लखनऊ : बॉलीवुड फिल्म आदि पुरुष रिलीज होने से पहले ही सुर्खियों में बनी हुई थी. यह फिल्म धर्म ग्रंथ रामायण पर आधारित है और इस फिल्म में भगवान राम के रूप में अभिनेता प्रभास और माता सीता रूप में कृति सेनन ने अभिनय किया है. बीते शुक्रवार को सिनेमाघरों में बॉलीवुड फिल्म आदि पुरुष रिलीज हुई थी. सिनेमाघरों से फिल्म देखकर लौट रहे दर्शकों का कहना है कि इंटरटेनमेंट के लिहाज से यह फिल्म बेशक अच्छी है और श्री राम के नाम पर यह फिल्म कमाई भी अच्छी करेगी, लेकिन इस फिल्म में ड्रामा अधिक दिखाया गया है. मौजूदा समय को देखते हुए फिल्म में नाटकीय दृश्य दिखाए गए हैं. दर्शकों का कहना है कि फिल्म की शुरुआत ही सीता हरण से हुई है. फिल्म में अयोध्या के राजा दशरथ के बारे में दिखाया ही नहीं गया है. उनके चारों पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न ने किस प्रकार से शिक्षा दीक्षा ली. भगवान राम की शादी किस तरह से सीता से हुई. सीता स्वयंवर भी नहीं दिखाया गया है. ऐसे में बच्चों को आधी अधूरी जानकारी ही इस फिल्म से प्राप्त हो रही है.
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सिनेमाघरों से आदि पुरुष देखकर निकल रहे दर्शकों ने कहा कि फिल्म में नाटकीय दृश्य दिखाए गए हैं. फिल्म में जिस तरह से शब्दों का इस्तेमाल किया गया है और डायलॉग बोले गए हैं यह हमारे श्री राम के पारंपरिक व्यक्तित्व के लिहाज से खरे नहीं हैं. भगवान श्री राम शांति के प्रतीक हैं. भगवान श्री राम के व्यक्तित्व में उदारता है, लेकिन फिल्म में अभिनेता प्रभास के व्यक्तित्व में या छवि में किसी प्रकार की श्री राम की छवि नहीं झलकती है. फिल्म में माता सीता ने सफेद रंग के पोशाक धारण किए हैं, जबकि महर्षि वाल्मीकि द्वारा बनी रामायण में माता सीता ने भगवा रंग का पोशाक धारण किया था.
दर्शकों ने कहा कि रामायण के साथ छेड़छाड़ किया गया है. अगर हम अपने बच्चे को दिखा रहे हैं तो यह फिल्म रामायण का आधा ही सच दिखा रही है. वहीं बहुत से दर्शकों ने कहा कि हम अपने बच्चों के साथ आदि पुरुष फिल्म देखने के लिए पहुंचे हैं मनोरंजन के लिहाज से फिल्म अच्छी है. फिल्म में ड्रामा है लेकिन सच्चाई के साथ छेड़छाड़ किया गया है. जिस तरह से स्क्रिप्ट लिखी गई है. दमदार नहीं है. सिनेमाघरों में बच्चे भी फिल्म देखने के लिए पहुंचे. बच्चों ने फिल्म की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "फिल्म अच्छी लगी है बहुत अच्छी फिल्म है बच्चों ने कहा कि हमने रामायण भी देखनी है और यह फिल्म भी देख कर आ रहे हैं हमें तो फिल्म अच्छी लगी."
फिल्म में नहीं दिखाए गए यह तथ्य
पौराणिक कथाएं फिल्माने का इतिहास भारत में भी सिनेमा जितना ही पुराना है. पहली राम कथा जब परदे पर उतरी तो राम और सीता दोनों के किरदार एक ही कलाकार ने निभाए. राम की सौम्यता की झलक वहीं से निकली. तेलुगू में बनी रामकथा में राम मूंछों के साथ नजर आए और अब तेलुगू के तथाकथित सुपर सितारे प्रभास जब अपनी नई फिल्म के साथ सिनेमाघरों तक पहुंचे हैं तो वह मूंछों वाले राम ही बने हैं. राम को जिस दिन राजा बनना था, उसका मुहूर्त नक्षत्रों की गणनाएं करके ही निकाला गया. गुरु वशिष्ठ जैसे ज्ञानी ने ये मुहूर्त निकाला, लेकिन वही मुहूर्त राजा दशरथ के मरण और राम के वनवास का कारण बना. राम कथा ऐसी ही छोटी छोटी अनुभूतियों की कहानी है. ये अनुभूतियां कभी केवट प्रसंग में दिखती हैं तो कभी शबरी के जूठे बेरों में तो कभी राम और हनुमान के मिलन में. दुश्मन सेना में आकर मरणासन्न की चिकित्सा करने वाले सुषेण वैद्य का प्रसंग विस्तार में देखे तो बड़े सामाजिक प्रभाव वाला है, लेकिन जिस सामाजिक समरसता का पाठ राम ने पढ़ाया, वे यहां उनके पराक्रमी प्रचार के प्रपंच में खो गए हैं.