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ओवैसी के बयान राजनीतिक फायदे के लिए होते हैंः अतहर हुसैन

अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने गणतंत्र दिवस के मौके पर सांकेतिक रूप से मस्जिद की नींव रखी थी. इस मस्जिद के लिए जमीन मिलने के साथ ही समुदाय के धर्मगुरुओं और नेताओं ने बयान आने लगे थे. सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस जमीन पर बनने वाली मस्जिद पर आपत्ति जताई थी. उनके इस बयान पर ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने ओवैसी को करार जवाब दिया है. पढ़िए ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत...

प्रवक्ता अतहर हुसैन.
प्रवक्ता अतहर हुसैन.
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Published : Jan 28, 2021, 9:02 PM IST

Updated : Jan 28, 2021, 9:37 PM IST

लखनऊ: अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने गणतंत्र दिवस के मौके पर सांकेतिक रूप से मस्जिद की नींव रखी थी. इसके साथ ही मस्जिद निर्माण की आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 5 एकड़ भूमि पर मस्जिद के साथ एक अस्पताल, रिसर्च सेंटर, कम्युनिटी किचन, लाइब्रेरी, म्यूजियम का निर्माण भी होना है. मस्जिद निर्माण से जुड़े सवालों पर ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

प्रवक्ता अतहर हुसैन.

हालांकि, धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के लिए जमीन मिलने साथ ही समुदाय के धर्मगुरुओं और नेताओं ने बयान आने लगे थे. हैदराबाद में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मस्जिद पर आपत्ति जताई थी. इस पर ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन कहा कि ओवैसी के सारे बयान राजनीतिक फायदे के लिए होते हैं.



सवाल- मस्जिद निर्माण के लिए 30 माह की अवधि क्यों तय की गई?

जवाब- हमारा हॉस्पिटल का प्रोजेक्ट तकरीबन 100 करोड़ रुपये का है. इसमें इंडो इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर, म्यूजियम और पब्लिकेशन भी है. हमने बड़े फंड लेने के लिए इनकम टैक्स की छूट के लिए 12A और 80G के लिए अप्पलाई किया है. यह बड़ा प्रोजेक्ट है और इसमें बड़े फंड आने हैं. इसलिए पहले हमें इनकम टैक्स की छूट 12A और 80G के तहत मिल जाए तभी हम 30 महीने में निर्माण पूरा कर पाएंगे.

सवाल- क्या मंदिर से पहले मस्जिद का निर्माण पूरा करना है, क्योंकि 39 महीने का समय मंदिर निर्माण के निर्धारित किया गया है?

जवाब- 30 महीने अभी से नहीं है. पहले हमें इनकम टैक्स छूट की प्रक्रिया पूरी करनी है और नक्शा पास कराना है. उसके बाद निर्माण में 30 महीने में प्रोजेक्ट तैयार होगा.

सवाल- निर्माण स्थल की मिट्टी के नमूने लिए गए हैं, मिट्टी की किस तरह की जांच कराई जा रही है और इसकी रिपोर्ट कब तक आ सकती है?

जवाब- धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के निर्माण स्थल के करीब में ही सरयू नदी है. इसलिए मिट्टी का प्रशिक्षण कर उसकी कंपैटिबिलिटी चेक की जाएगी, क्योंकि अस्पताल का प्रोजेक्ट बहुत भव्य है. इसलिए जमीन की जांच भी जरूरी है कि उस पर किस तरह का निर्माण किया जा सकता है. अभी रिपोर्ट आने की कोई तय समय सीमा नहीं है, लेकिन उम्मीद है जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी.

सवाल- मस्जिद निर्माण की ज़िम्मेदारी किस फर्म को दी गई है?

जवाब- अभी देखा जाएगा, इसकी पूरी जिम्मेदारी हमारे कंसल्टेंट आर्किटेक्ट एस.एम.अख्तर को दी गई है वो फर्म के बारे में बताएंगे. अभी किसी फर्म को निर्माण की जिम्मेदारी नहीं दी गई है, सिर्फ सॉइल टेस्टिंग यू एंड आई कम्पनी को दी गई है.

सवाल- मंदिर निर्माण समिति धन संग्रह को लेकर देशव्यापी अभियान चला रहा है. क्या मस्जिद के लिए भी ऐसी कोई मुहिम चलाने का इरादा है?

जवाब- हम शुरुआत से कहते चले आ रहे है कि हम घर-घर जाकर किसी भी तरह का चंदा नही जुटाएंगे. हम पोर्टल के माध्यम से धन ले रहे हैं और हमारे कुछ डोनर्स हैं जो हमें फंड देंगे.

सवाल- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी इस जमीन को लिए जाने का लगातार विरोध कर रहे हैं जिलानी का कहना है कि इस मस्जिद में मुसलमानों की नमाज जायज नहीं होगी, यह इस्लाम के खिलाफ है. इस पर आपका क्या कहना है?

जवाब- जफरयाब जिलानी शहर के बड़े वकील हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि उनका यह मानना सही है. यह उनकी निजी राय होगी. क्योंकि मैं जिस अल्लाह और कुरान को मानता हूं उसमें हर जगह जहाँ हम सजदा कर सकते हैं, वहां नमाज जायज मानी गई है.

सवाल- असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या की मस्जिद में नमाज़ को हराम बताया है, इसपर आपका क्या कहना है?

जवाब- ओवैसी साहब हैदराबाद के नेता हैं और उनको हैदराबाद की सियासत करना बहुत अच्छे से आता है. उनके सारे बयान इस संदर्भ में दिए जाते हैं कि उनको सियासत में किस तरीके से फायदा मिले. हम 1857 में अपनी शहादत देने वाले मौलवी अहमदुल्लाह शाह की याद में म्यूजियम बना रहे हैं और एक हैदराबाद में बैठा शख्स फैजाबाद के 1857 के संघर्ष को नहीं समझ सकता. ओवैसी अवध की गंगा-जमुनी तहजीब को नहीं समझ सकते.

लखनऊ: अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने गणतंत्र दिवस के मौके पर सांकेतिक रूप से मस्जिद की नींव रखी थी. इसके साथ ही मस्जिद निर्माण की आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 5 एकड़ भूमि पर मस्जिद के साथ एक अस्पताल, रिसर्च सेंटर, कम्युनिटी किचन, लाइब्रेरी, म्यूजियम का निर्माण भी होना है. मस्जिद निर्माण से जुड़े सवालों पर ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

प्रवक्ता अतहर हुसैन.

हालांकि, धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के लिए जमीन मिलने साथ ही समुदाय के धर्मगुरुओं और नेताओं ने बयान आने लगे थे. हैदराबाद में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मस्जिद पर आपत्ति जताई थी. इस पर ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन कहा कि ओवैसी के सारे बयान राजनीतिक फायदे के लिए होते हैं.



सवाल- मस्जिद निर्माण के लिए 30 माह की अवधि क्यों तय की गई?

जवाब- हमारा हॉस्पिटल का प्रोजेक्ट तकरीबन 100 करोड़ रुपये का है. इसमें इंडो इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर, म्यूजियम और पब्लिकेशन भी है. हमने बड़े फंड लेने के लिए इनकम टैक्स की छूट के लिए 12A और 80G के लिए अप्पलाई किया है. यह बड़ा प्रोजेक्ट है और इसमें बड़े फंड आने हैं. इसलिए पहले हमें इनकम टैक्स की छूट 12A और 80G के तहत मिल जाए तभी हम 30 महीने में निर्माण पूरा कर पाएंगे.

सवाल- क्या मंदिर से पहले मस्जिद का निर्माण पूरा करना है, क्योंकि 39 महीने का समय मंदिर निर्माण के निर्धारित किया गया है?

जवाब- 30 महीने अभी से नहीं है. पहले हमें इनकम टैक्स छूट की प्रक्रिया पूरी करनी है और नक्शा पास कराना है. उसके बाद निर्माण में 30 महीने में प्रोजेक्ट तैयार होगा.

सवाल- निर्माण स्थल की मिट्टी के नमूने लिए गए हैं, मिट्टी की किस तरह की जांच कराई जा रही है और इसकी रिपोर्ट कब तक आ सकती है?

जवाब- धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के निर्माण स्थल के करीब में ही सरयू नदी है. इसलिए मिट्टी का प्रशिक्षण कर उसकी कंपैटिबिलिटी चेक की जाएगी, क्योंकि अस्पताल का प्रोजेक्ट बहुत भव्य है. इसलिए जमीन की जांच भी जरूरी है कि उस पर किस तरह का निर्माण किया जा सकता है. अभी रिपोर्ट आने की कोई तय समय सीमा नहीं है, लेकिन उम्मीद है जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी.

सवाल- मस्जिद निर्माण की ज़िम्मेदारी किस फर्म को दी गई है?

जवाब- अभी देखा जाएगा, इसकी पूरी जिम्मेदारी हमारे कंसल्टेंट आर्किटेक्ट एस.एम.अख्तर को दी गई है वो फर्म के बारे में बताएंगे. अभी किसी फर्म को निर्माण की जिम्मेदारी नहीं दी गई है, सिर्फ सॉइल टेस्टिंग यू एंड आई कम्पनी को दी गई है.

सवाल- मंदिर निर्माण समिति धन संग्रह को लेकर देशव्यापी अभियान चला रहा है. क्या मस्जिद के लिए भी ऐसी कोई मुहिम चलाने का इरादा है?

जवाब- हम शुरुआत से कहते चले आ रहे है कि हम घर-घर जाकर किसी भी तरह का चंदा नही जुटाएंगे. हम पोर्टल के माध्यम से धन ले रहे हैं और हमारे कुछ डोनर्स हैं जो हमें फंड देंगे.

सवाल- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी इस जमीन को लिए जाने का लगातार विरोध कर रहे हैं जिलानी का कहना है कि इस मस्जिद में मुसलमानों की नमाज जायज नहीं होगी, यह इस्लाम के खिलाफ है. इस पर आपका क्या कहना है?

जवाब- जफरयाब जिलानी शहर के बड़े वकील हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि उनका यह मानना सही है. यह उनकी निजी राय होगी. क्योंकि मैं जिस अल्लाह और कुरान को मानता हूं उसमें हर जगह जहाँ हम सजदा कर सकते हैं, वहां नमाज जायज मानी गई है.

सवाल- असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या की मस्जिद में नमाज़ को हराम बताया है, इसपर आपका क्या कहना है?

जवाब- ओवैसी साहब हैदराबाद के नेता हैं और उनको हैदराबाद की सियासत करना बहुत अच्छे से आता है. उनके सारे बयान इस संदर्भ में दिए जाते हैं कि उनको सियासत में किस तरीके से फायदा मिले. हम 1857 में अपनी शहादत देने वाले मौलवी अहमदुल्लाह शाह की याद में म्यूजियम बना रहे हैं और एक हैदराबाद में बैठा शख्स फैजाबाद के 1857 के संघर्ष को नहीं समझ सकता. ओवैसी अवध की गंगा-जमुनी तहजीब को नहीं समझ सकते.

Last Updated : Jan 28, 2021, 9:37 PM IST
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