बेसिक शिक्षा मंत्री के घर का घेराव, पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच हुई तकरार

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के 6 जनपदों में शुरू हुए ऑनलाइन अटेंडेंस प्रक्रिया को विभाग के शिक्षक ही पलीता लगाने में जुटे हुए हैं. विभाग की ओर से बाराबंकी, खीरी, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली और उन्नाव जिले में ऑनलाइन अटेंडेंस की प्रक्रिया पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई थी. इसके इन जिलों में शिक्षकों को वितरित किए गए टैबलेट में से आधे से ज्यादा टैबलेट बंद पड़े हैं. 18 दिसंबर तक महानिदेशक स्कूल शिक्षा को मिले रिपोर्ट के आधार पर केवल 36.5% ही टैबलेट एक्टिवेट हो पाए. इसको लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इन सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए सभी टैबलेट को ऑन करने के साथ ही प्रेरणा एप डाउनलोड करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है गया है कि इस प्रक्रिया में बाधा डालने वाले शिक्षकों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाए.


ऑनलाइन हाजिर नहीं हो रहे शिक्षक.
ऑनलाइन हाजिर नहीं हो रहे शिक्षक.



63.5% टैबलेट अभी तक ऑन ही नहीं : बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से ऑनलाइन फेस रिकॉग्निशन आधारित उपस्थित शुरू करने के लिए इन 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था शुरू की गई थी. इसके लिए इन सभी 6 जिलों में 28 हजार 314 टेबलेट वितरित किए गए थे 18 दिसंबर तक इनमें से केवल 10 हजार 328 टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजे गए रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी तक 63.5% टैबलेट तो शिक्षकों ने ऑन ही नहीं किया है. इसका सबसे बड़ा कारण शिक्षक को द्वारा मोबाइल सिम को लेकर है.

महानिदेशक शिक्षा का कड़ा फरमान.
महानिदेशक शिक्षा का कड़ा फरमान.

इंटरनेट और सिम की व्यवस्था नहीं : बेसिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि विभाग ने टैबलेट तो शिक्षकों को मुहैया करा दिया, पर इसके लिए इंटरनेट और सिम की व्यवस्था नहीं किया है विभाग में सभी शिक्षकों को टैबलेट में अपने आईडी से सिम खरीद कर उसे एक्टिवेट करने के निर्देश दिए हैं जबकि यह टैबलेट स्कूल के कामों में प्रयोग होना है ऐसे में अगर शिक्षक अपने आईडी से सिम खरीदना है और उसका ट्रांसफर हो जाता है तो उसके आईडी पर खरीदे गए सिम का मिसयूज हो सकता है जिसको लेकर शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं. इन सभी जिलों से बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तरफ से भेजे गए रिपोर्ट में महानिदेशक स्कूल शिक्षा को यही बताया गया है कि शिक्षकों के विरोध के कारण सारे टैबलेट्स एक्टिवेट नहीं हो पा रहे हैं.

यूपी पलक प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी.
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बाराबंकी में सबसे कम 8% ही टैबलेट एक्टिवेट : महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजे गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे कम बाराबंकी में 8% टैबलेट ही एक्टिवेट हो पाए हैं. सबसे अधिक टैबलेट हरदोई में 60% एक्टिवेट हुए हैं. रायबरेली में 50% उन्नाव में 40% और खीरी और सीतापुर में 30-30% टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. बाराबंकी जिले को 4180 टैबलेट अलॉट किए गए थे, जिसमें से मात्र 334 टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. खीरी जनपद को 5023 टैबलेट दिए गए थे, जिसमें 1560 टैबलेट, हरदोई में 5212 टैबलेट दिए गए थे जिसमें से 3127 टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. वही सीतापुर में 5765 टैबलेट में से 1730 टैबलेट, रायबरेली में 3762 टैबलेट में से 1881 टैबलेट और उन्नाव में 4372 टेबलेट से 1749 टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. इन सभी जनपदों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में कुल 28 हजार 314 टैबलेट बांटे थे.

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