लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले 16 साल से 1 अप्रैल को ऑल टीचर्स एंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन काला दिवस के तौर पर मनाते आ रहा है. इस बार इस संगठन ने सरकार के विरोध की परंपरा को स्थगित कर दिया. एसोसिएशन की ओर से बुधवार को विभिन्न स्थानों पर जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री बांटी गई.
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षण संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में पेंशन योजना रद किए जाने का विरोध पिछले 16 साल से शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी करते आ रहे हैं. हर साल एक अप्रैल को काला दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
ऑल टीचर्स एंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधुओं ने बताया कि देश जिन विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहा है ऐसे में संगठन ने काला दिवस मनाने का फैसला स्थगित कर दिया है.
संगठन के सदस्य अब तक अपने खराब दिन के तौर पर 1 अप्रैल को काला दिवस के तौर पर मनाते आए हैं. उन्होंने बताया कि मौजूदा हालात में शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षक और अन्य कर्मचारियों के मुकाबले दूसरे वर्ग को ज्यादा मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में संगठन की ओर से 1 अप्रैल को मदद दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
अटेवा के सदस्यों ने राजधानी लखनऊ समेत अन्य शहरों में जगह-जगह कमजोर वर्ग के जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री का वितरण किया है, जिसमें आटा, चावल, दाल तेल, मसाले, आलू-टमाटर, प्याज, दूध और फल शामिल हैं.
-डॉ. नीरज त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री