लखनऊ : राजधानी लखनऊ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगातार जारी है. बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर सोमवार को भी अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया. वहीं एससीईआरटी कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर देर शाम पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी. अचानक हुई इस पुलिसिया कार्रवाई से भगदड़ मच गई. इसकी चपेट में कई महिला अभ्यर्थी भी आ गईं. पुलिस ने उनको भी नहीं छोड़ा. इस दौरान पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. जो पकड़ में आ गए उनको इको गार्डन ले जाकर छोड़ा.
अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की जा रही है. ओबीसी अभ्यर्थियों को भर्ती में 27% के स्थान पर सिर्फ 3.86% आरक्षण मिला है. वहीं, एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को 21% के स्थान पर सिर्फ 16.6% आरक्षण दिया गया है. उनकी शिकायत है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि की है. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल को जारी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में माना कि 5844 ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग रोकी गई.
दरअसल, प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना था कि बीते पांच जुलाई को बेसिक शिक्षा मंत्री ने आयोग की अंतरिम रिपोर्ट लागू करने के लिए चार दिन का समय मांगा था. लेकिन समय बीत जाने के 15 दिन बाद भी आयोग की रिपोर्ट पर बेसिक शिक्षा मंत्री संज्ञान नहीं ले रहे हैं. इसको लेकर हम लोग प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई न किए जाने को लेकर आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने नाराजगी जताई है. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों कहना था कि जब तक उन्हें आरक्षण नहीं दिया जाएगा, तब तक वो धरना प्रदर्शन करते रहेंगे. इस दौरान अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे आरक्षण पीड़ितों पर पुलिस ने मौका पाकर जमकर लाठियां बरसाई. पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान भगदड़ मच गई. कईयों को गंभीर चोटें आईं हैं. एक अभ्यर्थी की रीढ़ की हड्डी और पैर में गम्भीर चोट आई है. उस अभ्यर्थी को हजरतगंज सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.