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माहवारी स्वच्छता दिवस पर जानिए आयुर्वेद के नुस्खे!

28 मई को विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस यानी 'मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे' मनाया जाता है. इस अवसर पर यूपी की राजधानी लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. एस. के. पांडे से माहवारी को लेकर ईटीवी भारत ने बातचीत की.

world mental hygiene day
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. एस. के. पांडे.
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Published : May 28, 2020, 8:48 PM IST

लखनऊः माहवारी के दिनों में स्वच्छता और उसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 28 मई को विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस यानी 'मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे' मनाया जाता है. माहवारी के दिनों में महिलाओं को कई परेशानियां उठानी पड़ती हैं. इन परेशानियों से निजात पाने के उपायों को बता रहे हैं आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. एस. के. पांडे.

माहवारी को लेकर आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. एस. के. पांडे से बातचीत.

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर एस के पांडे का कहना है कि माहवारी के दिनों में स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. साथ ही इन दिनों में महिलाओं को कई अन्य परेशानियां भी होती हैं. माहवारी को लेकर आयुर्वेद में कई सरल उपाय हैं, जो महिलाओं के लिए कारगर साबित हो सकते हैं.

स्वच्छता की बात पर डॉक्टर पांडे ने बताया कि आयुर्वेद के लिहाज से फिटकरी एक ऐसा पदार्थ है जो हर घर में आसानी से पाया जाता है और यह शरीर की सफाई के लिए बेहद उपयोगी भी है. एक मग पानी में 10 ग्राम फिटकरी घोलकर शरीर की सफाई करने से किसी भी तरह का इन्फेक्शन नहीं होता है. महिलाओं के पीसीओडी और बढ़े हुए वजन की वजह से होने वाली परेशानियों पर डॉ. पांडे ने कहा कि अक्सर माहवारी की वजह से महिलाओं को गर्भधारण करने, हार्मोन में बदलाव या एनीमिया जैसी दिक्कतें होती हैं.

डॉ. पांडे का कहना है कि पीसीओडी ओवरी में सिस्ट की वजह से होता है, जिसे आयुर्वेद के उपायों से पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है. चौराई का साग, तिल और गुड़ के लड्डू का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा पीसीओडी और बच्चेदानी में सूजन की समस्या के लिए कचनार की छाल, हरसिंगार की पत्तियां और दालचीनी को एक साथ पानी में डालकर धीमी आंच पर इसे उबाल लीजिए और इसका काढ़ा बनाकर आधा कप काढ़ा दिन में दो बार पीने से न केवल यह समस्याएं खत्म हो सकती है. साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ सकती है.

इसे भी पढ़ें- राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने बताया, 'अनस्किल्ड महिलाओं को कैसे मिलेगा रोजगार'

डॉ. पांडे बताते हैं कि माहवारी के दिनों में दर्द से निजात पाने के लिए आयुर्वेद में कई घरेलू उपाय शामिल हैं. उन्होंने कहा कि दो चम्मच अजवायन, एक गिलास पानी में गर्म कर उस पानी को पीना चाहिए. डॉ. पांडे कहते हैं कि यह कई तरीके से काम करता है. सबसे पहला कि यह तुरंत पेट के दर्द को कम कर सकता है और दूसरा यह फैट को कम करने में सहायक होता है. ऐसे में आपका बढ़ता वजन भी नियंत्रित हो सकता है.

पाचन तंत्र के बिगड़ने, कमजोरी आने और शरीर में दर्द बने रहने की शिकायत होने पर सौंफ का इस्तेमाल करना चाहिए. खाना खाने से पहले एक चम्मच सौंफ आपके डाइजेशन की प्रक्रिया को सही कर सकता है. इसके अलावा सोंठ भी इसमें सहायक हो सकती है. सोंठ की चाय इन दिनों में पेट दर्द को कम कर सकती है. इन सबके साथ-साथ एक्सरसाइज करना आपके शरीर को फिट रखने और माहवारी के दिनों में बेहद सहायक साबित हो सकता है.

लखनऊः माहवारी के दिनों में स्वच्छता और उसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 28 मई को विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस यानी 'मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे' मनाया जाता है. माहवारी के दिनों में महिलाओं को कई परेशानियां उठानी पड़ती हैं. इन परेशानियों से निजात पाने के उपायों को बता रहे हैं आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. एस. के. पांडे.

माहवारी को लेकर आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. एस. के. पांडे से बातचीत.

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर एस के पांडे का कहना है कि माहवारी के दिनों में स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. साथ ही इन दिनों में महिलाओं को कई अन्य परेशानियां भी होती हैं. माहवारी को लेकर आयुर्वेद में कई सरल उपाय हैं, जो महिलाओं के लिए कारगर साबित हो सकते हैं.

स्वच्छता की बात पर डॉक्टर पांडे ने बताया कि आयुर्वेद के लिहाज से फिटकरी एक ऐसा पदार्थ है जो हर घर में आसानी से पाया जाता है और यह शरीर की सफाई के लिए बेहद उपयोगी भी है. एक मग पानी में 10 ग्राम फिटकरी घोलकर शरीर की सफाई करने से किसी भी तरह का इन्फेक्शन नहीं होता है. महिलाओं के पीसीओडी और बढ़े हुए वजन की वजह से होने वाली परेशानियों पर डॉ. पांडे ने कहा कि अक्सर माहवारी की वजह से महिलाओं को गर्भधारण करने, हार्मोन में बदलाव या एनीमिया जैसी दिक्कतें होती हैं.

डॉ. पांडे का कहना है कि पीसीओडी ओवरी में सिस्ट की वजह से होता है, जिसे आयुर्वेद के उपायों से पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है. चौराई का साग, तिल और गुड़ के लड्डू का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा पीसीओडी और बच्चेदानी में सूजन की समस्या के लिए कचनार की छाल, हरसिंगार की पत्तियां और दालचीनी को एक साथ पानी में डालकर धीमी आंच पर इसे उबाल लीजिए और इसका काढ़ा बनाकर आधा कप काढ़ा दिन में दो बार पीने से न केवल यह समस्याएं खत्म हो सकती है. साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ सकती है.

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डॉ. पांडे बताते हैं कि माहवारी के दिनों में दर्द से निजात पाने के लिए आयुर्वेद में कई घरेलू उपाय शामिल हैं. उन्होंने कहा कि दो चम्मच अजवायन, एक गिलास पानी में गर्म कर उस पानी को पीना चाहिए. डॉ. पांडे कहते हैं कि यह कई तरीके से काम करता है. सबसे पहला कि यह तुरंत पेट के दर्द को कम कर सकता है और दूसरा यह फैट को कम करने में सहायक होता है. ऐसे में आपका बढ़ता वजन भी नियंत्रित हो सकता है.

पाचन तंत्र के बिगड़ने, कमजोरी आने और शरीर में दर्द बने रहने की शिकायत होने पर सौंफ का इस्तेमाल करना चाहिए. खाना खाने से पहले एक चम्मच सौंफ आपके डाइजेशन की प्रक्रिया को सही कर सकता है. इसके अलावा सोंठ भी इसमें सहायक हो सकती है. सोंठ की चाय इन दिनों में पेट दर्द को कम कर सकती है. इन सबके साथ-साथ एक्सरसाइज करना आपके शरीर को फिट रखने और माहवारी के दिनों में बेहद सहायक साबित हो सकता है.

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