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108 व 102 की एंबुलेंसों में गूंजीं किलकारियां, लखनऊ में हफ्तेभर में चार बच्चों का जन्म

लखनऊ में एंबुलेंस सेवाएं गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों के लिए लगातार जीवनदायी साबित हो रहीं हैं. एंबुलेंस में जन्म के बाद जच्चा-बच्चा को सीएचसी बीकेटी में भर्ती करा दिया गया जहां दोनों को स्वस्थ बताया गया है.

एम्बुलेंस सेवाएं
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Published : Dec 3, 2021, 9:03 PM IST

Updated : Dec 3, 2021, 10:52 PM IST

लखनऊः प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एम्बुलेंस सेवाएं गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों के लिए लगातार जीवनदायी साबित हो रहीं हैं. पिछले एक हफ्ते में राजधानी की 108 एम्बुलेंसों में तीन व 102 की एक एम्बुलेंस में बच्चों का जन्म हुआ है. दो बच्चों का जन्म शुक्रवार को अलग-अलग एम्बुलेंसों में हुआ जबकि दो अन्य एम्बुलेंसों में भी इसी हफ्ते दो महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया.

परिजनों ने एम्‍बुलेंस कर्मचारियों की कुशलता और सरकार की चलाई जा रही एम्‍बुलेंस सेवाओं की सराहना की.

शुक्रवार को बीकेटी क्षेत्र के तरहिया गांव में रहने वाली गांव में रहने वालीं रिंकी (25 ) के परिजनों ने 108 नम्‍बर पर फोन करके एम्बुलेंस की मांग की थी जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मी इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) अभिषेक शुक्ल और पायलट सिकन्दर कुमार कुछ ही देर में एंबुलेंस लेकर रिंकी के घर पहुंचे. एंबुलेंस रिंकी व परिजनों को लेकर से अस्पताल की ओर रवाना हो गई. बीच रास्ते में ही जच्चा को प्रसव पीड़ा बढ़ गई.

ऐसे में ईएमटी कर्मी ने एंबुलेंस को रास्ते में रोककर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. इसके बाद जच्चा-बच्चा को सीएचसी बीकेटी में भर्ती करा दिया गया जहां डॉक्टर ने उनकी जांच दोनों को स्वस्थ बताया.

इसके अलावा शुक्रवार को ही आम्रपाली दुबग्गा निवासी निरमा (30) पत्नी राजेश ने परिजनों ने लेबर पेन शुरू होने पर 102 सेवा में फोन करके एंबुलेंस की मांग की थी, जिसके बाद एंबुलेंस कर्मचारी ईएमटी धर्मवीर सिंह यादव और पायलट धीरेन्द्र सिंह कुछ ही देर में 102 सेवा की एंबुलेंस लेकर पहुंच गए.

धर्मवीर ने बताया कि मरीज को वीरांगना अवंतीबाई ले जाना था लेकिन रास्ते में ही दर्द बढ़ने से एंबुलेंस रोककर रास्ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी. इसके बाद जच्चा -बच्चा दोनों को वीरांगना अवंती बाई महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. यहां जच्चा बच्चा दोनों को स्वस्थ बताया गया.

इसे भी पढ़ेः एएलएस एम्बुलेंस में मरम्मत का अभाव, वेंटीलेटर समेत कई उपकरण खराब

नया खेड़ा शेरपुर मऊ मलिहाबाद निवासी राजकुमारी (28) पत्नी अनिल कुमार को प्रसव पीड़ा होने पर रात करीब एक बजे 108 सेवा में काॅल करके एंबुलेंस बुलाई थी. 108 एंबुलेंस के ईएमटी राहुल सिंह और पायलट अवनीश कुमार कुछ ही देर में एंबुलेंस लेकर मौके पर पहुंच गए.

राजकुमारी और परिजनों को लेकर वह निकले ही थे कि प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण रास्ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी. राजकुमारी ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद जच्चा बच्चा को काकोरी सीएचसी में भर्ती कराया गया.

इसके अलावा सावित्री (21) पत्नी अखिलेश को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने रात करीब 10 बजे 108 नंबर डायल कर एम्बुलेंस सुविधा की मांग की थी, जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी दिनेश कुमार मौर्य व पायलट अजय वर्मा एम्बुलेंस लेकर पहुंचे और सावित्री को लेकर अस्‍पताल के लिए चल दिए.

बताया कि कुछ ही दूर चलने के बाद दर्द बढ़ बढ़ने के कारण रास्‍ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी और सावित्री ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद दोनों को सीएचसी काकोरी में भर्ती कराया गया.

इंद्रजीत सिंह, रीजनल मैनेजर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एंबुलेंस सेवाएं जच्चा -बच्चा दोनों के लिए सुरक्षित हैं. एंबुलेंस में डिलीवरी किट भी उपलब्ध रहती है.

किसी भी आकस्मिक स्थिति में प्रसव के लिए एंबुलेंस कर्मचारी प्रशिक्षित होते हैं. 102 एंबुलेंस मरीजों को घर से अस्पताल ले जाती है. इलाज के बाद जच्चा-बच्चा को वापस घर भी छोड़ा जाता है जबकि 108 सेवा में केवल अस्पताल ले जाने की सुविधा है. किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में 108 नंबर पर सहायता ली जा सकती है.
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लखनऊः प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एम्बुलेंस सेवाएं गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों के लिए लगातार जीवनदायी साबित हो रहीं हैं. पिछले एक हफ्ते में राजधानी की 108 एम्बुलेंसों में तीन व 102 की एक एम्बुलेंस में बच्चों का जन्म हुआ है. दो बच्चों का जन्म शुक्रवार को अलग-अलग एम्बुलेंसों में हुआ जबकि दो अन्य एम्बुलेंसों में भी इसी हफ्ते दो महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया.

परिजनों ने एम्‍बुलेंस कर्मचारियों की कुशलता और सरकार की चलाई जा रही एम्‍बुलेंस सेवाओं की सराहना की.

शुक्रवार को बीकेटी क्षेत्र के तरहिया गांव में रहने वाली गांव में रहने वालीं रिंकी (25 ) के परिजनों ने 108 नम्‍बर पर फोन करके एम्बुलेंस की मांग की थी जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मी इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) अभिषेक शुक्ल और पायलट सिकन्दर कुमार कुछ ही देर में एंबुलेंस लेकर रिंकी के घर पहुंचे. एंबुलेंस रिंकी व परिजनों को लेकर से अस्पताल की ओर रवाना हो गई. बीच रास्ते में ही जच्चा को प्रसव पीड़ा बढ़ गई.

ऐसे में ईएमटी कर्मी ने एंबुलेंस को रास्ते में रोककर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. इसके बाद जच्चा-बच्चा को सीएचसी बीकेटी में भर्ती करा दिया गया जहां डॉक्टर ने उनकी जांच दोनों को स्वस्थ बताया.

इसके अलावा शुक्रवार को ही आम्रपाली दुबग्गा निवासी निरमा (30) पत्नी राजेश ने परिजनों ने लेबर पेन शुरू होने पर 102 सेवा में फोन करके एंबुलेंस की मांग की थी, जिसके बाद एंबुलेंस कर्मचारी ईएमटी धर्मवीर सिंह यादव और पायलट धीरेन्द्र सिंह कुछ ही देर में 102 सेवा की एंबुलेंस लेकर पहुंच गए.

धर्मवीर ने बताया कि मरीज को वीरांगना अवंतीबाई ले जाना था लेकिन रास्ते में ही दर्द बढ़ने से एंबुलेंस रोककर रास्ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी. इसके बाद जच्चा -बच्चा दोनों को वीरांगना अवंती बाई महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. यहां जच्चा बच्चा दोनों को स्वस्थ बताया गया.

इसे भी पढ़ेः एएलएस एम्बुलेंस में मरम्मत का अभाव, वेंटीलेटर समेत कई उपकरण खराब

नया खेड़ा शेरपुर मऊ मलिहाबाद निवासी राजकुमारी (28) पत्नी अनिल कुमार को प्रसव पीड़ा होने पर रात करीब एक बजे 108 सेवा में काॅल करके एंबुलेंस बुलाई थी. 108 एंबुलेंस के ईएमटी राहुल सिंह और पायलट अवनीश कुमार कुछ ही देर में एंबुलेंस लेकर मौके पर पहुंच गए.

राजकुमारी और परिजनों को लेकर वह निकले ही थे कि प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण रास्ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी. राजकुमारी ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद जच्चा बच्चा को काकोरी सीएचसी में भर्ती कराया गया.

इसके अलावा सावित्री (21) पत्नी अखिलेश को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने रात करीब 10 बजे 108 नंबर डायल कर एम्बुलेंस सुविधा की मांग की थी, जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी दिनेश कुमार मौर्य व पायलट अजय वर्मा एम्बुलेंस लेकर पहुंचे और सावित्री को लेकर अस्‍पताल के लिए चल दिए.

बताया कि कुछ ही दूर चलने के बाद दर्द बढ़ बढ़ने के कारण रास्‍ते में ही डिलीवरी करानी पड़ी और सावित्री ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद दोनों को सीएचसी काकोरी में भर्ती कराया गया.

इंद्रजीत सिंह, रीजनल मैनेजर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एंबुलेंस सेवाएं जच्चा -बच्चा दोनों के लिए सुरक्षित हैं. एंबुलेंस में डिलीवरी किट भी उपलब्ध रहती है.

किसी भी आकस्मिक स्थिति में प्रसव के लिए एंबुलेंस कर्मचारी प्रशिक्षित होते हैं. 102 एंबुलेंस मरीजों को घर से अस्पताल ले जाती है. इलाज के बाद जच्चा-बच्चा को वापस घर भी छोड़ा जाता है जबकि 108 सेवा में केवल अस्पताल ले जाने की सुविधा है. किसी भी प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी में 108 नंबर पर सहायता ली जा सकती है.
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Last Updated : Dec 3, 2021, 10:52 PM IST
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