लखनऊ: देश के कई राज्यों में दस्तक देने के बाद प्रदेश के कानपुर जिले के चिड़ियाघर में दो पक्षियों में बर्ड फ्लू के संक्रमण की खबर के बाद प्रदेश सरकार इस मामले को लेकर गंभीर हो गई थी. सरकार ने प्रदेश में पोल्ट्री प्रोडक्ट व पक्षियों के आयात पर 11 जनवरी को रोक लगा दी थी, जिसे अब हटा दिया गया है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पशुधन विभाग के डायरेक्टर रामपाल सिंह ने बताया कि जिस तरह से प्रदेश के कानपुर में दो पक्षियों की बर्ड फ्लू से मौत हो गई थी. इसके बाद 11 जनवरी को प्रदेश सरकार ने पोल्ट्री व पोल्ट्री उत्पादों के आयात पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी. आयात पर रोक लगाने का मुख्य मकसद था कि प्रदेश में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने न पाए.
इसके साथ ही प्रदेश के सभी पोल्ट्री फार्म पर नजर रखने के लिए अधिकारियों को तैनात किया गया था, जिससे प्रदेश में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने न पाए. सरकार ने 24 जनवरी तक आयात पर रोक लगाई थी, लेकिन यूपी में संक्रमण न मिलने के बाद सरकार ने आयात से रोक हटा दी है.
यूपी में प्रतिदिन आते हैं डेढ़ करोड़ अंडे
पशुधन के डायरेक्टर रामपाल सिंह का कहना है कि प्रदेश में प्रतिदिन डेढ़ करोड़ अंडे और एक महीने में तीन करोड़ चिकन का आयात होता है. ऐसे में जिस तरह से बर्ड फ्लू का हवा उड़ी थी, इससे पोल्ट्री उत्पाद की कीमतों में काफी गिरावट आ गई थी. लोग इनके सेवन से बच रहे थे. वहीं अब जब सरकार ने आयात पर रोक हटा दी है तो निश्चित रूप से इसका फायदा चिकन का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को मिलेगा.
प्रदेश मुख्यालय पर बनाया गया है कंट्रोल रूम
पशुधन विभाग ने आपात स्थिति के लिए प्रदेश मुख्यालय पर कंट्रोल रूम भी बनाया है, जहां पर कोई भी व्यक्ति बर्ड फ्लू के बारे में सूचना दे सकता है. पशुधन विभाग द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम का नंबर 0522, 274 1992, 274 1991 है.