लखनऊ : आशा सम्मेलन में आशा बहुओं को चिन्हित करके उनके बेहतर कार्य के लिए इस सम्मेलन में सम्मानित किया गया. इस कड़ी में जिले भर से पीएचसी व सीएचसी की तमाम आशा बहू इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. आशा सम्मेलन में मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आशाओं का अहम योगदान है. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए मनोयोग से काम करना है. इस संबंध में उन्होंने उपस्थित आशाओं का शपथ दिलाई. प्रत्येक ब्लॉक से अच्छा काम करने वाली तीन-तीन आशाओं को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया गया.
सीएमओ ने कहा अब तक 2000 से अधिक आरोग्य केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं
मुख्यमंत्री का संदेश पढ़ते हुए सीएमओ नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 2000 से अधिक आरोग्य केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं. इन केंद्रों द्वारा आशाओं के सहयोग से जन समुदाय को प्राथमिक स्वास्थ सेवा विशेषकर गैर संचारी रोगों से संबंधित सेवाएं जनता तक पहुंचा रही है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करें और टीकाकरण का लक्ष्य भी शत-प्रतिशत हासिल किया जाए. स्वच्छ भारत अभियान में योगदान देने के साथ जल संचयन व संरक्षण में भी भूमिका निभाएं. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्रों को गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करें. साथ ही बताएं कि कैसे राज्य व केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ ले सकते हैं.
आशा बहुओं ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी
कार्यक्रम में आशाओं ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी सम्मेलन में विभिन्न योजनाओं के स्टॉल भी लगाए गए थे. इस दौरान डीजी हेल्थ डॉ पद्माकर सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल सहित सीएमओ दफ्तर के कई अधिकारी मौजूद रहे, और इस कार्यक्रम में आशा बहुओं समेत तमाम अधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.
आशा बहुओं का सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है ये 2006 से शुरु किया गया था. जब निचले स्तर के स्वास्थ्य विभाग का प्रबन्धन करना और उन्हें चिह्नित करना जो किसी न किसी बिमारी से पीड़ित रहते हैं उन तक सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को पहुंचाना. इन्हीं आशा बहुओं के द्वारा किया जाता है इन्हीं के लिये ये कार्यक्रम आयोजित करके उन्हें सम्मानित किया जाता है .
- जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार