लखनऊ: कानपुर में संजीत यादव अपहरण व हत्याकांड के बाद शासन ने कार्रवाई करते हुए कानपुर के बर्रा थाने में दर्ज एफआईआर के संदर्भ में अपर पुलिस अधीक्षक, दक्षिणी कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता और तात्कालिक क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता को निलंबित कर दिया है. वहीं संजीत के अपहरण, हत्या, फिरौती की राशि दिए जाने, अभियुक्तों की गिरफ्तारी व पैसे की बरामदगी के संदर्भ में बीपी जोगदंड अपर पुलिस महानिदेशक, पीएचक्यू को तत्काल कानपुर नगर पहुंचकर जांच के निर्देश दिए गए हैं.
दरअसल, कानपुर में पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई. 22 जून को नौबस्ता के पास से संजीत यादव को अपहरण किया गया था. उसके दो दोस्तों ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर संजीत का अपहरण कर फिरौती की मांग की थी. 29 जून को भी परिजनों के पास फिरौती के लिए आरोपियों ने फोन किया था, जिसके बाद पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पीड़ित परिवार से 30 लाख की फिरौती दिलवाई थी.
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मामले में पुलिस का कहना है कि फिरौती नहीं दी गई. वहीं परिजनों का कहना है कि अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी. इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी, जिस नंबर से अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की मांग थी, उसे पुलिस ने सर्विलांस पर भी लगाया था. इसके बाद भी संजीत का कहीं कुछ पता नहीं चल सका. पुलिस का कहना है कि अपराधी फिरौती की रकम कबूल नहीं रहे हैं. पुलिस अब भी जांच कर रही है. फिरौती की रकम को लेकर भी पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. पुलिस अधिकारी अभी तक इस प्रकरण में गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए हैं.