लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या हवाई पट्टी को बड़े विमानों के संचालन के लिए विकसित किया जाएगा. हवाई पट्टी को दो चरणों में विकसित करने के किया जाएगा. इसके तहत प्रथम चरण में ए-321 और द्वितीय चरण में कोड-ई-बी-777-300 का विकास प्रस्तावित है.
नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार हवाई पट्टी के विकास के लिए 600.97 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है. अब तक 145 एकड़ भूमि का क्रय किया जा चुका है. परियोजना की लागत 640.26 करोड़ रुपये अनुमानित है. राज्य सरकार की ओर से अब तक अयोध्या एयरपोर्ट की भूमि क्रय करने और अन्य विविध निर्माण कार्यों के लिए 525.91 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है.
राज्य सरकार ने अयोध्या के समग्र विकास के लिए अयोध्या एयरपोर्ट को आधुनिक तकनीक से विकसित करने की व्यवस्था की है. आरसीएस (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) की बिडिंग में अयोध्या एयरपोर्ट एटीआर-72 वायुयान के संचालन के लिए चयनित किया गया है. हवाई पट्टी के लिए वर्तमान में 177.62 एकड़ भूमि क्रय की गई है.
क्रय की गई जमीन में 145 एकड़ भूमि का उपयोग करते हुए आवश्यक सुविधाएं विकसित किए जाने की कार्रवाई की जा रही है. हवाई पट्टी के प्रथम चरण में आरसीएस के आयोजन के लिए एटीआर-72 वायुयान के संचालन के लिए उपयोग किया जा सकता है. इसके लिए भारत सरकार द्वारा पहले ही सहमति दी जा चुकी है. बता दें कि अयोध्या एयरपोर्ट के विकसित होने से जहां पर्यटकों का आवागमन बड़ी संख्या में होगा, वहीं अयोध्या के विकास को नई गति मिलेगी.