लखनऊ: प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए योगी सरकार बड़े स्तर पर काम कर रही है. शासन द्वारा बुधवार साढ़े तीन बजे कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने को लेकर चल रही तैयारियों की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इसमें अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी मौजूद रहे. प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि मौजूदा समय में योगी सरकार सड़क मार्ग के साथ ही रेल और हवाई मार्ग का भी इस्तेमाल कर रही है. प्रदेश में 84 टैंकर ऑक्सीजन की सप्लाई में लगे हैं. 70 टन के पांच ऑक्सीजन टैंकर भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराएं हैं. जल्द ही उनका भी इस्तेमाल शुरू हो जाएगा. टैंकर की मॉनिटरिंग के लिए गृह विभाग में 24 घंटे का एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. इसके माध्यम से मॉनिटरिंग की जा रही है.
ऑक्सीजन सप्लाई में लगाए गए कई विभाग
प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए गृह विभाग में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. इस कंट्रोल रूम में फूड एन्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, परिवहन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, गृह विभाग और पुलिस के सभी वरिष्ठ लोग लगाए गए हैं. यह कंट्रोल रूम हर दिन 24 घंटे काम कर रहा है. इस कंट्रोल रूम के माध्यम से प्रत्येक जिले के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है.
यूपी में कल हुई रिकार्ड ऑक्सीजन की सप्लाई
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अवस्थी ने कहा कि मुझे बताने में खुशी है कि मंगलवार को रिकॉर्ड ऑक्सीजन की सप्लाई उत्तर प्रदेश में हुई है. इससे पहले कभी भी इतनी ऑक्सीजन की सप्लाई प्रदेश में नहीं हुई है. फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से अस्पतालों और रिफिलर्स को 321 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई. इसके साथ-साथ प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों, सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों को ऑक्सीजन सप्लाई की गई है. लगभग 600 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई सरकार की तरफ से की गई.
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केंद्र ने यूपी के लिए 850 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का किया आवंटन
भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए 850 मीट्रिक टन ऑक्सीजन से अधिक आवंटन किया है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि एक-एक टैंकर की व्यवस्था सभी विभागों के समन्वय से हम लोगों ने की है. नाइट्रोजन और आर्गन गैस सप्लाई करने वाले टैंकर को भी ऑक्सीजन सप्लाई में लगाया गया है. पहले ऑक्सीजन सप्लाई में मात्र 30 टैंकर लगे थे. मंगलवार को 64 टैंकर एफएसडीए में और 20 टैंकर सीधे अस्पतालों में लगाए गए. इस प्रकार कुल 84 टैंकरों के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की जा रही है.
रेलमार्ग का इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य यूपी
ऑक्सीजन की सप्लाई में तेजी लाने के लिए रेलवे का सहयोग लिया जा रहा है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश रेलवे का सहयोग लेकर लखनऊ और वाराणसी के लिए पांच बार ऑक्सीजन ट्रेन चला चुका है. बोकारो स्टील प्लांट और आइनॉक्स कंपनी के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. रेलवे के माध्यम से जो टैंकर ऑक्सीजन लाने के लिए जा रहे हैं, उससे समय में काफी बचत हो रही है.
एयरफोर्स का भी यूपी ने लिया सहारा
अवस्थी ने कहा कि एयरफोर्स का भी सहारा लिया गया है. गाजियाबाद से दो टैंकर रांची भेजकर जमशेदपुर से ऑक्सीजन मंगाई जा रही है. कल लखनऊ से भी दो टैंकर रांची के माध्यम से जमशेदपुर भेजे जाएंगे. सड़क और रेलवे के साथ-साथ हवाई मार्ग का भी ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
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ऑक्सीजन टैंकरों की मॉनिटरिंग के लिए बना ऑटोमेटिक सिस्टम
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि सभी ऑक्सीजन टैंकरों की मॉनिटरिंग की जा रही है. 24 घंटे में हाई टेक्नोलॉजी आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया है. पूरे देश में ऑक्सीजन मॉनिटरिंग के लिए इस तरह का ऑटोमेटिक सिस्टम पहली बार बना है. भारत सरकार ने भी इसकी काफी तारीफ की है. भारत सरकार की तरफ से कल पांच में बड़े टैंकर उपलब्ध कराए गए हैं, यह लगभग 70 मीट्रिक टन के हैं.
ऑक्सीजन का ऑडिट भी करा रही योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पारदर्शी व्यवस्था के लिए ऑक्सीजन की ऑडिट की व्यवस्था भी की है. इसके लिए आईआईटी कानपुर, बीएचयू, आईआईएम लखनऊ, एमएनआईटी प्रयागराज, गोरखपुर तकनीकी संस्थान, एचबीटीआई कानपुर, एकेटीयू के सभी निदेशकों को शामिल करके वर्किंग ग्रुप बनाया गया है. इसकी सारी व्यवस्था गृह सचिव और प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा अलोक कुमार देख रहे हैं.