लखनऊ: आगामी 20 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान विशेष सावधानियां बरती जाएंगी. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सत्र आहूत किया जाएगा. विधानसभा सत्र की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, समाजवादी पार्टी के राकेश प्रताप सिंह, बहुजन समाज पार्टी विधान मंडल दल के नेता लालजी वर्मा शामिल हुए.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना की विषम परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र आहूत किया जा रहा है. इससे पूर्व मध्य प्रदेश के अतिरिक्त अन्य किसी राज्य में कोरोना के दौरान सत्र आहूत नहीं किया गया है. उत्तर प्रदेश राज्य इस संबंध में मानक निर्धारित करेगा. सदन में सभी दलों के सदस्यों के लिए भौतिक दूरी बनाते हुए भूतल और प्रथम तल पर बैठने का प्रबंध किया जाएगा. दर्शक दीर्घा का भी प्रयोग सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा. सभी सदस्यों को सदन में जाने से पूर्व सैनिटाइजेशन एवं मास्क आदि की व्यवस्था पर भी विचार हुआ है.
विधानसभा में सदस्यों के आगमन पर प्रवेश द्वारों पर सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था कराए जाने पर विचार किया गया. सदन के अंदर प्रवेश के लिए भी हां और न लावी के द्वार भी खोले जाने पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया है. दीक्षित ने कहा कि संसद में पूर्व सांसदों को पास न जारी करने का निर्णय लिया है. इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी पूर्व विधायकों के प्रवेश पत्र भी सत्र के दौरान निलंबित रखे जाने पर विचार किया गया. इसके अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के प्रवेश पत्र भी स्थगित रहेंगे. बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए कैफिटेरिया को संचालित नहीं किया जाएगा.
उपर्युक्त सभी विषयों पर सर्वसम्मति से सहमति प्रदान की गई है. बैठक में सभी नेताओं ने अध्यक्ष को धन्यवाद दिया कि उन्होंने समय से पूर्व इन बिंदुओं पर चर्चा की तथा कोरोना के मध्य सदन को संचालित करने के विषय को गंभीरता से लिया. अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के इस सत्र की ओर देश की सभी विधानसभाओं की दृष्टि रहेगी. हम लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना के मध्य संवैधानिक बाध्यता के कारण संचालित किए जाने वाले इस सत्र में कोरोना के प्रोटोकाल को गंभीरता से अनुपालन करते हुए मर्यादित ढंग से संपन्न कराएं.