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लखनऊ: हुसैनाबाद तालाब में गंदगी का अंबार देख पर्यटकों ने बनाई दूरी - बादशाह मोहम्मद अली शाह

राजधानी लखनऊ स्थित हुसैनाबाद का तालाब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. यहां कभी पर्यटकों की भीड़ उमड़ती थी, लेकिन अब गंदगी की वजह के चलते पर्यटकों ने इससे किनारा कर लिया है.

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हुसैनाबाद तालाब में गंदगी का अंबार.
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Published : Dec 1, 2019, 5:01 PM IST

लखनऊ: शहर की शान कहे जाने वाले हुसैनाबाद को करोड़ों रुपये खर्च कर संवारा गया था. इसमें हुसैनाबाद तालाब की रंगत भी सुधार गई थी, लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं. वहीं अनदेखी की वजह से यह तालाब अपनी पहचान खोता दिख रहा है.

हुसैनाबाद तालाब में लगा गंदगी का अंबार.

हरा दिखने लगा तालाब का पानी
देखरेख के अभाव में इस तालाब की हालत काफी दयनीय हो गई है. एक समय हुआ करता था, जब यहां पर्यटकों के लिए नौका विहार होता था, लेकिन तालाब का पानी प्रदूषित होने की वजह से यहां पर्यटकों की संख्या बेहद कम हो गई है.

हैरिटेज जोन का कराया गया था सुंदरीकरण
करोड़ों रुपये खर्च करके हुसैनाबाद हैरिटेज जोन का सुंदरीकरण कराया गया था, जिसमें हुसैनाबाद का तालाब भी शामिल था. इस अनदेखी का जिम्मेदार हुसैनाबाद ट्रस्ट और प्रशासन को ठहराया गया है.

ये भी पढ़ें- यहां होती है भगवान श्रीराम की बहन 'शांता' की पूजा

पत्थरों को पहुंचाया गया नुकसान
नई नक्काशीदार सीढ़ियों की भी हालत बेहद खराब है. जगह-जगह पत्थरों को तोड़ दिया गया है. पूरा परिसर कूड़े के ढेर में तब्दील होता जा रहा है.

कभी मिसाल हुआ करता यह तालाब
अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह ने 1837 में पानी का अकाल पड़ने पर इस तालाब का निर्माण कराया था. इसका एक स्रोत गोमती से जुड़ा था, जो कि अब खत्म हो चुका है.

ये भी पढ़ें- हैदराबाद कांड पर प्रदेश भर के लोगों में उबाल, सड़क पर उतरकर की फांसी की मांग

क्या बोले जिम्मेदार
इस अनदेखी पर जब ईटीवी भारत ने एडीएम सिटी पश्चिम संतोष कुमार वैश्य से बात की. उन्होंने कहा कि अभी तालाब के सुंदरीकरण का काम चल रहा है. जहां तक गंदगी का सवाल है तो समय-समय पर सफाई कराई जाती है.

लखनऊ: शहर की शान कहे जाने वाले हुसैनाबाद को करोड़ों रुपये खर्च कर संवारा गया था. इसमें हुसैनाबाद तालाब की रंगत भी सुधार गई थी, लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं. वहीं अनदेखी की वजह से यह तालाब अपनी पहचान खोता दिख रहा है.

हुसैनाबाद तालाब में लगा गंदगी का अंबार.

हरा दिखने लगा तालाब का पानी
देखरेख के अभाव में इस तालाब की हालत काफी दयनीय हो गई है. एक समय हुआ करता था, जब यहां पर्यटकों के लिए नौका विहार होता था, लेकिन तालाब का पानी प्रदूषित होने की वजह से यहां पर्यटकों की संख्या बेहद कम हो गई है.

हैरिटेज जोन का कराया गया था सुंदरीकरण
करोड़ों रुपये खर्च करके हुसैनाबाद हैरिटेज जोन का सुंदरीकरण कराया गया था, जिसमें हुसैनाबाद का तालाब भी शामिल था. इस अनदेखी का जिम्मेदार हुसैनाबाद ट्रस्ट और प्रशासन को ठहराया गया है.

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पत्थरों को पहुंचाया गया नुकसान
नई नक्काशीदार सीढ़ियों की भी हालत बेहद खराब है. जगह-जगह पत्थरों को तोड़ दिया गया है. पूरा परिसर कूड़े के ढेर में तब्दील होता जा रहा है.

कभी मिसाल हुआ करता यह तालाब
अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह ने 1837 में पानी का अकाल पड़ने पर इस तालाब का निर्माण कराया था. इसका एक स्रोत गोमती से जुड़ा था, जो कि अब खत्म हो चुका है.

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क्या बोले जिम्मेदार
इस अनदेखी पर जब ईटीवी भारत ने एडीएम सिटी पश्चिम संतोष कुमार वैश्य से बात की. उन्होंने कहा कि अभी तालाब के सुंदरीकरण का काम चल रहा है. जहां तक गंदगी का सवाल है तो समय-समय पर सफाई कराई जाती है.

Intro:लखनऊ। शहर की शान कहे जाने वाले हुसैनाबाद को करोड़ों रुपये खर्च कर संवारा गया था। इसमें हुसैनाबाद तालाब की भी रंगत सुधारी गयी थी लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं।

आज अनदेखी की वजह से यह तालाब अपनी पहचान खोता जा रहा है। इस स्पेशल रिपोर्ट में देखिए क्या है हाल।


Body:तालाब का पानी हुआ हरा

देखरेख के अभाव में यह तालाब उजाड़ होता जा रहा है। कभी यहां पर्यटकों के लिए नौका विहार होता था लेकिन अब इस तालाब का पानी काई की वजह से हरा हो गया है। इसके साथ-साथ पानी भी बदबूदार हो गया है। इसी वजह से यहां घूमनेवालों की संख्या बेहद कम हो गयी है।

हैरिटेज जोन का कराया गया था सुंदरीकरण

करोड़ों खर्च करके हुसैनाबाद हैरिटेज जोन का सुंदरीकरण कराया गया था। जिसमें हुसैनाबाद का तालाब भी शामिल था। इस अनदेखी का जिम्मेदार हुसैनाबाद ट्रस्ट और प्रशासन को ठहराया गया है। हुसैनाबाद तालाब में गंदगी की भरमार है। दीवारों में काई जम चुकी है।

पत्थरों को पहुंचाया गया नुकसान

नई नक्काशीदार सीढ़ियों की भी हालत बेहद खराब है। जगह-जगह पत्थरों को तोड़ दिया गया है। पूरा परिसर कूड़े के ढेर में तब्दील होता जा रहा है।

कभी मिसाल हुआ करता यह तालाब

अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह ने 1837 में पानी का अकाल पड़ने पर इस तालाब का निर्माण कराया था। इसका एक स्रोत गोमती से जुड़ा था। जो अब खत्म हो चुका है। तालाब के चारों ओर बनीं नक्काशीदार सीढ़ियां तालाब की गहरान तक बनी थीं।

जिम्मेदार बोले

इस अनदेखी पर जब ईटीवी भारत ने एडीएम सिटी पश्चिम संतोष कुमार वैश्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तालाब के सुंदरीकरण का काम चल रहा है। जहां गंदगी का सवाल है तो समय-समय पर सफाई कराई जाती है।


Conclusion:शहर की मिसाल रहे हुसैनाबाद तालाब अब दुर्दशा का शिकार हो गया है। गंदगी का साम्राज्य चारों तरफ फैला है। यहाँ कभी पर्यटकों की भीड़ उमड़ती थी लेकिन अब यहां वो बात नहीं रही।

अनुराग मिश्र

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