लखनऊ: उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध से निपटने के लिए सरकार द्वारा प्रदेश में फोरेंसिक लैब तथा साइबर थाने की स्थापना की जा रही है. अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने यह जानकारी दी. उनका कहना है कि ऐसे अपराधों की विवेचना और अभियोजन के लिए अपने पुलिस तंत्र एवं अभियोजकों को साइबर अपराध के क्षेत्र में दक्ष बनाया जाना आवश्यक है. इसके दृष्टिगत प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्राम पिपरसण्ड, थाना सरोजनीनगर में उत्तर प्रदेश पुलिस और फोरेंसिंक साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना 35.16 एकड़ में की जा रही है.
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य फोरेंसिक साइंस, आचार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करने के लिए किया गया है. इसके साथ ही आपराधिक मामलों की जांच, प्रबंधन एवं संचालन में आवश्यक प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता उत्पन्न करना, प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करना एवं प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों को एकीकृत करना है.
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना से राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्थाओं में समन्वय के साथ-साथ फोरेंसिक साइंस में डिग्री प्रदान किया जाना सम्भव हो सकेगा. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों एवं नेपाल, भूटान, मालद्वीव, श्रीलंका आदि पड़ोसी देशों के छात्र भी फोरेंसिक साइंस के विभिन्न विषयों में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे. अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं प्रदेश को विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु नोडल अधिकारी नामित किया गया है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से भी सहयोग लिया जा रहा है. अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु इजराइल देश से तकनीकी सहयोग एवं गुजरात फोरेंसिक यूनिवर्सिटी, गांधीनगर से एमओयू किए जाने की कार्यवाही की जा रही है.
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस और फोरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय हेतु 20 करोड़ रूपए का प्राविधान किया गया है. इस विश्वविद्यालय के लिए 3 पद कुलपति, कुलसचिव एवं वित्त अधिकारी के सृजित किये जाएंगे. विश्वविद्यालय में कुल 10 विभाग जिसमें भौतिक विभाग, प्रलेख विभाग, आग्नेयास्त्र अनुभाग, रसायन विभाग, विष विभाग, जीव विज्ञान विभाग, डीएनए विभाग, साइबर क्राइम विभाग, व्यवहार विभाग एवं विधि विभाग शामिल हैं. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में अध्यापन हेतु प्रोफेसर के 14 पद, एसोशिएट प्रोफेसर के 14, असिस्टेन्ट प्रोफेसर के 42 सहित कुल अन्य 496 पद प्रस्तावित हैं.