लखनऊ : दुराचार के मुकदमे में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (Former Minister Gayatri Prasad Prajapati) के पक्ष में बयान देने के लिए करोड़ों की जमीन और रुपये लेने की आरोपी चित्रकूट की महिला की जमानत अर्जी को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्ता पर गम्भीर आरोप है कि उसने धमकी देकर वादी की जमीन अपने नाम करा ली.
कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी ने वादी को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी और करोड़ों की जमीन अपने नाम कर लिया और जमीन पर कब्ज़ा न मिलने पर वादी को धमकी देती रही. कोर्ट में जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील ज्वाला प्रसाद और रमेश शुक्ल ने बताया कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की कम्पनी के निदेशक रहे बृज भुवन चौबे ने 17 सितम्बर 2020 को गोमती नगर विस्तार में आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अनिल प्रजापति और चित्रकूट की उक्त महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि चित्रकूट की रहने वाली उक्त महिला ने पूर्व में गायत्री प्रजापति समेत अन्य के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और इस मुकदमे में गायत्री प्रजापति के पक्ष में दुराचार पीड़िता का बयान कराने के लिए आरोपियों ने वादी की पत्नी की गोमती नगर विस्तार स्थित जमीन को धमकी दिलाकर जबरन चित्रकूट निवासिनी उक्त दुराचार पीड़िता के नाम करवा दिया.