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डिफेंस एक्सपो: सेना को जल्द मिलेगी आर्टिलरी गन, 48 किमी है मारक क्षमता - सेना में जल्द शामिल होगी आर्टिलरी गन

लखनऊ के डिफेंस एक्सपो में एक आर्टिलरी गन भी प्रदर्शनी में लगाई गई है. यह गन कुछ सेकंड में ही 30 से 60 राउंड फायरिंग करने की क्षमता रखती है. इसकी मारक क्षमता 48 किलोमीटर है.

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आर्टिलरी गन
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Published : Feb 6, 2020, 9:47 PM IST

लखनऊ: राजधानी में आयोजित डिफेंस एक्सपो के अंतर्गत प्रदर्शनी की एक विशेष आकर्षक आर्टिलरी गन भी है. इस गन को टाटा और डीआरडीओ ने तैयार किया है. ये गन अपनी खूबियों के लिए पहचानी जा रही है. डीआरडीओ के साइंटिस्ट ने बताया कि बहुत ही जल्द ये सेना में शामिल होगी.

गन की खासियत बताते डीआरडीओ साइंटिस्ट सुभाष कुमार.


गन की खास बातें
इस गन के सभी उपकरण सेंसर युक्त हैं. ये पूरी तरह से इलेक्ट्रिक ड्राइव है. इन्हीं उपकरणों के आधार पर ये गन चलती है. सेना ने अपने इंटरनल ट्रायल में इसे पास कर लिया है. डीआरडीओ के सूत्रों के अनुसार काफी संख्या में इंजन का निर्माण सेना की डिमांड पर किया गया है.

डीआरडीओ के सूत्रों के अनुसार इस गन को सेना के रक्षा बेड़े में जल्द ही शामिल करने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी होगी. सेना की डिमांड पर आर्टिलरी गन का निर्माण कराया गया है. दो से तीन चरणों की टेस्टिंग प्रक्रिया में सेना के मानकों में खरी भी उतरी है.

यह खास आर्टिलरी गन तमाम दूसरी गन से काफी अलग है और 48 किलोमीटर तक की मारक क्षमता इसकी खास बात है. इसे कई चरणों की टेस्टिंग प्रक्रिया में पास कर लिया गया है. यह जल्द ही सेना के रक्षा बेड़े में शामिल हो जाएगी.

-सुभाष कुमार, साइंटिस्ट, डीआरडीओ

लखनऊ: राजधानी में आयोजित डिफेंस एक्सपो के अंतर्गत प्रदर्शनी की एक विशेष आकर्षक आर्टिलरी गन भी है. इस गन को टाटा और डीआरडीओ ने तैयार किया है. ये गन अपनी खूबियों के लिए पहचानी जा रही है. डीआरडीओ के साइंटिस्ट ने बताया कि बहुत ही जल्द ये सेना में शामिल होगी.

गन की खासियत बताते डीआरडीओ साइंटिस्ट सुभाष कुमार.


गन की खास बातें
इस गन के सभी उपकरण सेंसर युक्त हैं. ये पूरी तरह से इलेक्ट्रिक ड्राइव है. इन्हीं उपकरणों के आधार पर ये गन चलती है. सेना ने अपने इंटरनल ट्रायल में इसे पास कर लिया है. डीआरडीओ के सूत्रों के अनुसार काफी संख्या में इंजन का निर्माण सेना की डिमांड पर किया गया है.

डीआरडीओ के सूत्रों के अनुसार इस गन को सेना के रक्षा बेड़े में जल्द ही शामिल करने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी होगी. सेना की डिमांड पर आर्टिलरी गन का निर्माण कराया गया है. दो से तीन चरणों की टेस्टिंग प्रक्रिया में सेना के मानकों में खरी भी उतरी है.

यह खास आर्टिलरी गन तमाम दूसरी गन से काफी अलग है और 48 किलोमीटर तक की मारक क्षमता इसकी खास बात है. इसे कई चरणों की टेस्टिंग प्रक्रिया में पास कर लिया गया है. यह जल्द ही सेना के रक्षा बेड़े में शामिल हो जाएगी.

-सुभाष कुमार, साइंटिस्ट, डीआरडीओ

Intro:एंकर
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो के अंतर्गत सेना के छक्के छुड़ाने वाली एक आर्टिलरी गन भी प्रदर्शनी में लगाई गई है आर्टिलरी गन की खास बात यह है कि यह 48 किलोमीटर दूर तक मारक क्षमता रखती है और टाटा और डीआरडीओ द्वारा इस बड़ी गन को बनाया गया है डीआरडीओ के सूत्रों के अनुसार इस गम को सेना के रक्षा बेड़े में जल्द ही शामिल करने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी होगी सेना की डिमांड पर आर्टिलरी गन का निर्माण कराया गया है दो तीन चरणों टेस्टिंग प्रक्रिया में सेना के मानकों में खरी भी उतरी है।



Body:वीओ

वर्तमान समय में 48 किलोमीटर और कुछ सेकंड में 30 से 60 राउंड फायरिंग करने की क्षमता रखने वाली इस खास आर्टिलरी गन में तमाम सारी खूबियां भी समाहित है।
इस गन की खास बात यह भी है कि इसमें ऑल इलेक्ट्रिक ड्राइव है जो सेंसर युग तो उपकरणों से लैस है और इसी आधार पर यह चलती है सेना के स्तर पर हुए इंटरनल ट्रायल में इसे पास कर लिया गया है डीआरडीओ के सूत्रों के अनुसार काफी संख्या में इंजन का निर्माण सेना की डिमांड पर किया गया है इन दोनों को सेना में शामिल करने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी।



Conclusion:बाईट, सुभाष कुमार, साइंटिस्ट डीआरडीओ

यह खास आर्टिलरी गन तमाम दूसरे गन से काफी अलग है और 48 किलोमीटर तक की मारक क्षमता इसकी खास बात है इसे कई चरणों में टेस्टिंग प्रक्रिया में पास कर लिया गया है और यह जल्द ही सेना के रक्षा बेड़े में शामिल हो जाएगी कितनी संख्या महीने शामिल करना है इसको लेकर हम सिक्योरिटी पॉइंट से अभी बता नहीं सकते हैं।


धीरज त्रिपाठी 9453099555
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