लखनऊ : समाज कल्याण विभाग द्वारा पिछले एक वर्ष में तकनीक का भरपूर प्रयोग कर योजनाओं को पारदर्शी बनाया गया, ताकि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ आसानी से पहुंच सके. सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए संचालित आश्रम पद्धति विद्यालयों को टैब व कम्प्यूटर लैब से सुसज्जित किया गया, ताकि तकनीक आधारित शिक्षा का लाभ समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी मिल सके. यह जानकारी समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने दी. उन्होंने कहा कि 'विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए समाज कल्याण विभाग सभी जिलों में अनुसूचित छात्रावासों को प्रतिभा केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है. इसके लिए विभिन्न योजनाओं से बजट भी उपलब्ध कराया जा रहा है.'
समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि 'छात्रावासों को प्रतिभा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए मेस, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय आदि की व्यवस्था की जा रही है. इन छात्रावासों को उद्यमिता विकास कार्यक्रमों के माध्यम से जोड़ा जाएगा. जहां छात्र-छात्राओं को कौशल विकास के विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा स्वरोज़गार के लिए प्रेरित किया जाएगा. एक वर्ष में सात नए एटीएस स्कूल स्वीकृत हुए हैं, जबकि 15 का निर्माण कार्य चल रहा है.'
समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि 'समाज के वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, सम्मान ही प्राथमिकता है. बुजुर्गों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धा अवस्था पेंशन दी जा रही है. जिसका लाभ 50 लाख से अधिक वरिष्ठ जन उठा रहे हैं. बुजुर्गों के लिए शुरू की गई एल्डर लाइन को और मजबूत करने का काम समाज कल्याण विभाग द्वारा किया गया है. उन्होंने बताया कि योजनाओं में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है. वृद्धा अवस्था पेंशन योजना में आधार लिंक होने के बाद 7 लाख बुजुर्ग योजना में बढ़े हैं. आधार लिंक होने के बाद कई निष्प्रयोज्य खाते बंद भी हुए हैं.
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