लखनऊ: प्रदेश भर में बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं का प्रदर्शन चल रहा है. चित्रकूट में बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर सदर उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. वहीं मथुरा में भी अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. अधिवक्ताओं का कहना है कि वर्तमान सरकार ने 3 वर्षों से किसी भी प्रकार की धनराशि बार काउंसिल को मुहैया नहीं कराया है. अगर समय रहते हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.
चित्रकूट में अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
जिला बार एसोसिएशन चित्रकूट के तत्वाधान में सोमवार को अधिवक्ताओं ने उप जिलाधिकारी को अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. जिला अधिवक्ता संघ का कहना है कि अधिवक्ताओं के हित के लिए वर्तमान सरकार अपने संकल्प पत्र के माध्यम से प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं को न्यासी समिति से प्राप्त होने वाली धनराशि 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख करके देने वाली थी, लेकिन प्रदेश सरकार के 3 वर्ष पूरे हो जाने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
सरकार ने नहीं पूरे किए वादे
अधिवक्ताओं का कहना है कि पूर्व सरकार अधिवक्ताओं के हित में योजनाएं प्रारंभ करने हेतु 40 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराती थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने उक्त धनराशि विगत 3 वर्षों से उपलब्ध नहीं करवाई है. अधिवक्ताओं की हित की योजनाओं को संचालन करने के लिए प्रतिवर्ष 80 करोड़ रुपयों की आवश्यकता होती है.
धनराशि नहीं कराई गई उपलब्ध
वर्तमान सरकार ने लाइब्रेरी के लिए 9 मार्च 2019 को घोषणा की थी और कहा था कि 5,000 रुपये प्रति वर्ष प्रदान किया जाएगा, लेकिन वह भी पैसा आज तक मुहैया नहीं कराया गया है.
क्या हैं अधिवक्ताओं की मांगें
- अधिवक्ताओं के लिए तत्काल मेडिकल पॉलिसी.
- अधिवक्ताओं को बैठने के लिए अत्याधुनिक चेम्बर निर्माण करवाए जाए.
- अधिवक्ताओं की 65 वर्ष की आयु के पश्चात पेंशन लागू की जाए.
- आश्रित परिवारजनों को परिवारिक पेंशन की सुविधा व्यवस्था लागू की जाए.
- आयुष्मान मेडिकल पॉलिसी का लाभ मिले.
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी अधिवक्ताओं को दिया जाए.
- जान माल की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था की जाए.
- जनपद में एक अपर आयुक्त न्यायालय की स्थापना की जाए.
- परिवाहन में नि:शुल्क यात्रा हेतु पास जारी किया जाए.
- अधिवक्ताओं के लिए आवास हेतु कालोनी का निर्माण किया जाए.
- दिल्ली की तर्ज पर भारत दर्शन हेतु रेलवे से नि:शुल्क व्यवस्था की जाए.
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मथुरा में अधिवक्ताओं ने सीएम के नाम पर सौंपा ज्ञापन
बार एसोसिएशन जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह चौहान के नेतृत्व में भारी संख्या में अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान अवधेश सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं के हित में कुछ योजनाएं प्रारंभ की हैं, जिसमें मुख्य रूप से अधिवक्ताओं को 40 करोड़ रुपये प्रति वर्ष मिलना था, लेकिन इस पर रोक लगा दी गई है.
योजनाओं के प्रति सरकार ने दिखाई उदासीनता
इसकी वजह से अधिवक्ताओं की योजनाएं सुचारू रूप से चलाने में कठिनाइयां उत्पन्न हो रही हैं. अधिवक्ताओं के कल्याण निधि न्यासी समिति से प्राप्त होने वाली धनराशि को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाखों रुपये करने की योजना थी. साथ ही अधिवक्ताओं की विधवाओं को अधिवक्ताओं की मृत्यु उपरांत पांच लाख रुपये मिलने थे. नए अधिवक्ताओं को लाइब्रेरी के लिए 5 हजार रुपये प्रति वर्ष मिलना था. इन सभी योजनाओं में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उदासीनता दिखाई गई.
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
बार काउंसलिंग ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा जारी अधिवक्ता परिचय पत्र और सीओपी कार्ड ही पूरे प्रदेश में मान्य हो. अगर प्रदेश सरकार अपने जारी योजनाओं को तुरंत लागू नहीं करेगी तो प्रदेश भर के अधिवक्ता उग्र आंदोलन पर और परमानेंट कार्य बहिष्कार पर मजबूर होंगे.
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