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69 हजार शिक्षक भर्ती: बेसिक शिक्षा मंत्री बोले- आरोप निराधार, सामान्य वर्ग में 20,301 अभ्यर्थियों का ही हुआ चयन

यूपी में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रकरण में आरक्षण घोटाले के आरोपों को बेसिक शिक्षा मंत्री ने सिरे से खारिज कर दिया है. बेसिक शिक्षा मंत्री का कहना है कि इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए करीब 34600 पद थे. इसमें भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को करीब 20,301 पद मिले हैं. अन्य पदों पर ओबीसी एससी एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.

69 हजार शिक्षक भर्ती
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Published : Jul 6, 2021, 12:09 AM IST

Updated : Jul 6, 2021, 5:45 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रकरण में आरक्षण घोटाले के आरोपों को बेसिक शिक्षा मंत्री ने सिरे से खारिज कर दिया है. बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी का कहना है कि इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए करीब 34600 पद थे. इसमें भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को करीब 20,301 पद मिले हैं. अन्य पदों पर ओबीसी एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. उन्होंने कहा कि आरक्षण घोटाले के आरोप पूरी तरह से गलत है. कुछ अभ्यर्थी गलत सूचनाओं के आधार पर प्रकरण को हवा दे रहे हैं.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने की प्रेसवार्ता.

ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर 1 सप्ताह में देंगे जवाब
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभ्यर्थियों की ओर से लगातार यह कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से उनसे जवाब तलब किया गया है, लेकिन सरकार जवाब नहीं दे रही है. उनकी मानें तो अभी तक आयोग की तरफ से आधिकारिक रूप से इस तरह की कोई रिपोर्ट विभाग को नहीं भेजी गई है. उन्होंने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करते हुए आयोग से रिपोर्ट प्राप्त करने और उसका जवाब 1 सप्ताह के भीतर भिजवाने का आश्वासन भी दिया है.

यह है मामला
उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 69000 पदों पर सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. वर्तमान में तीसरे चरण की काउंसलिंग आयोजित की जा चुकी है. इसमें चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाने की प्रक्रिया अभी फंसी हुई है. इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया गया है. इस संबंध में अभ्यर्थियों की ओर से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में भी शिकायत की गई थी. अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने भी प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों के उल्लंघन की बात को स्वीकार किया है. इस पर सरकार से जवाब तलब भी किया गया है. शिकायत है कि सरकार आयोग को भी अपना जवाब नहीं भेज रही हो. आरोप है कि इसके चलते 5844 सीटों का नुकसान हुआ है.

सोमवार सुबह किया था धरना प्रदर्शन
इन अभ्यर्थियों की ओर से सोमवार सुबह लखनऊ में डाली बाग स्थित बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया गया था. इस दौरान मंत्री ने अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल को दोपहर 12:00 बजे के आसपास बापू भवन स्थित कार्यालय में वार्ता के लिए आमंत्रित किया. अभ्यर्थियों का 5 सदस्य प्रतिनिधि मंडल वार्ता करने पहुंचा.

इसे भी पढ़ें-69 हजार सहायक शिक्षक भर्तीः OBC, SC वर्ग के अभ्यर्थियों का शिक्षा मंत्री के आवास पर प्रदर्शन

यह बेसिक शिक्षा मंत्री का पक्ष

  • सभी आरोप गलत हैं. आरक्षण के नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया है.
  • अभी तक आयोग की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. रिपोर्ट मिलने के बाद 1 सप्ताह के भीतर जवाब भेज दिया जाएगा.

यह है वार्ता के बाद अभ्यर्थियों का बयान

  • बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने OBC वर्ग के अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया है.
  • राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट देखने के बाद कार्रवाई करने की बात कही है. अभ्यर्थियों से शिक्षा मंत्री ने 4 दिन का समय मांगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रकरण में आरक्षण घोटाले के आरोपों को बेसिक शिक्षा मंत्री ने सिरे से खारिज कर दिया है. बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी का कहना है कि इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए करीब 34600 पद थे. इसमें भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को करीब 20,301 पद मिले हैं. अन्य पदों पर ओबीसी एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. उन्होंने कहा कि आरक्षण घोटाले के आरोप पूरी तरह से गलत है. कुछ अभ्यर्थी गलत सूचनाओं के आधार पर प्रकरण को हवा दे रहे हैं.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने की प्रेसवार्ता.

ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर 1 सप्ताह में देंगे जवाब
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभ्यर्थियों की ओर से लगातार यह कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से उनसे जवाब तलब किया गया है, लेकिन सरकार जवाब नहीं दे रही है. उनकी मानें तो अभी तक आयोग की तरफ से आधिकारिक रूप से इस तरह की कोई रिपोर्ट विभाग को नहीं भेजी गई है. उन्होंने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करते हुए आयोग से रिपोर्ट प्राप्त करने और उसका जवाब 1 सप्ताह के भीतर भिजवाने का आश्वासन भी दिया है.

यह है मामला
उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 69000 पदों पर सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है. वर्तमान में तीसरे चरण की काउंसलिंग आयोजित की जा चुकी है. इसमें चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाने की प्रक्रिया अभी फंसी हुई है. इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया गया है. इस संबंध में अभ्यर्थियों की ओर से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में भी शिकायत की गई थी. अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने भी प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों के उल्लंघन की बात को स्वीकार किया है. इस पर सरकार से जवाब तलब भी किया गया है. शिकायत है कि सरकार आयोग को भी अपना जवाब नहीं भेज रही हो. आरोप है कि इसके चलते 5844 सीटों का नुकसान हुआ है.

सोमवार सुबह किया था धरना प्रदर्शन
इन अभ्यर्थियों की ओर से सोमवार सुबह लखनऊ में डाली बाग स्थित बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया गया था. इस दौरान मंत्री ने अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल को दोपहर 12:00 बजे के आसपास बापू भवन स्थित कार्यालय में वार्ता के लिए आमंत्रित किया. अभ्यर्थियों का 5 सदस्य प्रतिनिधि मंडल वार्ता करने पहुंचा.

इसे भी पढ़ें-69 हजार सहायक शिक्षक भर्तीः OBC, SC वर्ग के अभ्यर्थियों का शिक्षा मंत्री के आवास पर प्रदर्शन

यह बेसिक शिक्षा मंत्री का पक्ष

  • सभी आरोप गलत हैं. आरक्षण के नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया है.
  • अभी तक आयोग की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. रिपोर्ट मिलने के बाद 1 सप्ताह के भीतर जवाब भेज दिया जाएगा.

यह है वार्ता के बाद अभ्यर्थियों का बयान

  • बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने OBC वर्ग के अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया है.
  • राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट देखने के बाद कार्रवाई करने की बात कही है. अभ्यर्थियों से शिक्षा मंत्री ने 4 दिन का समय मांगा.
Last Updated : Jul 6, 2021, 5:45 AM IST
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