लखनऊ: शहर की शान कहे जाने वाले हुसैनाबाद को करोड़ों रुपये खर्च कर संवारा गया था. इसमें हुसैनाबाद तालाब की रंगत भी सुधार गई थी, लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं. वहीं अनदेखी की वजह से यह तालाब अपनी पहचान खोता दिख रहा है.
हरा दिखने लगा तालाब का पानी
देखरेख के अभाव में इस तालाब की हालत काफी दयनीय हो गई है. एक समय हुआ करता था, जब यहां पर्यटकों के लिए नौका विहार होता था, लेकिन तालाब का पानी प्रदूषित होने की वजह से यहां पर्यटकों की संख्या बेहद कम हो गई है.
हैरिटेज जोन का कराया गया था सुंदरीकरण
करोड़ों रुपये खर्च करके हुसैनाबाद हैरिटेज जोन का सुंदरीकरण कराया गया था, जिसमें हुसैनाबाद का तालाब भी शामिल था. इस अनदेखी का जिम्मेदार हुसैनाबाद ट्रस्ट और प्रशासन को ठहराया गया है.
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पत्थरों को पहुंचाया गया नुकसान
नई नक्काशीदार सीढ़ियों की भी हालत बेहद खराब है. जगह-जगह पत्थरों को तोड़ दिया गया है. पूरा परिसर कूड़े के ढेर में तब्दील होता जा रहा है.
कभी मिसाल हुआ करता यह तालाब
अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह ने 1837 में पानी का अकाल पड़ने पर इस तालाब का निर्माण कराया था. इसका एक स्रोत गोमती से जुड़ा था, जो कि अब खत्म हो चुका है.
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क्या बोले जिम्मेदार
इस अनदेखी पर जब ईटीवी भारत ने एडीएम सिटी पश्चिम संतोष कुमार वैश्य से बात की. उन्होंने कहा कि अभी तालाब के सुंदरीकरण का काम चल रहा है. जहां तक गंदगी का सवाल है तो समय-समय पर सफाई कराई जाती है.