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इस्कॉन मंदिर में हुआ अष्टम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित इस्कॉन मंदिर में अष्टम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का कार्यक्रम हुआ. यह महोत्सव बड़े धूम धाम से मनाया गया.

इस्कॉन मंदिर
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Published : Feb 17, 2021, 5:44 AM IST

लखनऊ: राजधानी में सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) श्री श्री राधा रमण बिहारी में भगवान श्री श्री राधारमण बिहारी जी का अष्टम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न हुआ. 16 फरवरी को यह कार्यक्रम बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया गया.

इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन मंदिर
अध्यक्ष ने किया प्रथम पूजन
भगवान का प्रथम पूजन व अभिषेक इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास ने किया. उसके बाद कथा, संकीर्तन, भजन व भगवान की भक्ति में नृत्य हुए. अंत में भगवान की राजभोग आरती हुई.
हुआ प्रवचन
अष्टम प्राण प्रतिष्ठा महामहोत्सव पर भगवद् कथा में अपरिमेय श्यामदास ने बताया कि श्री श्री राधारमण बिहारी जी की राजधानी वासियों पर बड़ी कृपा है. हम जिसकी सेवा करते हैं, उससे उतना ही प्रेम करते हैं. जैसे आम जीवन में व्यक्ति अपने माता-पिता की अपेक्षा अपने पुत्र-पुत्री की सेवा करता है. अर्थात व्यक्ति का प्रेम माता-पिता से अधिक बच्चों में होता है. इसी तरह जब हम भगवान की सेवा प्रेम भाव से करेंगे, तो हमारा उनसे प्रेम होगा.
स्वध्याय की सलाह
अंत में उन्होंने सभी लोगों से श्रीमद्भगवतगीता यथारूप स्वाध्याय, हरिनाम जप एवं श्री श्री राधारमण बिहारी जी की अधिक से अधिक प्रेम भाव से सेवा करने को कहा, जिससे उनकी कृपा सबको प्राप्त हो. साथ ही महोत्सव में उपस्थित लोगों को स्वध्याय करने की सलाह दी. इसके बाद कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया.

लखनऊ: राजधानी में सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) श्री श्री राधा रमण बिहारी में भगवान श्री श्री राधारमण बिहारी जी का अष्टम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न हुआ. 16 फरवरी को यह कार्यक्रम बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया गया.

इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन मंदिर
अध्यक्ष ने किया प्रथम पूजन
भगवान का प्रथम पूजन व अभिषेक इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास ने किया. उसके बाद कथा, संकीर्तन, भजन व भगवान की भक्ति में नृत्य हुए. अंत में भगवान की राजभोग आरती हुई.
हुआ प्रवचन
अष्टम प्राण प्रतिष्ठा महामहोत्सव पर भगवद् कथा में अपरिमेय श्यामदास ने बताया कि श्री श्री राधारमण बिहारी जी की राजधानी वासियों पर बड़ी कृपा है. हम जिसकी सेवा करते हैं, उससे उतना ही प्रेम करते हैं. जैसे आम जीवन में व्यक्ति अपने माता-पिता की अपेक्षा अपने पुत्र-पुत्री की सेवा करता है. अर्थात व्यक्ति का प्रेम माता-पिता से अधिक बच्चों में होता है. इसी तरह जब हम भगवान की सेवा प्रेम भाव से करेंगे, तो हमारा उनसे प्रेम होगा.
स्वध्याय की सलाह
अंत में उन्होंने सभी लोगों से श्रीमद्भगवतगीता यथारूप स्वाध्याय, हरिनाम जप एवं श्री श्री राधारमण बिहारी जी की अधिक से अधिक प्रेम भाव से सेवा करने को कहा, जिससे उनकी कृपा सबको प्राप्त हो. साथ ही महोत्सव में उपस्थित लोगों को स्वध्याय करने की सलाह दी. इसके बाद कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया.
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