लखनऊ : डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल बुखार से ठीक होने के बाद भी लोगों को हड्डियों का दर्द सता रहा है. स्थिति यह है कि इन मरीजों के लिए चंद कदम चलना भी भारी पड़ रहा है. सर्दी के मौसम में इस दर्द से परेशान ढेरों मरीज आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे हैं. यही वजह है कि टूड़ियागंज स्थित आयुर्वेद कॉलेज की गठिया (Arthritis patients increased in Lucknow) ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या 40 फीसदी तक बढ़ गई है.
सिविल अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ के अनुसार, अस्पताल की ओपीडी में ऐसे मरीज भी आ रहे हैं, जिन्हें पहले हड्डी या जोड़ों के दर्द की समस्या नहीं थी. इनमें ज्यादातर मरीज ऐसे हैं, जो कुछ सप्ताह पहले डेंगू, चिकनगुनिया या वायरल फीवर की चपेट में आए थे. इलाज के दौरान मरीजों ने बताया कि बुखार ठीक होने के बाद दर्द शुरू हो गया.
गठिया रोग के विशेषज्ञ डॉ. संजीव रस्तोगी ने बताया कि ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या 40 फीसदी तक बढ़ गई है. इनमें 25 फीसदी तो युवा वर्ग के हैं. उन्होंने बताया कि चिकनगुनिया और वायरल फीवर के बाद से हड्डियों में दर्द से परेशान मरीजों को सामान्य इलाज से ठीक किया जा रहा है. इन मरीजों को सामान्य औषधियां लिखने के साथ नियमित व्यायाम की सलाह दी जा रही है. वहीं, गठिया और जोड़ों के पुराने मरीजों का इलाज बीमारी के हिसाब से किया जा रहा है.
सिविल अस्पताल की सीएमएस डॉ आरपी सिंह ने बताया कि अस्पताल में इस समय मरीजों की संख्या कम हो रही है. इस मौसम में मच्छर लंबे समय तक नहीं टिक पाते हैं. ऐसे में जैसे-जैसे ठंडी बढ़ रही है, वैसे-वैसे मरीजों की संख्या भी कम हो रही है. इस समय अस्पताल में बेड भी खाली हैं. मरीज आ रहे हैं, भर्ती हो रहे हैं. इलाज हो रहा है. फिर उसके बाद रिकवर होकर घर वापस लौट रहे हैं. पहले जहां ओपीडी तीन हजार मरीजों की हो रही थी इस समय ओपीडी में लगभग एक हजार ही मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. फिजिशियन की ओपीडी में भी काफी संख्या में मरीजों की कमी हुई है.
सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने कहा कि मौजूदा समय में वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी कम हुई है. पहले जहां एक फिजिशियन की ओपीडी में 300 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे थे. अस्पताल की ओपीडी में इस समय 100 से 150 मरीज आ रहे हैं, हालांकि अभी भी सावधानी की बहुत जरूरत है.