लखनऊ : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या दिव्य और भव्य रूप में नजर आने लगेगी. देश-विदेश से लोग रामलला के दर्शन के लिए रामनगरी आएंगे. ऐसे में पर्यटन से लेकर रोजगार के तमाम अवसर भी पैदा होंगे. सरकार और अयोध्या विकास प्राधिकरण के स्तर पर तमाम तैयारियां की गईं हैं. रामनगरी में सभी विकास कार्यों को वैदिक वास्तुकला के अनुसार कराया जा रहा है. अयोध्या में विकास कार्यों और पर्यटन के स्तर क्या खास हो रहा है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम से खास बातचीत की.
दिव्य-भव्य रूप में स्थापित हो रही अयोध्या : प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि अयोध्या अपने दिव्य-भव्य स्वरूप में स्थापित हो रही है. वैदिक वास्तुकला को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण अयोध्या को रूपांतरित किया जा रहा है, जो सड़क हैं, उनका चौड़ीकरण किया जा रहा है. सड़कों के किनारे फसाड ट्रीटमेंट हो रहा है. वैदिक वास्तुकला का स्वरूप स्थापित किया जा रहा है, जिससे उन सड़क को धर्मपथ, रामपथ, भक्ति पथ सहित अन्य नाम दिया गया हैं. दूसरी ओर हमने पुराने कुंड सूर्यकुंड, भरत कुंड आदि सभी कुंडों को बहुत अच्छी तरीके से ट्रांसफॉर्म किया है. उनका सुंदरीकरण किया है. पंचकोसी परिक्रमा मार्ग है, 14 कोसी परिक्रमा मार्ग है, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग है. इनके ऊपर भी तमाम तरह के विकास कार्य हुआ है. और भी विकास कार्य हो रहे हैं.
बस स्टैंड को भी किया जा रहा विकसित : प्रमुख सचिव ने बताया कि बस स्टैंड को भी हम लोग डेवलप कर रहे हैं. एयरपोर्ट को हम अपनी वैदिक वास्तु शैली के आधार पर विकसित किए हैं. इस तरीके से नया स्वरूप दिया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अपने आप में एक अनूठी बिल्डिंग है. प्रमुख सचिव कहते हैं कि साथ ही साथ जो सुविधाएं हैं उसे हम बेहतर करने का काम कर रहे हैं. जब अधिक संख्या में लोग आएंगे तो उन्हें मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा की जरूरत होगी. हम सभी प्रमुख स्थानों पर, सभी प्रमुख मार्गों पर मल्टीलेवल पार्किंग बना रहे हैं. वह पार्किंग भी हम इस तरीके से बना रहे हैं कि यहां भोजन की व्यवस्था, डॉरमेट्री शॉपिंग की व्यवस्था रहेगी. मल्टीलेवल पार्किंग एक अच्छी सौगात है पर्यटकों के लिए. पूरे अयोध्या में बहुत सारे पुराने जो भवन थे, मठ-मंदिर व आश्रम को भी हमने पुराने स्वरूप के आधार पर बेहतरीन आर्किटेक्चर के माध्यम से उनकी सूरत बदली जा रही है.
छह प्रमुख भाषाओं में स्मार्ट साइनेज : प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि भारत की विभिन्न भाषाओं में हम साइनेज तैयार कर रहे हैं. विदेश की भी छह प्रमुख भाषाओं में स्मार्ट साइनेज हम बना रहे हैं. क्यूआर कोड भी हम तैयार कर रहे हैं. आईटी के माध्यम से भी हम अयोध्या को भव्य दिव्य स्वरूप में लाना चाहते हैं. आईटी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. दिव्य अयोध्या मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है. उसके माध्यम से कहां रुके कहां रेस्टोरेंट आदि के बारे में संपूर्ण जानकारी उसमें दी जाएगी. पर्यटकों के रुकने की बात करें तो हमने वहां पर टेंट सिटी बनाई है. हमारे यहां पर सबसे अधिक होटल रजिस्टर्ड हो चुके हैं. 5000 से अधिक कमरे बनाए जाएंगे यह अगले दो-तीन वर्षों में काम होगा हम सभी को पर्यटन विभाग की ओर से सब्सिडी करीब 25 से 30% उपलब्ध कराएंगे. वहां क्रूज चलना शुरू हो चुका है.
रामनगरी के घाटों की भी बदल रही सूरत : प्रमुख सचिव ने बताया कि राम की पैड़ी, गुप्तार घाट, नया घाट, सरयू तट को भी हम सुंदर कर रहे हैं. रामायण कालीन में जिन पौधों का वर्णन है. उन पौधों को वृक्षों को स्थापित करने की हम कोशिश कर रहे हैं. 35 हजार करोड़ के आसपास का काम वहां पर चल रहा है. प्राइवेट इन्वेस्टमेंट भी काफी संख्या में आ रहा है. प्राइवेट और गवर्नमेंट इन्वेस्टमेंट को अगर हम मिला लें तो करीब 50000 करोड़ रुपए का निवेश वहां पर हुआ है और उससे विकास कार्य हो रहे हैं. प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि अलग-अलग दिशाओं से जो अयोध्या को जोड़ने वाले छह प्रमुख मार्ग हैं, अयोध्या की तरफ आने हैं तो हम उन प्रमुख मार्गों पर गेट काम्प्लेक्स बना रहे हैं. उन 6 द्वार से लोग अंदर आएंगे. काम्प्लेक्स में हर प्रकार की सुविधा होगी. डीजल-पेट्रोल, शॉपिंग, पार्किंग पब्लिक यूटिलिटी की सुविधा रहेगी. डॉरमेट्री, हेल्थ सेंटर, पुलिस चौकी आदि की सुविधा वहां पर मिलेगी.
सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रही अयोध्या : प्रमुख सचिव ने बताया कि जब कोई अयोध्या में प्रवेश करेगा तो उसे हर तरीके की सुविधा दी जाएगी. अगर कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट से वहां पर आएगा, उसके बाद हम इलेक्ट्रिक व्हीकल से उन्हें अयोध्या के अंदर ले जाने का भी काम करेंगे. हम अयोध्या को सोलर सिटी कैसे विकसित कर सकते हैं उसकी भी पहल शुरू की जा रही है. सोलर से चलने वाले ऑटो गोल्फ कार्ट है या अन्य जो साधन हैं, कैसे चल सकते हैं. पर्यावरण फ्रेंडली अयोध्या बना रहे हैं. हमने वहां ढाई सौ गाइड को ट्रेनिंग दी है. अलग-अलग भाषाओं में गाइड वहां पर रहेंगे. वे पर्यटकों को अयोध्या का भ्रमण कराएंगे. पर्यटकों को आने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
यह भी पढ़ें : अयोध्या में दिख रही त्रेतायुग झलक, सूर्य स्तंभ करा रहे सूर्यवंशी रामनगरी का अहसास