बाराबंकी : यूपी के बाराबंकी में सिग्नल ठीक करने जा रहे रेलवे के तीन कर्मचारी अचानक गुजरी एक ट्रेन की चपेट में आ गए. जिसमें दो की मौत हो गई जबकि एक कर्मचारी बुरी तरह घायल हो गया. घायल रेलकर्मी का लखनऊ के रेलवे अस्पताल में इलाज चल रहा है. हादसा कैसे हुआ इस बाबत रेल अधिकारी पड़ताल कर रहे हैं.
हॉर्न की आवाज में दब गई चीख : रेलवे के अनुसार गुरुवार को करीब 11 बजे बाराबंकी-गोंडा एनईआर रेलखंड पर जहांगीराबाद रेलवे स्टेशन से तकरीबन 900 मीटर पहले लगे रेलवे सिग्नल में कुछ तकनीकी खराबी के चलते उसे ठीक करने के लिए सिग्नल मेंटिनेंस विभाग के कर्मचारी अरविंद कुमार (22) अपने सहयोगी ताला सोरेन और यांत्रिकी विभाग के कर्मचारी देवी प्रसाद के साथ सिग्नल ठीक करने जा रहे थे. उसी वक्त अप लाइन से बरौनी ग्वालियर गुजरी और अचानक डाउन लाइन पर राप्ती सागर भी आ गई. शायद हॉर्न की आवाज में ये लोग कुछ समझ नहीं पाए और कोचीन से गोरखपुर जा रही डाउन ट्रेन की चपेट में आ गए. कर्मचारी अरविंद की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो कर्मचारी देवी प्रसाद और ताला सोरेन गंभीर रूप से घायल हो गए. आननफानन घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने ताला सोरेन को मृत घोषित कर दिया. वही हालत नाजुक देख देवी प्रसाद को लखनऊ के रेलवे अस्पताल रेफर कर दिया गया. अरविंद कुमार बाराबंकी जिले के मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के दान पुरवा का रहने वाला था जबकि दूसरे प्राइवेट कर्मचारी ताला सोरेन उर्फ टिल्लू है जो बिहार के कटिहार जिले का रहने वाला था. घायल देवी प्रसाद गोंडा जिले के निवासी हैं.
स्टेशन मास्टर सुनील कुमार ने बताया कि बीती रात ट्रैक सिग्नल में कुछ खराबी आ गई थी. जिसकी सूचना सिग्नल मेंटिनेंस विभाग के कर्मचारियों को दी गई थी. हालांकि खराबी को रात में ही उसे ठीक कर लिया गया था. संभव है कुछ खराबी रह गई हो जिसे ठीक करने के लिए ये कर्मचारी जा रहे थे. उसी समय दोनों ट्रेनों ने एक दूसरे को क्रॉस किया और ये लोग समझ नहीं पाए और ट्रेन की चपेट में आ गए.