लखनऊ: राजधानी में निजी स्कूल संचालक सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. बेसिक शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद वह शिक्षा के अधिकार के तहत निर्धारित 25 प्रतिशित फ्री सीट पर बच्चों के दाखिले लेने को तैयार नहीं हैं. पहले चरण में चयनित 60 प्रतिशत बच्चों के दाखिले अभी तक नहीं हो पाए हैं. वहीं, दूसरे चरण को तो अभी कोई ब्यौरा ही नहीं है. दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा विभाग (basic education department) कानून को लागू करने के दावे कर रहा है.
समाजसेवी आलोक सिंह ने बताया कि स्कूलों से बच्चों को लौटाया जा रहा है. कई स्कूल बच्चों को यह कहकर लौटा रहे हैं कि विभाग की तरफ से कोई आदेश नहीं मिला है.
शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत निजी स्कूलों में गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई हैं. इनमें बेसिक शिक्षा विभाग के स्तर पर दाखिले कराए जाते हैं. विभाग इन बच्चों को पढ़ाने के बदले में स्कूल को एक निर्धारित शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान करता है. वर्तमान में राजधानी समेत उत्तर प्रदेश में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है.
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लखनऊ में पहले चरण में कुल 14,679 आवेदन किए गए थे. इनमें से 9704 को बच्चों को निशुल्क सीट पर दाखिले के लिए चुना गया. विभाग के निर्धारित कार्यक्रम के तहत अप्रैल माह में इन बच्चों के दाखिले स्कूल में हो जाना चाहिए थे. लेकिन, अभी तक यह नहीं हो पाया. अभी तक करीब 4200 दाखिले हो पाए हैं. दूसरे चरण में दाखिले के लिए अप्रैल में प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसके लिए 5 मई तक सभी दाखिले हो जाने चाहिए थे. लखनऊ में दाखिले के लिए दूसरे चरण में 7,141 आवेदन आए थे. जिसमें, 4,537 को दाखिले के लिए चयनित किया गया है.
दाखिले का तीसरा चरण शुरू हो चुका है. 15 जून को चयनित छात्र-छात्राओं की सूची जारी की जाएगी. वहीं, 30 जून तक दाखिले का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले में विभाग के स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. कुछ स्कूलों में गर्मी की छुट्टी घोषित हो चुकी है. ऐसे में कुछ परेशानी आ रही है. लेकिन, लगातार प्रयास जारी हैं. दाखिला न लेने वाले स्कूलों पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. कुछ दिन पहले भी नोटिस जारी किए गए हैं.
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