ETV Bharat / state

कथक सम्राट पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की अस्थियां गोमती में प्रवाहित

author img

By

Published : Jan 21, 2022, 8:25 PM IST

कथक सम्राट पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज ने रविवार रात दिल्ली में आखिरी सांस ली. शुक्रवार को उनकी अस्थियां परिजनों ने गोमती में प्रवाहित की.

ईटीवी भारत
पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की अस्थियां बेटे और पोते ने गोमती में किया प्रवाहित

लखनऊ : कथक सम्राट पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज का निधन रविवार को नई दिल्ली में हो गया था. शुक्रवार को परिजन उनकी अस्थियां लेकर लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचे. यहां गोमती नदी में उनकी अस्थियां प्रवाहित की गईं. ज्येष्ठ पुत्र ने बताया कि महाराजजी जी की इच्छा थी कि उनकी अस्थियां गोमती और काशी की गंगा में प्रवाहित की जाएं. उनकी अंतिम इच्छा को पूरा किया जा रहा है.

उनका जन्म 4 फरवरी, 1938 को लखनऊ में हुआ था. लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज के पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उनके देहांत की जानकारी दी थी. शुक्रवार को गोमती में अस्थियों को प्रवाहित करने के बाद परिवार बनारस के लिए रवाना हो गया. शनिवार को बनारस में गंगा मां में उनकी अस्थियां प्रवाहित की जाएंगीं.

ये भी पढ़ेंः UP Election 2022: भाजपा ने 85 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की

कथक सम्राट पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की अस्थियां गोमती में प्रवाहित की गईं.

पंडित बिरजू महाराज महान गुरु, नर्तक, कोरियोग्राफर, गायक और कंपोजर थे. वे तालवाद्य बजाते थे. कविता लिखते थे और चित्रकारी भी करते थे. उनके शिष्य जाने-माने कलाकार हैं और दुनियाभर में फैले हुए हैं.


1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित बिरजू महाराज ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में डांस कोरियोग्राफ किया. जिसमें उमराव जान, डेढ़ इश्कियां, बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्में शामिल हैं. पद्म विभूषण के अलावा उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिल चुका है. वहीं 2012 में विश्वरूपम फिल्म में कोरियोग्राफी के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : कथक सम्राट पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज का निधन रविवार को नई दिल्ली में हो गया था. शुक्रवार को परिजन उनकी अस्थियां लेकर लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचे. यहां गोमती नदी में उनकी अस्थियां प्रवाहित की गईं. ज्येष्ठ पुत्र ने बताया कि महाराजजी जी की इच्छा थी कि उनकी अस्थियां गोमती और काशी की गंगा में प्रवाहित की जाएं. उनकी अंतिम इच्छा को पूरा किया जा रहा है.

उनका जन्म 4 फरवरी, 1938 को लखनऊ में हुआ था. लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज के पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उनके देहांत की जानकारी दी थी. शुक्रवार को गोमती में अस्थियों को प्रवाहित करने के बाद परिवार बनारस के लिए रवाना हो गया. शनिवार को बनारस में गंगा मां में उनकी अस्थियां प्रवाहित की जाएंगीं.

ये भी पढ़ेंः UP Election 2022: भाजपा ने 85 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की

कथक सम्राट पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज की अस्थियां गोमती में प्रवाहित की गईं.

पंडित बिरजू महाराज महान गुरु, नर्तक, कोरियोग्राफर, गायक और कंपोजर थे. वे तालवाद्य बजाते थे. कविता लिखते थे और चित्रकारी भी करते थे. उनके शिष्य जाने-माने कलाकार हैं और दुनियाभर में फैले हुए हैं.


1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित बिरजू महाराज ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में डांस कोरियोग्राफ किया. जिसमें उमराव जान, डेढ़ इश्कियां, बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्में शामिल हैं. पद्म विभूषण के अलावा उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिल चुका है. वहीं 2012 में विश्वरूपम फिल्म में कोरियोग्राफी के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.