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आजम खान ने अदालत से इन आरोपों से मुक्त करने की मांग की

लेटर पैड व मुहर का इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने के मामले में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने कोर्ट से आरोपों से मुक्त करने की मांग की है. आजम खान को इस मामले में अभियोजन के दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराई गईं.

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एमपी एमएलए कोर्ट
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Published : Jul 19, 2022, 9:22 PM IST

लखनऊः सरकारी लेटर पैड व मुहर का गलत इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने और अपमानित करने के मामले में अभियुक्त पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए, आरोपों से मुक्त किए जाने की मांग की गई है. एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार ने अर्जी पर सुनवाई के लिए आगामी 1 अगस्त की तिथि नियत की है.

आजम खान को इस मामले में मंगलवार को अभियोजन के दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराई गईं. सुनवाई के समय आजम खान की ओर से उनकी हाजिरी माफ करने की अर्जी के साथ-साथ, उन्हें आरोपों से मुक्त किए जाने की मांग को लेकर एक अन्य अर्जी विशेष अदालत में दाखिल की गई. इस अर्जी में कहा गया है कि कथित घटना वर्ष 2014 की है, जबकि एफआईआर चार साल बाद वर्ष 2019 में हजरतगंज थाने पर दर्ज कराई गई है.

पढ़ेंः भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह को राहत- हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज अपराधिक मामले को किया रद्द

आजम खान ने कहा कि उन्हें इस मामले में फर्जी फंसाया गया है. यह भी दलील दी गई है कि एफआईआर में कथित घटना की तिथि व समय का जिक्र नहीं है. कहा गया कि मात्र राजनीतिक करियर को खराब करने के उद्देश्य से यह मामला दर्ज कराया गया है. पत्रावली के अनुसार आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 को अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड व सरकारी मुहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी को बदनाम कर रहे हैं.

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लखनऊः सरकारी लेटर पैड व मुहर का गलत इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने और अपमानित करने के मामले में अभियुक्त पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए, आरोपों से मुक्त किए जाने की मांग की गई है. एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार ने अर्जी पर सुनवाई के लिए आगामी 1 अगस्त की तिथि नियत की है.

आजम खान को इस मामले में मंगलवार को अभियोजन के दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराई गईं. सुनवाई के समय आजम खान की ओर से उनकी हाजिरी माफ करने की अर्जी के साथ-साथ, उन्हें आरोपों से मुक्त किए जाने की मांग को लेकर एक अन्य अर्जी विशेष अदालत में दाखिल की गई. इस अर्जी में कहा गया है कि कथित घटना वर्ष 2014 की है, जबकि एफआईआर चार साल बाद वर्ष 2019 में हजरतगंज थाने पर दर्ज कराई गई है.

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आजम खान ने कहा कि उन्हें इस मामले में फर्जी फंसाया गया है. यह भी दलील दी गई है कि एफआईआर में कथित घटना की तिथि व समय का जिक्र नहीं है. कहा गया कि मात्र राजनीतिक करियर को खराब करने के उद्देश्य से यह मामला दर्ज कराया गया है. पत्रावली के अनुसार आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 को अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड व सरकारी मुहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी को बदनाम कर रहे हैं.

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