लखनऊ: अपर सत्र न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने अवैध रुप से दूषित ब्लड लाकर महंगे दामों पर जरुरतमंद मरीजों, नर्सिंग होम व अस्पतालों को सप्लाई करने के मामले में निरुद्ध दो अभियुक्तों मोहम्मद अम्मार व नौशाद अहमद की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. मोहम्मद अम्मार मिड लाइफ चेरीटेबल ब्लड बैंक का पार्टनर है जबकि नौशाद अहमद लैब टेक्नीशियन है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्तों पर मानव जीवन को खतरे में डालने का गम्भीर आरोप है. कोर्ट ने कहा कि अपराध की गम्भीरता के मद्देनजर जमानत का पर्याप्त आधार नहीं है.
इस मामले की एफआईआर 29 जून 2022 को एसटीएफ के उप निरीक्षक संतोष कुमार सिंह ने थाना ठाकुरगंज में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील राकेश पांडेय के मुताबिक अभियुक्तों के पास से थर्माकोल के दो गत्तों में 69 व 53 ब्लड बैग बरामद हुए थे. इन पर किसी ब्लड बैंक का लेवल नहीं लगा था. किसी मेडिकल ऑफिसर के हस्ताक्षर उक्त बैग्स पर नहीं थे. विवेचना में यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि दूषित ब्लड के अवैध व्यापार में कई अन्य ब्लड बैंक भी शामिल हैं. यही नहीं यह बात भी सामने आई कि इस अवैध व्यापार में अंतर्राज्यीय गिरोह भी सक्रिय हैं. यह गिरोह राजस्थान के साथ ही पंजाब व अन्य राज्यों से संगठित रूप से दूषित ब्लड की सप्लाई करता है, जो मानव जीवन के लिए खतरनाक है.
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